...जब सुषमा मेरे घर बेटी का जन्मदिन मनाने पहुंची
मैं जब से सक्रिय राजनीति में हूं मुझे सुषमा (स्वराज) जी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला. मुझे उनके निधन से बहुत दुख हुआ है. हमने एक साथ दिल्ली की राजनीति में, अटल (बिहारी वाजपेयी) जी और (नरेंद्र) मोदी जी के मंत्रिमंडल में, पार्टी और संगठन के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. अच्छी प्रशासक, केंद्रीय मंत्री, ओजस्वी वक्ता और पार्टी को आगे बढ़ाने वाली नेता थीं.
मैं जब से सक्रिय राजनीति में हूं मुझे सुषमा (स्वराज) जी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला. मुझे उनके निधन से बहुत दुख हुआ है.
हमने एक साथ दिल्ली की राजनीति में, अटल (बिहारी वाजपेयी) जी और (नरेंद्र) मोदी जी के मंत्रिमंडल में, पार्टी और संगठन के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.
वो एक कुशल सांसद थीं. अच्छी प्रशासक, केंद्रीय मंत्री, ओजस्वी वक्ता और पार्टी को आगे बढ़ाने वाली नेता थीं.
उनका सबसे बड़ा गुण था कि वो अपने सारे काम को बेहद गंभीरता से करती थीं. हर काम को बारीकी से करती थीं.
विदेश मंत्री के रुप में पेश किया मानवीय चेहरा
वो पहली विदेश मंत्री थीं जिनसे ट्विटर पर कोई भी सरलता से संपर्क कर सकता था. अपनी समस्याएं बता सकता था.
विदेश में रहने वाले भारतीयों के सामने जब कठिनाई आई तो उन्होंने उसका हल किया. दिक्कत चाहे किसी एक आदमी को रही हो या फिर किसी समूह को उन्होंने मदद उपलब्ध कराई.
उन्होंने पार्टी संगठनों में विभिन्न पदों पर काम किया. उनकी लोकप्रियता पूरे देश में थी. लोकसभा में उन्होंने तमाम मुद्दों को बखूबी उठाया और विपक्ष के नेता के रूप में अपनी छाप छोड़ी. सिर्फ अपनी पार्टी ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों के साथ उनके अच्छे संबंध थे.
बहुत मान दिया
उन्हें लेकर मेरी कई यादें हैं. सुषमा जी और मैं एक साथ सांसद बने. दिल्ली में हमने एक साथ राजनीति की. दिल्ली में उनकी अहम भूमिका रहती थी. अभी कुछ समय पहले उन्होंने अपनी बेटी का जन्मदिन चांदनी चौक की हमारी हवेली पर मनाया.
उन्होंने मुझे जो मान सम्मान दिया, वो बहुत ही अच्छा लगा.
मैं समझता हूं कि वो सही मायने भारतीय नारी थीं. सभी रीति रिवाजों को संस्कारों का पालन करना उनका स्वभाव था. उनके यहां सभी पर्व त्यौहार मनाए जाते थे.
स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी
उनका स्वास्थ्य काफी समय से ठीक नहीं था. इसके बाद भी वो अपने काम में लगी रहती थीं. ये अच्छा था या नहीं ये हम नहीं कह सकते लेकिन एक संदेश तो है कि जो लोग सक्रिय राजनीति में हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए.
सुषमा जी का निधन हमारी पार्टी के लिए तो क्षति है ही, ये पूरे देश का नुकसान है. कई विषयों पर उनकी पकड़ थी और वो सभी का मार्गदर्शन करती थीं.
(बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय से बातचीत पर आधारित)