क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

हनुमान जी का जन्म स्थान कहां है ? दो राज्यों और तीन स्थानों के अलग-अलग दावे क्या हैं, जानिए

Google Oneindia News

दिल्ली, अप्रैल 14: अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर उनका भव्य मंदिर बनने का काम लगातार जारी है। अब उनके परम भक्त हनुमान जी की असल जन्मभूमि को लेकर दो राज्यों में बहस छिड़ गई है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक दोनों दावे कर रहे हैं बजरंगबली का जन्म उन्हीं के प्रदेश में हुआ था। कर्नाटक का दावा है कि हनुमान जी का जन्म उत्तर कर्नाटक में हम्पी के पास किष्किंधा में अंजेयांद्री पहाड़ पर हुआ था। जबकि, आंध्र प्रदेश के मुताबिक जिस अंजनाद्री पहाड़ पर हनुमान जी ने जन्म लिया था, वह तिरुमाला के सात पहाड़ों में से एक है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने आने वाली राम नवमी को इसकी आधिकारिक घोषणा करने की भी बात कह दी है। इन दोनों स्थानों के बीच जारी बहस के बीच पवित्र रामायण के आधार पर एक और स्थान को उनके जन्म स्थान होने का दावा ठोक दिया गया है, जहां अगले साल की राम नवमी तक एक भव्य हनुमान प्रतिमा बनाने की योजना है।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने बनाया था एक्सपर्ट पैनल

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने बनाया था एक्सपर्ट पैनल

आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने तय किया है कि इस साल राम नवमी के दिन वह अंजनाद्री पहाड़ को राम भक्त हनुमान जी का असल जन्म स्थान घोषित कर देगा। अंजनाद्री पहाड़ उसी पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है, जिसपर बालाजी तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर का पवित्र मंदिर है। टीटीडी का दावा है कि यह साबित करने के लिए उसने तमाम ज्योतिषीय और पौराणिक प्रमाण जुटाए हैं। हालांकि, विश्व हिंदू परिषद ने टीटीडी को इस मामले में जल्दबाजी नहीं करने की सलाह दी है और इससे पहले बाकी विद्वानों और धर्म प्रमुखों से चर्चा करने को कहा है। असल में टीटीडी ने यह दावा पिछले कुछ महीनों के शोध के बाद किया है। इसके लिए इसने पिछले साल दिसंबर में एक एक्सपर्ट पैनल बनाया था, जिसमें वेदों के जानकार, आर्कियोलॉजिस्ट और भारतीय अंतरिक्ष और रिसर्च संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक भी शामिल थे।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम किया सारे साक्ष्य जुटाने का दावा

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम किया सारे साक्ष्य जुटाने का दावा

टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी ने कहा है कि उनके दावे के समर्थन में अब उनके पास सारे पौराणिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक साक्ष्य हैं। दुनिया के सबसे धनाढ्य मंदिर माने जाने वाले बालाजी तिरुपति मंदिर ने इसकी पड़ताल के लिए जो 8 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति बनाई थी, उसमें नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर मुरलीधर शर्मा, एसवी वैदिक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर सन्नीधनम शर्मा, इसरो के वैज्ञानिक रेमेल्ला मूर्ति, स्टेट आर्कियोलॉजी के डिप्टी डायरेक्टर विजयकुमार, प्रोफेसर रनीसदाशिव मूर्ति, जे रामकृष्णा और शंकर नारायण जैसे विद्वानों के अलावा टीटीडी एसवी हाइयर वैदिक स्टडीज प्रोजेक्ट के डायरेक्टर अकेल्ला वैभीषण शर्मा संयोजक के तौर पर शामिल थे। रेड्डी ने कहा है कि यह पैनल हनुमान जन्मस्थली को लेकर 'सभी साक्ष्यों और संबंधित जानकारी को' पुस्तक के रूप में टीटीडी को सौंपेगा। उनके मुताबिक इस पैनल ने शिव, ब्रह्म, ब्रह्मांड, वराह और मत्स्य पुराणों के अलावा वेंकटचला महात्म्य और वराहमिहिर के बृहत् संहिता जैसे शास्त्रों से साक्ष्य जुटाए हैं।

हनुमान जन्मभूमि पर कर्नाटक का क्या है दावा ?

हनुमान जन्मभूमि पर कर्नाटक का क्या है दावा ?

कर्नाटक सरकार तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के दावों से खुश नहीं है। राज्य के मंत्रियों का दावा है कि रामायण में हम्पी में जिस अंजेयांद्री पहाड़ पर भगवान राम और लक्ष्मण के हनुमान जी से मिलने की बात है, वही उनकी असल जन्मभूमि है। उस पहाड़ के शीर्ष पर एक हनुमान मंदिर, जहां पहाड़ों से काटकर बनाई गई भगवान राम, माता सीता की प्रतिमाएं भी हैं और पास में ही अंजना देवी का भी मंदिर है। कर्नाटक के कृषि मंत्री और कोप्पल के जिला मंत्री बीसी पाटिल ने कहा है कि भगवान हनुमान का जन्म स्थान कर्नाटक में है और अब उनकी सरकार उसे 'हनुमान जन्मस्थल' के रूप में तीर्थस्थल केंद्र के तौर पर विकसित करेगी। इससे पहले जब कर्नाटक को टीटीडी की ओर से पैनल बनाए जाने की बात पता चली थी, इसके पर्यटन विभाग ने अंजेयांद्री पहाड़ को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था। पिछले महीने इसको लेकर वहां के पर्यटन मंत्री सीपी योगेश्वर ने पाटिल के अलावा अपने कैबिनेट सहयोगियों कोटा श्रीनिवास पुजारी और अरविंद लिम्बावल्ली से मिलकर 50.18 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर चर्चा की थी। योगेश्वर ने कहा है कि उन्हें इसकी आधारशिला के लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। उनके अलावा कुछ और मंत्री 16 तारीख को उस स्थान का दौरा भी करने वाले हैं।

हनुमान जन्म स्थान का तीसरा दावेदार कौन ?

हनुमान जन्म स्थान का तीसरा दावेदार कौन ?

तटीय कर्नाटक का गोकर्ण भी हनुमान जी की जन्म स्थली का एक और दावेदार बनकर उभरा है। दरअसल, कर्नाटक के ही शिवमोगा जिले के रामचंद्रपुरा मठ के प्रमुख राघवेश्वर भारती का दावा है कि बजरंगबली का असल जन्म स्थान गोकर्ण स्थित कुडेल का समुद्र तट है। भारती के मुताबिक वाल्मीकि रामायण में हनुमान जी ने माता सीता से खुद कहा है कि उनका जन्म गोकर्ण में हुआ था। उन्होंने कहा है, 'रामायण के आधार पर हम कह सकते हैं गोकर्ण भगवान हनुमान की जन्मभूमि है और किष्किंधा का अंजेयांद्री उनकी कर्मभूमि थी। वाल्मीकि रामायण में गोकर्ण को उनके जन्म स्थान के रूप में स्पष्ट उल्लेख किया गया है।' उन्होंने ये भी कहा है कि अगले साल राम नवमी तक उनकी उस स्थान पर हनुमान जी की एक भव्य प्रतिमा का निर्माण करने की योजना है।

इसे भी पढ़ें-जानिए गणगौर तीज की कथा, पूजा विधि और महत्वइसे भी पढ़ें-जानिए गणगौर तीज की कथा, पूजा विधि और महत्व

Comments
English summary
The debate over the birthplace of Hanuman ji in Karnataka and Andhra Pradesh, a new claim about the Gokarna beach
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X