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व्हॉट्सऐप जासूसी के आरोपों को सरकार ने बताया भ्रामक और छवि बिगाड़ने की कोशिश

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नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने व्हॉट्सऐप जासूसी के मामले को लेकर सरकार पर लगाए जा रहे निजता के हनन के आरोपों पूरी तरह भ्रामक और बेबुनियाद करार दिया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने बयान जारी कर न सिर्फ इस तरह के आरोपों का खंडन किया है, बल्कि साफ किया है कि सरकार किसी भी नागरिक की निजता का हनन नहीं होने देगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गृहमंत्रालय ने ये भी कहा है कि इस तरह के आरोपों से सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पहले ही व्हॉट्सऐप से 4 नवंबर तक विस्तृत जवाब देने के लिए कह चुका है।

सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश- गृहमंत्रालय

सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश- गृहमंत्रालय

व्हॉट्सऐप जासूसी की खबरों के मामले में केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स के आधार पर व्हॉट्सऐप पर भारतीय नागरिकों की निजता के हनन को लेकर कुछ बयान दिए गए हैं। यह पूरी तरह से भ्रामक हैं और सरकार की छवि बिगाड़ने का प्रयास है। भारत सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों समेत निजता के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है; और जो भी बिचौलिया निजता के हनन के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि भारत सरकार कानून और निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करती है। किसी बेकसूर नागरिक का उत्पीड़न न हो या उसकी गोपनीयता भंग न हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं।'

व्हॉट्सऐप को 4 नवंबर तक देना है जवाब

इससे पहले केंद्र सरकार इस मामले में व्हॉट्सऐप से जवाब मांग चुकी है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उससे 4 नवंबर तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। केंद्र सरकार ने ये कार्रवाई तब की है, जब व्हॉट्सऐप ने इस बात की पुष्टि की है कि स्पाईवेयर पीगासस भारत में भी सक्रिय था और लोगों की जासूसी भी कर रहा था। बता दें कि गुरुवार को फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हॉट्सऐप की ओर से कहा गया कि इजरायली स्पाईवेयर पीगासस भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी कर रहा था।

पूरा मामला क्या है ?

पूरा मामला क्या है ?

दरअसल, जासूसी की बातों को लेकर व्हॉट्सऐप के खुलासे के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। व्हॉट्सऐप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। यह इजराइल की निगरानी करने वाली कंपनी है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए। इस जासूसी के शिकार चार महाद्वीपों के यूजर्स बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, कंपनी ने ये नहीं बताया है कि इस स्पाईवेयर के जरिए कितने भारतीय लोगों की जासूसी की गई है।

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English summary
WhatsApp spy allegations misleading government and trying to spoil the image,MHA
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