जब सफाईकर्मियों ने किया इंकार तो भाजपा पार्षद ने जान जोखिम में डालकर गटर में उतरकर की सफाई
जब सफाईकर्मियों ने किया इंकार तो भाजपा पार्षद ने जान जोखिम में डालकर गटर में उतरकर की सफाई
मंगलुरु। कर्नाटक के मंगलुरु शहर में कोरोनावायरस के खतरे के बीच स्थानीय भाजपा पार्षद ने शहर को गंदगी से बचाने के लिए ऐसा कार्य किया जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ हो रही हैं।
मंगलुरु के पार्षद गटर में घुसकर की सफाई
दरअसल, सोशल मीडिया पर मंगलुरु के स्थानीय भाजपा पार्षद एक मैनहोल से बाहर आने की तस्वीरें वायरल हो रही हैं वो अपने इस कार्य से इंटरनेट पर लोगों का दिल जीत चुके हैं। ये पार्षद कादरी-कंबाला वार्ड के नगरसेवक मनोहर शेट्टी हाल हैं जो मैनहोल में कचरे से फंसे हुए पाइप को साफ करने के लिए दाखिल हुए थे। शेट्टी ने मैनहोल में प्रवेश करने और एक कचरे से भरे हुए पाइप को ठीक करने का फैसला किया। जिससे पानी ओवरफ्लो हो रहा था।
मजदूरों ने इसलिए ओवरफ्लो गटर में जाने से किया था इंकार
मैनहोल के ओवरफ्लो होने के कारण यातायात की समस्या और पैदल चलने वालों के लिए कठिनाई का कारण बन रही थी। नाली को साफ करने के बार-बार प्रयास पहले ही विफल हो गए थे, जिसके बाद शेट्टी ने मजदूरों को काम करने के लिए बुलाया, लेकिन सफाईकर्मियों ने मानसून के मौसम के दौरान ओवरफ्लों कर रहे नाले में में प्रवेश करने के खतरे का हवाला देते हुए मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने नगर निगम को नाले को साफ करने के लिए हाई-स्पीड वाटर जेट के साथ वाहन भेजने का आदेश दिया लेकिन वो भी काम नहीं किया। तब क्षेत्र में जलभराव के कारण खराब हो रही स्थिति को देखते हुए शेट्टी ने खुद मैनहोल में प्रवेश करने का फैसला किया क्योंकि कोई भी प्रवेश करने के लिए तैयार नहीं था।
भाजपा पार्षद शेट्टी ने कहा कि प्रचार नहीं लोगों की परेशानी दूर करने लिए मैंने किया ये काम
भाजपा पार्षद ने बताया कि पानी ओवरफ्लो होने के कारण नागरिकों को बहुत दिक्कत हो रही थी। उनकी परेशानी को दूर करने के लिए मैंने मैनहोल में प्रवेश करने और बंद पाइप को साफ करने का फैसला किया। उन्होंने चार अन्य श्रमिकों के साथ मिलकर आधे दिन के लिए पाइप को साफ किया और पाइप के अंदर फंसे कचरे को साफ किया। शेट्टी ने कहा कि "हम गरीब लोगों को हमारे लिए पाइप साफ करने के लिए मैनहोल में प्रवेश करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। अगर कुछ गलत हुआ तो जिम्मेदारी कौन लेगा? यही वजह है कि मैंने खुद काम करने का फैसला किया। हम हर चीज के लिए अधिकारियों पर निर्भर नहीं रह सकते। " शेट्टी ने ये भी स्पष्ट किया कि उन्होंने प्रचार के लिए मैनहोल में प्रवेश नहीं किया था ये यह उनके कर्तव्य का हिस्सा था।"हम चुने हुए प्रतिनिधि हैं। अगर हम जल्दी से कुछ कर सकते हैं, तो हमें वह करना होगा। शेट्टी ने यह कहते हुए निष्कर्ष निकाला कि आवश्यकता पड़ने पर वह फिर से एक मैनहोल में प्रवेश करेंगे। "अगर लोग मेरे वार्ड में नागरिक समस्याओं का सामना करते हैं, तो मेरी मदद करना मेरी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
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