केबीसी में सबसे पहले 1 करोड़ जीतने वाले हर्षवर्धन नवाथे कहां हैं और क्या कर रहे हैं
साल 2000 में एक करोड़ रुपये जीतने के बाद हर्षवर्धन नवाथे की ज़िंदगी में बहुत कुछ बदल गया है. आइए जानते हैं कि वो कहां हैं और आजकल क्या कर रहे हैं.
साल 2000 अभिनेता अमिताभ बच्चन के लिए बेहद ख़ास साल था.
ये वो साल था जब अमिताभ बच्चन पहली बार छोटे पर्दे का शो 'कौन बनेगा करोड़पति' होस्ट कर रहे थे.
इस शो ने ना केवल अमिताभ बच्चन को छोटे पर्दे का बड़ा स्टार बना दिया बल्कि कुछ आम लोगों को 'करोड़पति' बना कर उनकी क़िस्मत भी बदल दी.
इस कड़ी में सबसे पहले 1 करोड़ जीतने वाले थे हर्षवर्धन नवाथे जिन्होंने साल 2000 में ये इनामी राशि जीती थी. उस वाकये को अब पूरे 22 साल हो गए हैं.
अब हर्षवर्धन नवाथे कहां हैं, क्या कर रहे हैं, क्या कुछ बदला उनकी ज़िंदगी में - इसके बारे में आज लोगों को बहुत कम पता है. एक नज़र उनके 22 साल के सफ़र पर.
कहां हैं केबीसी-1 के पहले करोड़पति?
टेलीविज़न के पॉपुलर शो केबीसी का पहला सीज़न 2000 में जब हर्षवर्धन ने जीता तो वो हर अख़बार में छाए थे.
हर्षवर्धन नवाथे के पिता आईपीएस अफ़सर रह चुके हैं और वो ख़ुद भी केबीसी में आने से पहले सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कर रहे थे.
हर्षवर्धन इन दिनों मुंबई में रह रहे हैं और आज उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो लड़के हैं.
हर्षवर्धन नवाथे बीबीसी हिंदी से खास बातचीत में कहते हैं, "इन 22 सालों में मेरी ज़िंदगी बहुत बदली है. जब मैंने 1 करोड़ की राशि जीती तो मैं एक स्टूडेंट था, बैचलर था. धीरे-धीरे कॉरपोरेट करियर में गया. बड़े सेक्टर की तरफ़ मेरा झुकाव था, वहां मैंने काम किया. फिर शादी हुई, बच्चे हुए."
"गृहस्थ आश्रम में जब आप एक बार घुसते हैं, तो एक के बाद एक कड़ी जुड़ती जाती है और गृहस्थी की साइकिल आगे बढ़ती जाती है. मेरे साथ भी वैसा ही हुआ. आज मैं एक बड़ी कंपनी के साथ जुड़ा हूँ. मेरे माता-पिता मेरे साथ उसी बिल्डिंग में रहते हैं. उनकी देखभाल कर रहा हूँ. मेरी पत्नी मराठी टीवी ऐक्ट्रेस हैं जिनका नाम सारिका है. मेरे दो बेटे हो गए हैं, एक 14 साल का है और एक 10 साल का है. मैं मुंबई में तीन साल से वर्क फ़्रॉम होम कर रहा हूँ."
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करोड़पति बनने के बाद कैसे बदली ज़िंदगी
करोड़पति बनने के बाद ज़िंदगी किस तरह बदली इस पर हर्षवर्धन कहते हैं, "लोगों का मेरे प्रति नज़रिया ही बदल गया. पैसा मिला. उस पैसे से अच्छी इन्वेस्टमेंट्स की. अपनी पढ़ाई पर पैसा लगाया और पढ़ने के लिए विदेश भी गया."
"कई अच्छे और बुरे लोग मिले जिन्होंने पैसों को इन्वेस्ट करने के सुझाव दिए. कई जगह मुझे बुलाया गया, मेरा स्वागत किया गया. मै स्कूल में, कॉलेज में चीफ़ गेस्ट बन कर गया. मुझे मॉडलिंग और ऐक्टिंग के ऑफ़र्स भी आए. मुझे उस वक़्त जो सही लगा मैंने वो किया."
हालांकि ऐसा नहीं कि उनकी ज़िंदगी में सब कुछ अच्छा ही हुआ.
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हर्षवर्धन कहते हैं, "ऐसे समय में कई अपने ही लोग आपके विरुद्ध हो जाते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि इसे मिल गया और मुझे नहीं मिला. ऐसे सब अनुभव मुझे भी हुए."
उन्होंने बताया, "उस वक्त कई ऐसे लोग मिले जिन्हें लगता था कि मेरे साथ कुछ बुरा हो सकता है. लोगों को लगता था कि मैं दुनियादारी के बारे में बहुत नहीं जानता हूं. सब अपनी तरफ़ से सलाह लेकर आते थे - 'इसमें इन्वेस्ट कीजिए. अब आपके पास पैसा है. यह कीजिए वह कीजिए.' तो मुझे लगता है कि सभी इस तरह के हालात से गुज़रते हैं और आपको ये बातें कुछ ना कुछ नया सिखाती हैं. ऐसी सीख लेते हुए आगे बढ़ते गए और भगवान की दया से अब तक तो सब कुछ अच्छा ही रहा."
