वाजपेयी को गुलाब जामुन से दूर रखना जब हो गया मुश्किल, तब माधुरी दीक्षित ने यूं की थी मदद
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें सभी के बीच आज भी जिंदा हैं। भारत रत्न वाजपेयी सिर्फ एक अच्छे नेता और प्रिय प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि एक अच्छे वक्ता और कवि भी थी।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें सभी के बीच आज भी जिंदा हैं। भारत रत्न वाजपेयी सिर्फ एक अच्छे नेता और प्रिय प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि एक अच्छे वक्ता और कवि भी थी। उन्हें लिखने-पढ़ने का खास शौक था। इसके साथ ही फिल्मों और खाने के भी शौकीन थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी। देश के अलग-अलग पकवान तो उन्हें इतने पसंद थे कि परहेज पर रहने के बावजूद वो उनसे दूर नहीं रह पाते थे और उन्हें खाने पहुंच जाते। ऐसा ही एक उनका किस्सा खूब मशहूर है। पढ़िए क्या है वो मशहूर किस्सा-
खाने के बेहद शौकीन थे वाजपेयी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खाने के काफी शौकीन थे। गुलाब जामुन संग उनका एक किस्सा काफी मशहूर है। हुआ यूं था कि जब वो प्रधानमंत्री थे तो एक आधिकारिक भोज में शामिल होने के लिए गए थे। खाने के शौकीन वाजपेयी इस दौरन वो सख्त परहेज पर थे लेकिन फिर भी वो गुलाब जामुन खाने के लिए काउंटर की तरफ बढ़ने लगे। उन्हें खाने से रोकने के लिए उनके सहियोगियों ने एक तरीका खोज निकाला।
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माधुरी से मिलने के बाद मिठाई खाना ही भूल गए वाजपेयी
वाजपेयी जब खाने के काउंटर की तरफ बढ़ रहे थे तभी उनके सहियोगियों ने उन्हें एक बॉलीवुड अभिनेत्री से मिलवा दिया। उस भोज में धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित भी मौजूद थीं। वाजपेयी को खाने से रोकने के लिए उनके सहियोगियों ने उन्हें माधुरी दीक्षित से मिलवा दिया और उसके बाद वाजपेयी की उनसे बातचीत चल पड़ी। फिल्मों के शौकीन वाजपेयी जल्द ही भूल गए थे कि उन्हें गुलाब जामुन खाना था।
देश के कोने-कोने से पकवान थे पसंद
उनके इस किस्से का खुलासा पत्रकार राशिद किदवई ने किया है। वाजपेयी जब माधुरी से बात करने में व्यस्त हो गए तो उनके सहियोगियों ने तुरंत खाने के काउंटर से गुलाब जामुन को हटा दिया। वाजपेयी के साथ काम करने वाले नौकरशाहों ने बताया कि उन्हें खाने में क्या-क्या पसंद था। इसके अलावा पकौड़ों पर खूब सारा चाट मसाला लगाकर खाना भी उन्हें काफी पसंद था।
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वाजपेयी ने 16 अगस्त को ली आखिरी सांसें
पूर्व प्रधानमंत्री और भारत का सर्वोच्च सम्मान पा चुके अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त को शाम 5:05 मिनट पर आखिरी सांसें लीं। खराब सेहत के कारण उन्हें जून में ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। देश के सबसे चर्चित प्रधानमंत्री और नेताओं में से एक रहे वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। सरकार ने सात दिन के राष्ट्री शोक की घोषणा की है, वहीं कई राज्यों ने एक दिन की छुट्टी का ऐलान किया है। शुक्रवार को दिल्ली में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।