जूलियन असांजे ने खोल डाली थी ब्लैक मनी की पोल
नई दिल्ली। वर्ष 2009 और वर्ष 2010 में इराक और अफगानिस्तान के वॉर क्राइम से जुड़े दस्तावेजों को सामने लाकर विकीलीक्स और जूलियन असांजे ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा डाला था।
इसके बाद असांजे ने वर्ष 2011 में भारत के काले धन से जुड़े कुछ खुलासे किए। हैरानी की बात है कि उस समय पूरा देश शांत बैठा था।
असांजे के पास 2000 नाम
असांजे ने अपनी वेबसाइट पर लिस्ट को जारी करते हुए लिखा था कि उनकी वेबसाइट के पास दो डिस्क्स हैं जिनमें 2000 लोगों के नाम हैं जिनके नाम पर ब्लैक मनी अकाउंट मौजूद हैं। असांजे ने कहा था कि उनके पास खाताधारकों के नाम, बैंकों में जमा धनराशि और हर बैंक के नाम से जुड़े सारे सुबूत मौजूद हैं।
यह सारी डिटेल्स उन्हें स्विस बैंक के पूर्व कर्मी रुडोल्फ एल्मर की ओर से मुहैया कराई गई थी। रुडोल्फ स्विस बैंक जूलियस बार में करीब दो दशकों तक काम करते थे। रुडोल्फ को उनके बैंक ने वर्ष 2011 में सीक्रेट इंफॉर्मेशन को जारी करने के आरोप में हटा दिया था।
सबसे ज्यादा पैसा भारत का
असांजे
ने
वर्ष
2011
में
काला
धन
के
खाताधारकों
की
एक
लिस्ट
के
साथ
ही
इस
काले
धन
से
जुड़े
कुछ
दावे
भी
किए।
इन
दावों
में
सबसे
पहला
दावा
था
कि
स्विट्जरलैंड
के
बैंकों
में
जितना
भी
काला
धन
जमा
है,
उसका
सबसे
बड़ा
हिस्सा
भारत
का
है।
कैसे जमा करते हैं भारतीय काला धन
- छिपाकर पैसे इकट्ठा करना
- स्टॉक मार्केट में गैरकानूनी शेयर
- ड्रग्स की डील
- झूठी परियोजनाओं के सहारे
असांजे के दावे
- भारत में काला धन जमा करने की शुरुआत 70 के दशक के आगाज के साथ हुई।
- ब्लैक मनी का सबसे बड़ा हिस्सा पाक के रास्ते होकर स्विस बैंकों में जाता पैसा।
- भारतीय सरकार ने कभी भी इस काले धन पर कोई कड़ी कार्रवाई ही नहीं की है।
- विदेशों लगातार जमा हो रहा यह काला धन भारतीय रुपए को कमजोर करता जा रहा है।
शांत
थी
बीजेपी
और
कांग्रेस
हैरानी
की
बात
है
कि
आज
जिस
तरह
से
पूरे
देश
में
काले
धन
को
लेकर
एक
अजीब
से
हलचल
मची
है,
उस
समय
हर
कोई
शांत
बैठ
गया
था।
असांजे
के
दावों
पर
न
तो
बीजेपी
ने
अपनी
जुबां
खोली
थी
और
न
ही
कांग्रेस
ने
कुछ
कहा
था।