Whatsapp ने नई पॉलिसी रोकी लेकिन अब भी लेता रहेगा ये डेटा, जानिए कितने सेफ हैं आप ?
Whatsapp New Policy: नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी पर भारी विरोध के बाद इसे टालते हुए अब 8 फरवरी की जगह 15 मई से करने का प्रावधान किया है। व्हाट्सएप की नई पॉलिसी के विरोध के चलते बड़ी संख्या में यूजर टेलीग्राम और सिगनल पर शिफ्ट हो गए। डेटा के मुताबिक सिर्फ 3 दिन में 2.5 करोड़ यूजर टेलीग्राम पर बढ़ गए। वहीं सिगनल एप पर यूजर इतनी तेजी से शिफ्ट हुए कि एप को यूजर रिस्पॉन्स में ही समस्या आने लगी। सिगनल को इस समस्या को ठीक करने में दो दिन लग गए।
Recommended Video
यूजर्स से जबरन सहमति ले रहा था व्हाट्सएप
फेसबुक के स्वामित्व वाली व्हाट्सएप उस समय लोगों के गुस्से का शिकार हुई जब इसने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लॉन्च की। इस पॉलिसी में व्हाट्सएप ने डेटा को फेसबुक के साथ शेयर करने की बात कही। इसके लिए व्हाट्सएप यूजर को नोटिफिकेशन आने लगे कि अगर 8 फरवरी तक यूजर नई पॉलिसी पर सहमति नहीं देते हैं तो उनका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा। जाहिर है कि व्हाट्सएप इस नई पॉलिसी के लिए उपभोक्ताओं पर जबरदस्ती सहमति के लिए दबाव बना रहा था। यही वजह थी कि व्हाट्सएप यूजर इसके जैसे ही दूसरे प्लेटफॉर्म सिगनल और टेलीग्राम पर शिफ्ट होने लगे जिसके बाद व्हाट्सएप ने ये कदम उठाया।
व्हाट्सएप ने ये भी स्पष्टीकरण दिया कि वह लोगों की प्राइवेसी के अपने उसी सिद्धांत के साथ आज भी खड़े हैं जिसमें व्हाट्सएप का कहना है कि आपकी अपने परिजनों और दोस्तों के साथ होने वाली बातचीत सिर्फ आपके बीच ही रहती है और इसे कोई तीसरा नहीं पढ़ सकता है।
व्हाट्सएप ने अपनी सफाई में क्या कहा ?
व्हाट्सएप ने ये भी कहा कि उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी का लक्ष्य बिजनेस अकाउंट वाले यूजर के लिए है।
व्हाट्सएप ने अपनी वेबसाइट पर जो स्पष्टीकरण दिया है उसमें कहा गया है "व्हाट्सएप एक बहुत की सामान्य विचार पर बना था, कि आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ जो भी साझा करते हैं वह आपके बीच रहता है। इसका मतलब है कि हम आपकी व्यक्तिगत बातचीत को हमेशा एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से सुरक्षित रखेंगे, ताकि व्हाट्सएप या फेसबुक इन निजी संदेशों को न देख सकें। यही कारण है कि हम हर किसी के मैसेजिंग या कॉलिंग के लॉग नहीं रखते हैं। हम आपके द्वारा शेयर की गई लोकेशन भी नहीं देख सकते हैं और हम आपके लिस्ट में शामिल कॉन्टैक्ट (लोगों के नंबर) फेसबुक के साथ साझा नहीं करते हैं। " अपडेट पर सफाई देते हुए लिखा गया है कि "यह अपडेट हमारी फेसबुक के साथ डेटा शेयर करने की किसी भी क्षमता का विस्तार नहीं करता है।"
व्हाट्सएप की सफाई में कितना सच ?
