कोरोना वायरस से संक्रमित हुए भारतीय नौसैनिक कहां रह रहे थे
भारतीय नौसेना के जिन 21 जवानों को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है उनमें से 20 ऐसे नौसैनिक हैं जो 'आईएनएस आंग्रे' नाम की इमारत में रह रहे थे. ये इमारत मुंबई के फ़ोर्ट इलाक़े में बसे नेवल बेस डॉक्यार्ड के कैंपस में तट के निकट स्थित है जिसमें अविवाहित नौसैनिक ठहरते हैं. इमारत को देख चुके एक अफ़सर ने नाम न लिए जाने की शर्त पर बताया, "आईएनएस आंग्रे में 650 से लेकर 750
भारतीय नौसेना के जिन 21 जवानों को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है उनमें से 20 ऐसे नौसैनिक हैं जो 'आईएनएस आंग्रे' नाम की इमारत में रह रहे थे.
ये इमारत मुंबई के फ़ोर्ट इलाक़े में बसे नेवल बेस डॉक्यार्ड के कैंपस में तट के निकट स्थित है जिसमें अविवाहित नौसैनिक ठहरते हैं.
इमारत को देख चुके एक अफ़सर ने नाम न लिए जाने की शर्त पर बताया, "आईएनएस आंग्रे में 650 से लेकर 750 नौसैनिकों के ठहरने की व्यवस्था है और नौसेना की भाषा में इसे 'इन-लिविंग ब्लॉक' कहा जाता है".
ख़ास बात ये है कि दूसरे कई बैचलर होस्टलों की ही तरह इस इमारत के कमरों में खाना बनने के लिए अलग से किचन नहीं है तो सभी नौसैनिक कॉमन एरिया में बारी-बारी से खाना खाते हैं.
सूत्रों के मुताबिक़ इमारत के ज़्यादातर कमरों में अलग से बाथरूम नहीं हैं और बड़ी तादाद में लोग हर फ़्लोर पर मौजूद कॉमन सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं.
नौसैनिकों के संक्रमण का पता कैसे चला?
भारतीय नौसेना ने मामले पर बयान जारी करते हुए कहा है कि मुंबई के नौसैनिक परिसरों में कुल 21 कर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 'आईएनएस आंग्रे' के 20 नौसैनिक शामिल हैं.
दरअसल, भारतीय नौसेना में कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला मामला तब सामने आया था जब 5 अप्रैल को एक नौसैनिक का कोविड-19 टेस्ट किया गया था.
7 अप्रैल को आने वाली रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी और उस नौसैनिक का इलाज मुंबई के "आईएनएस अश्विनी" अस्पताल में जारी है.
"आईएनएस अश्विनी" नौसेना की वेस्टर्न कमांड का सबसे बड़ा और मॉडर्न अस्पताल है.
नौसेना के मुताबिक़, ज़्यादातर संक्रमित लोग उस नौसैनिक के संपर्क में आए थे जो सात अप्रैल को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था.
शायद यही वजह है कि मामले को लेकर अत्याधिक सावधानी बरती जा रही है क्योंकि जिन 20 दूसरे नौसैनिकों का टेस्ट पॉज़िटिव आया है उनमें से लगभग सभी 'आईएनएस आंग्रे' में रह रहे थे.
इनकी उम्र का औसत भी 20-25 वर्ष के आसपास बताया गया है और जानकरों के मुताबिक़ इस रिहायशी इमारत को अब पूरी तरह क्वारंटीन कर दिया गया है.
साथ ही भारतीय नौसेना इस बारे में ज़्यादा सजग हो चुकी है कि देश के विभिन्न डॉकयार्ड या ठिकानों पर तैनात युद्धपोत या पनडुब्बियाँ किसी भी तरह के संक्रमण से दूर रहें.
उधर भारतीय थल सेना में कोविड-19 संक्रमण के अभी तक आठ मामले सामने आए हैं.
ग़ौरतलब है कि कोरोना वायरस की चपेट में अमरीका की शक्तिशाली नौसेना का युद्धपोत 'थियोडोर रुज़वेल्ट' भी आ गया था और उसके 100 से भी ज़्यादा नौसनिक वायरस से संक्रमित पाए गए थे.
जहाज़ के 2,000 से ज़्यादा नौसैनिकों के इसके तुरंत बाद क्वारंटीन कर दिया गया था.
वहीं फ्रांस के विमानवाहक युद्धपोत चार्ल्स डे गॉल पर तैनात दो हज़ार में से क़रीब सात सौ नौसैनिक कोविड-19 पॉज़िटिव पाए गए हैं.