किस पार्टी से हैं देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम विधायक और मंत्री, सभी दलों की पूरी लिस्ट देखिए
नई दिल्ली- देश के 10 बड़े मुस्लिम आबादी वाले राज्यों की बात करें तो यहां इनकी औसत जनसंख्या 17.34% है। ये राज्य हैं- यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, असम, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात और झारखंड। इनमें मुसलमानों की औसतन सबसे ज्यादा जनसंख्या असम में 34.22% है और सबसे कम औसत मुस्लिम आबादी राजस्थान में 9.07% है। इन 10 राज्यों में अगर मुस्लिम विधायकों की बात करें तो उनकी कुल संख्या 233 है, लेकिन इनमें से सिर्फ 16 को ही मंत्री बनने का मौका मिला है। जबकि, इन राज्यों में मंत्रियों की कुल संख्या 281 है। यानि इन राज्यों की कैबिनेट में औसतन मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व 5% से भी कम है।
पिछले हफ्ते बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में जो एनडीए सरकार बनी है, उसमें एक भी मुसलमान को जगह नहीं मिली है। ऐसा पहली बार हुआ है कि बिहार सरकार में कोई मुसलमान प्रतिनिधि नहीं है। इसको लेकर खूब चर्चा भी हो रही है कि मुसलमानों को उपेक्षित छोड़ दिया गया। वैसे इसकी वजह ये है कि जदयू ने जिन मुसलमानों को टिकट दिया भी था, चुनाव में वह जीत नहीं पाए। लिहाजा, 14 मंत्रियों में मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देते समय सीएम नीतीश कुमार के हाथ बंधे रह गए। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश आगे मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे तो अपनी पार्टी से मुस्लिम एमएलसी को सरकार में शायद जरूर शामिल करेंगे।
वैसे देश के इन दस राज्यों में असम के बाद सबसे ज्यादा औसत मुस्लिम आबादी पश्चिम बंगाल में 27.1%, केरल में 26.56%, उत्तर प्रदेश में 19.26%, बिहार में 16.87%, झारखंड में 14.53%, कर्नाटक में 12.92%, महाराष्ट्र में 11.54% और गुजरात में 9.67% है। अलबत्ता भारत की कुल आबादी के हिसाब से देखेंगे तो यूपी में देश के 22.35% मुसलमान रहते हैं।
अब देश में जिन कुल 233 मुस्लिम विधायकों की बात की गई है, उनमें से कितने विधायक किस दल से संबंधित हैं, उनका आंकड़ा पहले देख लते हैं। इसके बात होगी कि इन दसों राज्यों में कैबिनेट में किस पार्टी की सरकार ने कितने मुसलमानों को मंत्री बनाया है। या फिर क्या भाजपा सरकारों में ही मुसलमान मंत्रियों की नुमाइंदगी कम है ? यही नहीं क्या बाकी 'सेक्युलर' दलों ने उनका सही प्रतिनिधित्व दे रखा है ? तथ्य ये है कि देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम विधायक कांग्रेस से हैं, जिनकी संख्या 76 है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस से 32, लेफ्ट से 19, समाजवादी पार्टी के 18, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के 17, एआईएमआईएम से 14, एआईयूडीएफ से 12, भारतीय जनता पार्टी के 1, शिवसेना के 1 और 43 अन्य दलों से मुसलमान एमएलए हैं।
देश के जिन 10 बड़े मुस्लिम जनसंख्या वाले राज्यों की चर्चा हम कर रहे हैं, वहां कुल 13.79 करोड़ मुसलमान रहते हैं और देश के कुल मुसलमानों में यह तादाद 80.08% है। इन 10 राज्यों में मौजूदा वक्त में कुल 281 मंत्री हैं, लेकिन मुसलमान मंत्रियों की संख्या सिर्फ 16 है।
अब हम एक-एक राज्यों में मंत्रियों की अधिकतम संख्या और वहां मुस्लिम मंत्रियों का आंकड़ा देखते हैं। देश की सबसे ज्यादा आबादी और सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और वहां के 54 मंत्रियों में सिर्फ 1 ही मुसलमान हैं। अभी-अभी बिहार में जेडीयू-बीजेपी की सरकार में मुख्यमंत्री समेत 15 लोग कैबिनेट में हैं, लेकिन कोई मुसलमान चेहरा नहीं है। अलबत्ता सबसे ज्यादा मुसलमान मंत्री पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार में हैं, जहां 48 में से 7 मंत्री मुस्लिम हैं। महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार में 43 मंत्री हैं, लेकिन मुस्लिम सिर्फ 4 हैं। भाजपा शासित असम के 18, कर्नाटक के 28 और गुजरात के 23 मंत्रियों में एक भी मुसलमान तो नहीं ही हैं, 76 मुस्लिम एमएलए वाली कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार में 22 मंत्री हैं, लेकिन मुसलमान के नाम पर सिर्फ 1 को मंत्री बनाया गया है। लेफ्ट शासित केरल का भी हाल बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता। वहां 20 मंत्रियों में से सिर्फ 2 मुसलमानों को ही शामिल किया गया है। झारखंड में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई में कांग्रेस और राजद की सरकार है, लेकिन 11 मंत्रियों में से 1 ही मुस्लिम है।