व्हाट्सएप की इस सफाई के बाद बहुत सारे यूजर ये जरूर सोचने लगे होंगे कि फिर से व्हाट्सएप पर लौट जाना चाहिए। एक तो सिगनल में एक दो दिन तक समस्या रही उससे भी यूजर को समस्या हुई वहीं कम से कम अगर यूजर ने नाराजगी दिखाई तो व्हाट्सएप ने रिस्पॉन्स तो किया और समस्या पर यूजर से बात तो की।
लेकिन इस बात से ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। तथ्य तो यह है कि व्हाट्सएप पहले से ही यूजर के बारे में बहुत सारी जानकारी फेसबुक के साथ शेयर करता रहा है। अगर व्हाट्सएप अपनी सफाई में ये लिखता है कि यह अपडेट फेसबुक के साथ डेटा शेयर करने की क्षमता का किसी भी तरह विस्तार नहीं करता तो इसका मतलब ये ही है कि व्हाट्सएप पहले से ही फेसबुक के साथ डेटा साझा करता रहा है। अब ये सीमा महीनों या फिर वर्षों भी हो सकती है।
इसका मतलब ये भी नहीं कि यहां पर कोई गलतफहमी नहीं है। जैसे कि अक्सर लोग आपसे पूछते होंगे कि कब सिगनल पर जाना चाहिए या फिर व्हाट्सएप क्या हमारे ग्रुप और निजी बातचीत को पढ़ता है ? तो जवाब है नहीं। आपका मैसेज नहीं पढ़ा जा सकता। हालांकि कोई आपका फोन हैक कर ले या फिर आपके क्लाउड से डाटा निकाल ले तो वो अपवाद है। (बहुत सारे यूजर अपनी बातचीत को क्लाउड पर सेव करते हैं।) व्हाट्सएप आपकी सारी बातचीत को इंड-टू-इंड इंस्क्रिप्शन पर करता है जैसा कि सिगनल करता है जबकि टेलीग्राम पर ऐसा नहीं होता। इसके लिए टेलीग्राम पर आपको सीक्रेट चैट का विकल्प चुनना पड़ता है।
व्हाट्सएप आपसे ये डेटा लेता है
बावजूद इसके बहुत सारे तथ्य हैं जिन पर अभी भी चिंता किए जाने की जरूरत है। पिछले दिनों ही एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें ये बताया गया था कि कौन सा एप कितनी जानकारी इकठ्ठी कर रहा है। इसमें जहां सिगनल कोई डाटा नहीं कलेक्ट कर रहा था वहीं व्हाट्सएप आपकी खरीदारी, आर्थिक लेनदेन, लोकेशन, कॉण्टैक्ट, कंटेंट, यूजेस डेटा, पहचान और डायगनोस्टिक की जानकारी लेता है।
भले ही नई प्राइवेसी पॉलिसी को उसने कुछ दिनों के लिए रोक दिया है लेकिन ये ऐसी चीज है जिसमें व्हाट्सएप ने अभी कोई बदलाव नहीं किया है ।
2016 के बाद से व्हाट्सएप यूजर का बहुत सारा डेटा फेसबुक के साथ शेयर कर रहा है और यह जारी रहेगा। अगर इसकी प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़े हिस्से को ध्यान से देखें तो इसमें कहा गया है कि फेसबुक आपके डेटा का उपयोग आपके बारे में अधिक सटीक जानकारी देने के लिए कर सकता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आप किसी खास फिटनेस ब्रांड के स्टोर पर जाते हैं तो अगर कुछ समय में आपके फेसबुक पेज पर फिटलेस प्रोडक्टर के विज्ञापन नजर आ सकते हैं और यही आपके इंस्टाग्राम पर भी हो सकता है।
भारत सरकार कर रही डेटा सुरक्षा कानून पर विचार
सिर्फ इतनी ही बात नहीं है। भले ही भारत में ये कम्पनियां ऐसा कर रही हैं लेकिन उन देशों में जहां सख्त प्राइवेसी कानून हैं, जैसे यूरोप में, वहां इनके नियमों में बदलाव देखने को मिलता है। भारत सरकार पिछले कई वर्षों से डेटा सुरक्षा कानून के बारे में विचार कर रही है। कई प्रयासों के बाद पिछले साल सरकार डेटा सुरक्षा विधेयक लेकर आई लेकिन उस पर आगे नहीं बढ़ सकी है। पिछले महीने बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि संयुक्त संसदीय समिति उस बिल का अध्ययन करेगी जिसका मतलब है कि अभी इसमें और समय लग सकता है।
इस दौरान भले ही व्हाट्सएप नई प्राइवेसी पॉलिसी पर अपना रुख बदल दे लेकिन फिर भी फेसबुक के साथ डेटा शेयर जारी रहेगा। ऐसे में अगर कोई व्हाट्सएप से सिगनल पर स्विच करता है तो ये सही है लेकिन इससे ये सही नहीं हो जाता कि व्हाट्सएप पर आपकी निजी बातचीत पढ़ी जा रही है। लेकिन एक बात समझनी होगी अगर हमें प्राइवेसी की सुरक्षा चाहिए तो उसके लिए देश में कानून वैसे बनाने होंगे और ये काम किसी कंपनी को नहीं बल्कि सरकार को करना होगा।
यूजर का गुस्सा देख WhatsApp ने रोका प्राइवेसी अपडेट का प्लान, 8 फरवरी को बंद नहीं होगी सर्विस