राहुल गांधी से जब फिर पूछा गया सवाल कि क्या वो कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर वापसी कर रहे हैं
नई दिल्ली- पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर लौटने की संभावनाओं को फिर से खारिज कर दिया है। डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उनसे इस बारे में जब सवाल हुआ तो उन्होंने साफ कह दिया कि वो अपने पिछले साल वाली चिट्ठी पर अब भी कायम हैं। इसके साथ ही उन्होंने रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी से हुई बातचीत को भी किसी अलग चश्मे से नहीं देखने की बात कही है। बता दें कि बुजुर्ग सोनिया गांधी पिछले 8 महीने से अंतरिम अध्यक्ष बनकर कांग्रेस की कमान संभाल रही हैं, लेकिन न तो राहुल पुराना दायित्व संभालने को राजी हो रहे हैं और न ही कांग्रेसियों को परिवार के बाहर कोई नया नेता ही मिल पा रहा है।
अपनी चिट्टी पर कायम हूं- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने उस कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर वापसी की संभावनाओं को फिर खारिज कर दिया है, जिसे पिछले साल आम चुनावों में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद उन्होंने खुद ही ठुकरा दिया था। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के दौरान वे कांग्रेस की ओर से राजनीतिक रूप से बहुत ही सक्रिय हो गए हैं, इसी लिहाज से जब उनसे उनके कांग्रेस आलाकमान के रूप में लौटने की संभावनाओं के बारे सवाल पूछ लिया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि, "मैं अपनी चिट्टी पर कायम हूं।" 49 वर्षीय कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी से ये सवाल शुक्रवार को उनके एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछा गया। राहुल ने लॉकडाउन के दौरान इस तरह का दूसरा डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है।
मेरी स्थिति साफ है- राहुल गांधी
दरअसल, राहुल गांधी की राजनीतिक सक्रियता और हाल में रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी जैसी शख्सियतों से उनकी वीडियो चैटिंग से यह अटकलबाजियां शुरू हो गई थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष फिर से पार्टी की सबसे ऊंची कुर्सी पर वापसी का ताना-बाना बुनने में लग गए हैं। कांग्रेस में भी एक वर्ग लगातार इसकी वकालत करता रहा है कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद संभालना चाहिए, क्योंकि वही सरकार की नीतियों को चुनौती दे सकते हैं, क्योंकि उनकी मां सोनिया गांधी तो सिर्फ स्थायी व्यवस्था होने तक के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी हुई हैं। जब राहुल से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, 'मेरी स्थिति साफ है, जैसा कि मैंने अपनी चिट्ठी में बताया है, जिसमें पद छोड़ने और पार्टी की सेवा करने और इनपुट और सलाह देने की बात है।'
रघुराम राजन से बात करने में कोई रणनीति नहीं- राहुल
पिछले साल जुलाई में राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा था, 'कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते, 2019 के चुनाव में हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं....पार्टी को जब भी मेरी सेवा, इनपुट या सलाह की जरूरत होगी मैं उपलब्ध रहूंगा। ' जब उनसे ये पूछा गया कि रघुराम राजन, अभिजीत बनर्जी या दूसरों से जो उनकी चर्चा हुई है क्या वह किसी बड़ी रणनीति का हिस्सा है, इसपर उन्होंने कहा कि 'मैं बहुत लोगों से बात करता हूं। कई सारी चर्चा बहुत ही दिलचस्प होती है। मैंने सोचा कि मुझे उन चर्चाओं की कुछ झलकियां भारत के लोगों को भी देनी चाहिए, इसके अलावा कोई और रणनीति नहीं है।' बता दें कि पिछले साल जब नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश में किसी को पार्टी ने मौका नहीं दिया तो सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष बनकर कमान परिवार के हाथों में ही रख लिया। लेकिन, अगस्त के बाद 8 महीने बीत जाने पर न तो राहुल को कांग्रेसी मना पाए हैं और न ही कोई नेता परिवार वालों की जगह लेने की हैसियत में ही खड़ा दिखा है।