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जब अटल ने कहा दिल्ली छोड़ दो, नरेंद्र मोदी ने पूछा कहां जाऊं?

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Atal Bihari Vajpayee की याद में PM Modi का Emotional BLOG, आप भी पढ़े | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। मौजूदा समय में जिस तरह से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने उसके पीछे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक बड़ी भूमिका रही है। गुजरात में 1995 में जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे तो नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली बुला लिया था। इसके बाद नरेंद्र मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया और हरियाणा, हिमाचल प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन जब 1998 में गुजरात में मध्यावधि चुनाव हुए तो मोदी नई दिल्ली में थे, लेकिन उम्मीदवारों के चयन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। अटल बिहारी वाजपेयी उस वक्त नरेंद्र मोदी से काफी प्रभावित थे, जिस तरह से उन्होंने 1995 और 1998 में चुनावी रणनीति बनाई थी।

गुजरात में भूकंप

गुजरात में भूकंप

गुजरात में जिस तरह से तत्कालीन मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल की तबीयत खराब हुई उसके बाद यहां एक बड़ा भूकंप आया था, जिसमे वर्ष 2001 मे कई लोगों की मौत हो गई थी। भूकंप की वजह से तत्कालीन केशूभाई पटेल की सरकार यह चाहती थी कि अगले 6-8 महीने तक प्रदेश को भूकंप की त्रासदी से बाहर निकालने का समय दिया जाए। आपको बता दें कि उस वक्त 15000 से 20000 लोग भूकंप में मारे गए थे।

दिल्ली से चले जाओ

दिल्ली से चले जाओ

इन तमाम उठापटक के दौर में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से संदेश मिला कि 7 रेस कोर्स पहुंचे, जोकि प्रधानमंत्री का आवास था। मोदी से कहा गया था कि आप जितना जल्दी यहां पहुंच सकते हैं पहुंचिए। इस फोन के आने के बाद परेशान मोदी आनन-फानन में 7 आऱसीआर पहुंचे, तभी अटल बिहारी वाजपेयी उनके पास पहुंचे और बोले तुम्हे दिल्ली छोड़कर यहां से जाना होगा। यह सुनकर मोदी आश्चर्यचकित थे और पूछा कहां जाऊं मैं?

सांप्रदायिक हिंसा

सांप्रदायिक हिंसा

अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे कहा गुजरात जाओ। इसके कुछ दिन बाद 7 अक्टूबर 2001 को मोदी गुजरात पहुंच गए और यहां केशूभाई पटेल की जगह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली । साढ़े चार महीने के बाद गुजरात में भयंकर सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमे ट्रेन को जला दिया गया और 58 कारसेवकों की मौत हो गई, ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के अयोध्या से वापस लौट रहे थे। राज्य सरकार के अनुसार 2002 के दंगों में कुल 790 मुस्लिम और 254 हिंदू परिवार के लोगों की मौत हो गई थी। वहीं स्वतंत्र एजेंसी का कहना है कि मारे गए अधिकतर लोग मुसलमान थे और उनकी संख्या तकरीबन 2000 थी।

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राजधर्म का पाठ

राजधर्म का पाठ

2002 में हुए गुजरात दंगों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि राजधर्म का पालन करना चाहिए, इस वक्त प्रेस कॉफ्रेंस में मोदी अटल बिहारी के बगल में बैठे थे और बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि हम वहीं कर रहा था, जिसके बाद अटल बिहारी ने सहमति में सिर हिलाया। नरेंद्र मोदी तीन बार गुजरात का चुनाव जीते और 2002, 2007, 2012 में यहां के मुख्यमंत्री बने, जिसके बाद 2014 में वह देश के प्रधानमंत्री बने।

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देखिए अटल के जीवन को तस्वीरों में

English summary
When Atal Bihari Vajpayee said to Narendra Modi to leave Delhi. He was Shocked to hear this.
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