सीरियस अमित शाह बातों बातों में जब हंसा गए
अमित शाह के भाषण के दौरान कुछ ऐसे मौक़े भी रहे, जब सदन में मुस्कुराहटें फैलीं और ठहाके लगे.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का राज्यसभा में 'डेब्यू भाषण' ख़ासा चर्चा में है. ट्विटर पर यह पहले नंबर का ट्रेंड बन गया.
हाल ही में गुजरात से उच्च सदन में चुनकर आए भाजपा अध्यक्ष ने सदन में सरकारी उपलब्धियां गिनाईं और यह भी कहा कि इस सरकार का काफ़ी समय 'विरासत में मिला गड्ढा' भरने में ही चला गया.
अमित शाह के भाषण के दौरान कुछ ऐसे मौक़े भी रहे, जब सदन में मुस्कुराहटें फैलीं और ठहाके लगे.
1. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने भाषण में एकाधिक बार ज़िक्र किया कि उनके पास समय कम है. इसके बाद उन्होंने करीब सवा घंटे भाषण दिया. इस दौरान विपक्ष की ओर से चिंता भी जताई गई तो सभापति वेंकैया नायडू को स्पष्ट करना पड़ा कि चिंता न करें, जितना समय उनके लिए तय है, उससे ज़्यादा उन्हें नहीं बोलने दिया जाएगा.
2. अमित शाह जीएसटी लागू करने के सरकार के फैसले का पक्ष ले रहे थे और उस पर कांग्रेस के स्टैंड की आलोचना कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वर्णन ऐसे होता है कि जीएसटी भाजपा का बच्चा है. जबकि जीएसटी काउंसिल बनी है. इसके बाद वह कह गए, "जीएसटी काउंसिल बनी है जिसमें हर देश का मुख्यमंत्री आता है, हर देश का वित्त मंत्री आता है."
3. अमित शाह जीएसटी पर कांग्रेस के स्टैंड की आलोचना कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहकर कांग्रेस देशवासियों को टैक्स न भरने के लिए उकसा रही है. इसके बाद उन्होंने कहा, "यह कोई अच्छी बात है क्या! यह किस तरह की राजनीति है. आज हम सत्ता में हैं, कल आप भी आ सकते हैं. हां हां, आ सकते हो."
4. अपने भाषण के दौरान विपक्ष की तरफ से टीका-टिप्पणियां आईं तो अमित शाह ने कहा, "थोड़ा सुन भी लो. अब छह साल सुनना पड़ेगा. आप रोक नहीं सकते. सिर्फ सभापति रोक सकते हैं."
5. अमित शाह का भाषण ख़त्म होने के बाद सभापति वेंकैया नायडू सदन को संबोधित करते हुए 'मित्रों' कह गए. उन्हें सदन के कुछ सदस्यों ने याद दिलाया तो उन्होंने 'सॉरी' कहकर माफी मांगी और फिर 'माननीय सदस्यों' के संबोधन से अपनी बात पूरी की. इसके साथ ही एक बार फिर ठहाके लगे.