चलती ट्रेन की छत काटकर लूटे 5.78 करोड़, तभी हो गई थी नोटबंदी
नई दिल्ली। नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ या फायदा इस पर तो बहर सालों तक होती रहेगी लेकिन इससे जुड़ी एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे पढ़ने के बाद आप हमेशा याद रखेंगे। मामला तमिलनाडु का है। नोटबंदी से तीन महीने पहले 5.78 करोड़ रुपये की ट्रेन डकैती हुई थी और अब उस मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार लूट की घटना के तीन महीने बाद नोटबंदी के चलते 500 और 1,000 के नोट बंद हो गए और तीन महीने में लुटेरे इतनी बड़ी रकम खर्च करने में सक्षम नहीं थे।
लूट की घटना को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने की थी फुल प्लानिंग
क्राइम ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीबीसीआईडी) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, "एच मोहन सिंह, रुसी पारदी, महेश पारदी, कलिया उर्फ कृष्णा उर्फ कब्बू और बल्टिया को 2016 में सलेम-चेन्नई एग्मोर एक्स्प्रेस में 5.78 करोड़ की लूट के मामले में मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।" पुलिस के अनुसार एच मोहन सिंह और उनके गिरोह के सदस्य 2016 में तमिलनाडु आए थे और इसके बाद उन्होंने रेलवे स्टेशन, ट्रेन पटरियों के पास, पुलों के नीचे और कई अन्य स्थानों पर कई दिन बिताए।
चलती ट्रेन में फिल्मी अंदाज से दी गई थी वारदात को अंजाम
इसके बाद इन सभी ने चिन्नासलम और विरुदचलम स्टेशनों के बीच ट्रेन में डकैती डालने का फैसला किया क्योंकि इस दोनों ही स्टेशनों के बीच ट्रेन बिना रुके 45 मिनट तक दौड़ती है। योजना के मुताबिक मोहर सिंह अपने चार साथियों के साथ चिन्नासलम स्टेशन पर चढ़ गया। थोड़ दूर चलने के बाद चारो पार्सल वैन की छत पर पहुंच उसकी छत पर बैटरी से चलने वाले औजार के जरिए छेद कर दिया। इनमें से दो उसी छेद के सहारे नीचे उतरे और वहां रखे लकड़ी के बख्सों को तोड़कर कैश निकालते हैं और छह लुंगियों में भर लिया। गैंग का एक गुर्गा महेश पर्दी विरुदचलम स्टेशन के पास बने ब्रिज पर पटरियों के किनारे होकर इनका इंतजार कर रहा था। ट्रेन के पास पहुंचते ही सभी लुंगियां महेश के पास फेंक दी गईं और सभी मौका देखते ही ट्रेन से कूदकर फरार हो गए।
पैसों का हुआ बंटवार, फिर हो गई नोटबंदी
पुलिस के अनुसार गैंग के सदस्यों ने पैसे आपस में बाट लिए लेकिन 2016 में लूट के तीन महीने बाद ही नोटबंदी हो गई जिस कारण पैसे उनके लिए बेकार हो गए। आपको बता दें कि चलती ट्रेन में होने वाली करोड़ों रुपए की चोरी की घटना से पूरा पुलिस महकमा हिल गया था। घटना के करीब 6 माह बाद सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।