वकीलों पर नाराज हुए सीजेआई रंजन गोगोई, बोले- 500 केस हैं.. जज कहां हैं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने वकीलों की विभिन्न मामलों में मेंशनिंग (उल्लेखित मामले) की प्रक्रिया पर नाराजगी जतायी है। वकीलों पर झल्लाते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि अगर किसी की जिंदगी से जुड़ा मामला है तो हम समझ सकते हैं। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हमें माफ करें, हम Mentioning Matters (उल्लेखित मामलों) पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं।
वकीलों को फटकार लगाते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि 500 केस लिस्टेड हैं पर जज कहां हैं और लोग हैं कि लगातार मामले सूचीबद्ध कराते जा रहे हैं। किसी मामले में वकीलों को कुछ कहना होता है या तत्काल सुनवाई की मांग करनी होती है तो उस प्रक्रिया को मेंशनिंग कहा जाता है। आमतौर पर ये प्रक्रिया कोर्ट में सुबह के वक्त में होती है।
इस प्रक्रिया के तहत कोर्ट जानकारी लिखित रूप से कोर्ट में देनी होती है। लेकिन इस प्रक्रिया को लेकर जज अपनी नाराजगी जता चुके हैं। पिछले साल, तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ने बढ़ती पेंडेंसी पर ध्यान आकर्षित किया था जब बैकलॉग 3.3 करोड़ की संख्या तक जा पहुंचा था।
CJI Gogoi asked lawyers, not to mention their matters.said if it is related to life then we can understand. "Sorry we won't hear any mentioning matters," CJI Ranjan Gogoi added.“500 cases are listed. Where are the judges? And you keep on mentioning.. ”
— ANI (@ANI) March 29, 2019
जबकि अधीनस्थ न्यायालयों में 2.84 करोड़ मामले लंबित थे। एनजेडीजी के डेटा के मुताबिक, पांच राज्यों में सबसे अधिक मामले लंबित हैं। उत्तर प्रदेश में 61.58 लाख, महाराष्ट्र में 33.22 लाख, पश्चिम बंगाल में 17.59 लाख, बिहार में 16.58 लाख और गुजरात में 16.45 लाख मामले लंबित थे।