अब कर्नाटक में क्या होगा, 7 अहम बातें
कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. लेकिन विवाद अभी थमा नहीं है.
राज्यपाल वजूभाई वाला ने सबसे अधिक सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी यानी भाजपा को सरकार बनाने के न्योता दिया. लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने इसका विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
फिलहाल येदियुरप्पा को सदन में बहुमत साबित करने
कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. लेकिन विवाद अभी थमा नहीं है.
राज्यपाल वजूभाई वाला ने सबसे अधिक सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी यानी भाजपा को सरकार बनाने के न्योता दिया. लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने इसका विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
फिलहाल येदियुरप्पा को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि ऐसा कर के राज्यपाल ने विधायकों की खरीद-फरोख़्त के लिए रास्ता साफ कर दिया है.
फिलहाल मीडिया में इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि इससे निपटने के लिए कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों को पड़ोसी प्रदेश में ले जा रहे हैं गए हैं. लेकिन इस बीच भाजपा की पूरी कोशिश होगी कि वो कांग्रेस या भाजपा से कम से कम आठ विधायक चटका सके.
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कर्नाटक को लेकर चल रहे घटनाक्रम से जुड़ी 7 बातें
1. कर्नाटक चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें (बीएसपी के एक विधायक को मिलकर 38 सीटें) मिली थीं. कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 112 है और जेडीएस-कांग्रेस के पास कुल 116 विधायक हैं.
2. कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हस्तक्षेप से राज्यपाल वजूभाई वाला ने "संविधान का एनकाउंटर" कर डाला है और इस ग़ैर कानूनी निर्णय को जनता और कानून सिरे से ख़ारिज कर देगा.
https://twitter.com/JhaSanjay/status/997121393345970176
3. इस पूरे विवाद में राज्य में गवर्नर वजूभाई वाला की भूमिका को लेकर काफी चर्चा हो रही है. भाजपा का कहना है कि सबसे अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी होने के कारण उसे सबसे पहले सरकार बनाने के मौक़ा दिया जाना चाहिए. जबकि जेडीएस का कहना है कि चुनाव के बाद हुए गठबंधन के आधार पर उसके पास सबसे अधिक सीटें हैं और इस कारण उसे पहले सरकार बनाने के मौक़ा दिया जाना चाहिए.
4. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की बेंच सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा के शपथ लेने पर कोई रोक तो नहीं लगाई है लेकिन ये कहा कि इस मामले पर ये उनका आख़िरी फ़ैसला नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की मांग है कि भाजपा उन विधायकों के नाम बताए जिनके समर्थन का वो दावा कर रही है. उनका दावा है कि येदियुरप्पा ने बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल से चिट्ठी में सात दिनों का समय मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने उन्हें 15 दिनों का समय दे दिया.
इधर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि ऐसा कर के राज्यपाल ख़रीद-फरोख़्त को बढ़ावा दे रहे हैं और यह असंवैधानिक है.
https://twitter.com/DrAMSinghvi/status/996640067937603590
5. बुधवार को हुई सुनवाई में कांग्रेस राज्यपाल को दी गई भाजपा की चिट्ठी कोर्ट में पेश नहीं कर पाई थी. जिसके बाद कोर्ट ने येदियुरप्पा और केंद्र सरकार से कहा था कि वो कोर्ट में इस चिट्ठी की प्रति पेश करें.
6. इसके बाद बुधवार को येदियुरप्पा ने कर्नाटक मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. जानकारों का कहना है कि शुक्रवार की सुनवाई के दौरान 15 दिनों के समय पर बहस हो सकती है.
https://twitter.com/DrAMSinghvi/status/996819200663416833
7. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि येदियुरप्पा की तरफ से राज्यपाल को दी गई ये चिट्ठी उनके भाग्य का फ़ैसला करेगी. उनका कहना है कि इसमें 104 से बड़ी संख्या का ज़िक्र नहीं है और ये चिट्ठी साबित कर देगी कि मुख्यमंत्री ने बहुमत का दावा ही नहीं किया है."
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि कोर्ट का फ़ैसला कांग्रेस के हक में होगा और इसके बाद येदियुरप्पा 'एक दिन के मुख्यमंत्री' साबित हो जाएंगे.
https://twitter.com/PChidambaram_IN/status/996920305166704640