तस्वीरें: इस IPS से सामना होते ही फूट-फूट कर रो पड़े थे संजय दत्त
मुंबई। बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की रिहाई की तारीख तय हो गई है। जी हां वो 27 फरवरी को आजद पंछी की तरह जेल से रिहा हो सकते हैं। संजय दत्त की सजा 25 फरवरी को पूरी हो जाएगी। जेल प्रसाशन ने संजय दत्त की रिहाई के लिए मार्च महीना तय किया था। लेकिन राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए संजय को फरवरी में ही रिहा करने का फैसला किया है।
ना मैंने संजय दत्त को एके47 दिया था और ना ही उनसे कारतूस लिए थे: अबू सलेम
संजय दत्त साल 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिए गए थे। आपको शायद मालूम नहीं होगा लेकिन संजय दत्त की गिरफ्तारी से लेकर उन्हें हवालात तक भेजने में सबसे अहम रोल मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने निभाया था।
इतना
ही
नहीं
पूछताछ
के
दौरान
राकेश
मारिया
के
सामने
फूट-फूट
कर
रोने
लगे
थे
संजय
दत्त।
तो
आईए
तस्वीरों
के
माध्यम
से
चर्चा
करते
हैं
इस
पूरे
घटनाक्रम
की:
क्यों रो पड़े थे संजय दत्त
1993 बम ब्लास्ट के बाद पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी आईपीएस अफसर राकेश मारिया को मिली थी। इसी बीच संजय दत्त को AK47 रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बताया जाता है कि संजय का इंटेरोगेशन शुरू हुआ तो वे पुलिस को गुमराह करने लगे।
पूछताछ करने पहुंचे मारिया तो घबड़ा गए संजय
केस की कमान संभाल रहे आईपीएस राकेश मारिया इंटेरोगेशन रूम पहुंचे तो संजय उन्हें देखकर डर गए। जैसे ही मारिया ने पूछताछ शुरू किया तो वे फूट-फूटकर रोने लगे और हथियारों से जुड़े सारे राज खोल दिए।
पहली बार 1993 में जेल गए थे संजय दत्त
पहली बार संजय दत्त 19 अप्रैल 1993 को जेल गए थे। लेकिन 18 दिन के अंदर ही उनको जमानत भी मिल गई थी। 5 मई को संजय दत्त को जमानत मिली थी।
साल 1994 में दोबारा गए जेल
4 जुलाई 1994 को संजय दत्त को दूसरी बार जेल जाना पड़ा। अदालत ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा। दूसरी बार उन्हें सबसे लंबी अवधि के लिए जेल काटनी पड़ी। 18 अक्टूबर को उन्हें जेल से रिहाई मिली थी। वो 12 महीने 18 दिन जेल में रहे थे।
संजय साल 1996 में तीसरी बार गए जेल
साल 1996 में उन्हें तीसरी बार फिर जेल जाना पड़ा। 31 जुलाई को वो तीसरी बार जेल गए और 22 दिन जेल में रहने के बाद 22 अगस्त को उनकी रिहाई हुई। लेकिन दो महीने बाद ही उन्हें चौथी बार जेल जाना पड़ा।