अटल बिहारी वाजपेयी से जब नवाज ने कहा, 'साहब, आप तो यहां भी चुनाव जीत सकते हैं'
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी शख्सियत ऐसी है कि लोग जाने के बाद भी उन्हें याद कर रहे हैं।
नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी शख्सियत ऐसी है कि लोग जाने के बाद भी उन्हें याद कर रहे हैं। वाजपेयी का करिश्मा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी था। साल 1999 में जब वह बस लेकर लाहौर पहुंचे थे तो वहां की जनता के बीच में वाजपेयी ने अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी थी। वाजपेयी इस बस को लेकर जब लाहौर गए तो उनके दिल और दिमाग में पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्तों की कल्पना जन्म ले चुकी थी। वह दोनों देशों को एक साथ आगे बढ़ते देखना चाहते थे। अटल की दिवानगी को देखकर पूर्व पाक पीएम नवाज ने कहा था कि अगर आप यहां से चुनाव लड़ें तो आराम से जीत सकते हैं। ये भी पढ़ें-विपक्ष की नाराजगी के बाद भी वाजपेयी ने किया इजरायली पीएम का स्वागत
साल 1999 की लाहौर बस सेवा
किंग्शुक नाग की किताब अटल बिहारी वाजपेयी: एक मैन फॉर ऑल सीजंस में उनकी लाहौर बस यात्रा का जिक्र खासतौर पर है। साल 1998 में जब भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति से लैस हो गए तो वाजपेयी को महसूस हुआ कि अब दोनों देशों को अपने-अपने संबंधों की बेहतरी की दिशा में काम करना चाहिए। 19 फरवरी 1999 को वाजपेयी इसी मकसद से बस लेकर लाहौर पहुंचे थे। तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम नवाज ने गले लगाकर उनका स्वागत किया। वाजपेयी के साथ 22 लोगों का प्रतिनिधिमंडल था जिसमें वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर से लेकर बॉलीवुड के लीजेंड्री एक्टर देव आनंद और गीतकार जावेद अख्तर तक शामिल थे।
भाषण से जीता पाक के लोगों का दिल
अटल ने लाहौर में मिनार-ए-पाकिस्तान भी गए जिसे पाकिस्तान के जन्म के समय स्थापित किया गया था। अटल बिहारी वाजपेसी ने तब वहां पर कहा, 'मुझे कई लोगों ने कहा कि यहां नहीं आना चाहिए क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो फिर पाकिस्तान के निर्माण को मंजूरी मिल जाएगी। लेकिन मैं यहां पर आना चाहता था क्योंकि मुझे जो कुछ भी बताया गया उसमें कोई भी तर्क नजर नहीं आया।' अटल ने आगे कहा कि अगर घर (भारत) में कोई उनसे सवाल करेगा तो वह यही जवाब देंगे। लाहौर में गर्वनर हाउस में हुए स्वागत समारोह में अटल ने अपनी कविता 'अब जंग नहीं होने देंगे हम,' पढ़ी। अटल की कविता और लाहौर फोर्ट पर उनके भाषण ने पाकिस्तान के लोगों का दिल जीत लिया। इस पर नवाज शरीफ ने कहा, 'वाजपेयी साहब अब तो पाकिस्तान में भी चुनाव जीत सकते हैं।'
जब पाक डिप्लोमैट ने कहा आपके लिए वोट करता
अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता पाकिस्तान की जनता में किस कदर थी इसका एक उदाहरण उस किस्से से भी मिलता है जो उनके अमेरिका दौरे से जुड़ा है। साल 1998 में वाजपेयी यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। यहां पर पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज से भी उनकी मुलाकात हुई। उनकी मुलाकात के अलावा भारत और पाकिस्तान के डिप्लोमैट्स ने भी आपस में खूब बातें की। पाकिस्तान के एक डिप्लोमैट ने उस समय वाजपेयी से कहा, 'सर मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। अगर मुझे भारत में वोट देने का मौका मिलता तो मैं निश्चित तौर पर आपको ही वोट देता।'