आईएएस ना बन पाने का दुख
'कौन बनेगा करोड़पति' शो से जहाँ हर्षवर्धन को कामयाबी, शोहरत और पैसा मिला, वहीं दूसरी तरफ़ इसने उनके सबसे बड़े सपने से दूर भी कर दिया.
हर्षवर्धन को आज अपने आईएएस ना बन पाने का दुख है और इसके लिए वो केबीसी से मिली शोहरत को कहीं ना कहीं ज़िम्मेदार मानते हैं.
वो कहते हैं, "मैं उस समय आईएएस की पढ़ाई कर रहा था. अपनी तैयारी के चरम पर था. अगर शो नहीं होता तो शायद आज मैं आईएएस की परीक्षा पास कर गया होता. आईएएस बनना ही उससे पहले मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना था."
हालांकि वो मानते हैं कि आईएएस ना बन पाने का दुख केबीसी में 1 करोड़ जीतने पर थोड़ा कम ज़रूर हुआ.
"लाइफ़ कुछ लेती है, तो कुछ ना कुछ देती भी ज़रूर है. मेरा आईएएस बनने का सपना मुझसे दूर ज़रूर हो गया, लेकिन मुझे जो मिला उसे संभालना भी ज़रूरी था. बहुत मुश्किल होता है अपने जीवन को उस कामयाबी के बहाव से रोक पाना. ज़रूरत इस बात की होती है कि आप अपने ऊपर संयम रखें. कामयाबी और पैसा देख कर आपा ना खो दें.''
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शादी, परिवार और बच्चे
हर्षवर्धन की शादी मराठी अभिनेत्री सारिका से हुई. उनकी शादी को क़रीब 16 साल हो गए हैं. दोनों की शादी अरेंज मैरिज थी.
सारिका कहती हैं कि ''जब लोगों को पता चला कि मेरी शादी हर्षवर्धन से हो रही है, तब सब लोगों का मेरे प्रति नज़रिया ही बदल गया. मेरे साथ कुछ मज़ाकिया हादसे भी हुए.''
"जब किसी प्रोड्यूसर से मुझे चेक लेना होता था तो मुझे वह कहते थे, अरे मैडम अब तो आपकी शादी केबीसी विनर से हुई है. अभी आपको क्या करना है."
सारिका अपने जीवन में इसे एक तरह के 'नेगेटिव इंपैक्ट' के तौर पर भी देखती थीं. वो कहती हैं, "लोग ये समझ नहीं पाते थे कि मेरा अपना एक अलग प्रोफ़ेशन है. मैं एक प्रोफ़ेशनल हूं. ये मेरे साथ कई बार होता था."
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एक नहीं, दो बार पहुँचे केबीसी
केबीसी के नियमों के मुताबिक़ एक बार केबीसी में जाने और जीतने के बाद दूसरी बार हॉट सीट पर बैठने का मौका नहीं मिलता. लेकिन हर्षवर्धन दो बार केबीसी पहुँच चुके हैं. इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
पहली बार, केबीसी से फ़र्स्ट सीज़न में हर्षवर्धन ने एक करोड़ जीते थे. दूसरी बार दूसरे सीजन में उन्हें सेलिब्रिटी गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था, तब वो 25 लाख रुपए जीत पाए थे. वो रकम उन्होंने तब चैरिटी में दी थी.
वो जानते हैं कि तीसरा मौका शायद नहीं मिले, लेकिन उनकी ख़्वाहिश है कि शो अगर ऐसे ही चलता रहा तो बड़ा बेटा ज़रूर कोशिश करेगा.
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सिलेब्रिटी बनने के नुक़सान
इन 22 सालों में हर्षवर्धन और उनका परिवार बहुत-सी झूठी ख़बरों का शिकार हुआ है.
ढाई साल पहले हर्षवर्धन ने एक बड़े अख़बार को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि वो एक कंपनी छोड़ दूसरी कंपनी ज्वाइन कर रहे हैं. हालांकि इंटरव्यू में उन्होंने नई कंपनी का नाम नहीं बताया था और ना ही नई कंपनी ज्वाइन करने की तारीख़ का एलान किया था.
उनके इस इंटरव्यू को देख किसी दूसरे पेपर ने छाप दिया कि 'हर्षवर्धन के पास दूसरी नौकरी नहीं है. वो नौकरी ढूंढ रहे हैं. उनके पास पैसा ख़त्म हो गया है.'
सारिका कहती हैं, "हर्षवर्धन सोशल मीडिया से दूर रहते हैं, पर मैं वहां बहुत ऐक्टिव हूं, लेकिन ये अपने आप में इंटरेस्टिंग है कि आपने अपने जीवन के बारे में कोई पॉज़िटिव चीज़ बताई और उसे ऐसे पेश किया गया कि बस सब कुछ ही ख़त्म हो गया.
इसका असर ये होता है कि कई रिश्तेदार फ़ोन करने लगते हैं. बच्चों से टीचर स्कूल में सवाल पूछने लगते हैं, घर पर सब ठीक है ना और हमें सफ़ाई देनी पड़ती है. ख़ैर अब शायद परिवार को भी इसकी आदत पड़ गई है."
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