तब क्या हुआ था, जब राजीव गांधी की हत्यारिन नलिनी से मिली थीं प्रियंका गांधी ?
नई दिल्ली, 21 मई। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 30वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। तो वहीं उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने राजीव गांधी की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि 'प्रेम से बड़ी कोई शक्ति नहीं है, दया से बड़ा कोई साहस नहीं है, करुणा से बड़ी कोई शक्ति नहीं है और विनम्रता से बड़ा कोई गुरु नहीं है।'
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30 सालों से जेल में है नलिनी
मालूम हो कि तमिलनाडु के श्रीपेरमबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी।इस मामले में 07 लोगों पर हत्या का जुर्म साबित हुआ. ये सभी 30 सालों से जेल में हैं। साल 2019 में नलिनी श्रीहरन, जो कि राजीव गांधी की हत्या में शामिल थी, पैरोल पर अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए बाहर आई थी। इस कांड उसका पति मुरुगन भी शामिल है।
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किताब 'Rajiv Gandhi Assassination Hidden Truth'
मालूम हो कि नलिनी ने अपनी जिस बेटी की शादी की तैयारी के लिए छह महीने की पैरोल की मांगी थी,उस का जन्म भी जेल में हुआ था, 27 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद नलिनी, दुनिया में सबसे लंबे वक्त तक सजा काटने वाली महिला कैदी है। जेल में बिताए इस समय के दौरान नलिनी ने तमिल भाषा में 500 पन्नों की एक किताब 'Rajiv Gandhi Assassination Hidden Truth' लिखी थी, जिसने उन्होंने राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी का भी जिक्र किया है।
21 अप्रैल, 1991 को नलिनी ने की थी श्रीहरण (मुरुगन) से शादी
आपको बता दें कि 21 अप्रैल, 1991 को एलटीटीई के लिए काम करने वाले श्रीहरण (मुरुगन) से शादी करने वाली नलिनी को राजीव गांधी की हत्या करने के जुर्म में अरेस्ट किया गया था, उस वक्त वो दो महीने की गर्भवती थी, तमिलनाडु के वेल्लोर में स्पेशल महिला जेल में बंद नलिनी ने अपनी आत्मकथा में, अपने बचपन, मुरुगन से अफेयर, जिन हालात में वह राजीव गांधी की हत्या की गवाह बनी, पांच दिन तक भागने की कोशिश, गिरफ्तारी, कस्टडी के दौरान मिली प्रताड़ना, जेल में उसके बच्चे का जन्म, सजा के ऐलान और जेल की जिंदगी के बारे में सब कुछ विस्तार से लिखा है।
प्रियंका गांधी ने नलिनी से पूछा-तुमने मेरे पिता को क्यों मारा?
किताब में सबसे खास हिस्सा उसकी प्रियंका गांधी के साथ 19 मार्च, 2008 को हुई 90 मिनट की मुलाकात है, हालांकि इस बारे में पूरी दुनिया को टाइम्स ऑफ इंडिया में 15 अप्रैल, 2008 को छपी एक रिपोर्ट के जरिए पता चला था। रिपोर्ट के मुताबिक नलिनी को काफी देर निहारने के बाद प्रियंका गांधी ने उससे रोते हुए पूछा था कि मेरे पिता एक बहुत अच्छे इंसान थे, फिर तुमने उन्हें क्यों मार दिया, अगर कुछ उनसे प्राब्लम थी, तो बातचीत से मसला सुलझाया जा सकता था लेकिन उन्हें मारने की क्या जरूरत थी, रिपोर्ट के मुताबिक नलिनी ने लिखा था, इस सवाल में एक बेटी का अपने पिता को खोने का दर्द पूरी तरह से छलक रहा था, हालांकि नलिनी का कहना है कि वो खुद एलटीटीई की सदस्य नहीं थी इसलिए इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाई।
नलिनी की मां का नाम पद्मावती बापू ने रखा था
आपको बता दें कि चेन्नई में जन्मी नलिनी ने अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की थी और श्रीहरण के उसकी जिंदगी में आने से पहले एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी। नलिनी की मां का चेन्नई के एक अस्पताल में नर्स थीं, महात्मा गांधी ने नलिनी की मां का नाम पद्मावती रखा था, श्रीहरण की उसकी लाइफ में एंट्री तब हुई जब उसे एक किराए के एक मकान की तलाश थी। मकान मिलने के बाद धानू को वो अपने घर ले आया था, जिसने बाद में मानव बम की भूमिका निभाई।