संघ की समन्वय बैठक में सबसे पीछे बैठा दिखा भाजपा का सबसे ताकतवर इंसान
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी अगर आज शिखर पर है तो इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ अमित शाह का हाथ है। पार्टी में उनसे ताकतवर इंसान कोई नहीं है। आलम यह है कि राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा होने लगी है 'भाजपा मतलब अमित शाह और अमित शाह मतलब भाजपा।' शाह के सामने पार्टी के बड़े से बड़े नेता खड़े होने में कतराते हैं। लेकिन वृंदावन में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक में भाजपा का यह सबसे ताकतवर इंसान आखिरी पंक्ति में बैठा दिखा। जी हां संघ के तीन दिवसीय समन्वय बैठक में अमित शाह पहली पंक्ति में नहीं बल्कि आखिरी पंक्ति में बैठे थे।
उनके साथ भाजपा के महामंत्री रामलाल मौजूद थे। आपको बता दें कि एक सितंबर से संघ की तीन दिवसीय बैठक शुरु हो गई है। इस बैठक के दौरान संघ अपने घरेलू और बाहरी मुद्दों पर चर्चा करता है और कामकाज का फीडबैक लेता है। अलग-अलग हिस्सों में और विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे कामकाज की रिपोर्ट ली जाती है। कामकाज में आ रही अड़चनों पर चर्चा होती है, तमाम समसामयिक विषयों पर रायशुमारी होती है और साथ ही सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य पर भी बात होती है।
ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के कुछ अन्य नेता भी इस बैठक में संघ के सामने तलब हो सकते हैं। लेकिन मूल रूप से जिम्मेदारी पार्टी के नेतृत्व की है। इसी के चलते कैबिनेठ विस्तार की तैयारियों के बीच भी अमित शाह को इस बैठक में मौजूद होना पड़ा। एक कारण यह भी है कि मोदी के कैबिनेट विस्तार को जिस तरह अंतिम रूप दिया जा रहा है उसमें संघ की मुहर लगना बेहद जरुरी है। इसके चलते भी अमित शाह को वहां पहुंचना पड़ा। सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक अमित शाह इस बैठक में मंत्रीमंडल की सूची लेकर पहुंचे हैं। इसके अलावा उन्हें संघ के प्रश्नों वाली सूची पर नेतृत्व को जवाब भी देना है और आगे की तैयारियों के लिए दिशा निर्देश भी लेना है।