जम्मू-कश्मीर की शिक्षा से सेना प्रमुख का क्या लेना-देना?
जनरल बिपिन रावत ने पूछा था कि स्कूली पढ़ाई में जम्मू-कश्मीर के अलग नक्शे की क्या ज़रूरत है.
भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार को जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा है सेना प्रमुख को जम्मू-कश्मीर के शिक्षा संबंधित मामलों में दख़ल नहीं देना चाहिए.
राज्य के शिक्षा मंत्री सईद अल्ताफ़ बुख़ारी ने कहा है कि सेना प्रमुख को अपने काम से काम रखना चाहिए.
उन्होंने कहा, "कश्मीर के शिक्षा मामलों में सेना प्रमुख का कोई रोल ही नहीं है. वह अपना काम करें. संविधान ने उनको अलग काम दिया है. शिक्षा के मामलों में किसी तरह का उपदेश कोई शिक्षक ही दे सकता है. हमें पता है की हम अपना सिस्टम कैसे चला रहे हैं."
बुख़ारी ने कहा, "हर राज्य का अपना नक़्शा होता है. इसमें क्या बुराई है? मुझे नहीं मालूम कि उनके कहने का क्या मतलब है? हमारे पास अलग संविधान है, अलग झंडा है. नक़्शा तो हम अपने राज्य का ही दिखाते हैं, किसी और का तो नहीं दिखाते हैं. भारत का नक्शा भी दिखा रहे हैं और अपना भी दिखा रहे हैं."
बुख़ारी का कहना था कि सेना प्रमुख की जम्मू-कश्मीर में शिक्षा पर टिप्पणी किसी भी हमें में मंज़ूर नहीं है.
शिक्षा मंत्री सईद अल्ताफ़ बुख़ारी ने कहा, "सेना प्रमुख एक डेकोरेटेड अधिकारी हैं. जम्मू-कश्मीर के मामले में उन्हें सिर्फ सुरक्षा के मामलों पर बात करनी चाहिए. मुझे नहीं लगता कि कोई भी समाज गैर-शिक्षक व्यक्ति से उपदेश क़ुबूल कर सकता है. जो लोग हमें शिक्षा पर सबक़ पढ़ाने की कोशिश करते हैं उन लोगों एक पेशेवर की तरह अपने काम को अंजाम देना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के आम इंसान की परिशानियों को आसान बनाना चाहिए. उनको मालूम नहीं की उन्होंने क्या कहा है."
बुख़ारी का कहना है कि कोई हमें ये ना बताए कि हमारा एक नक्शा हो या दो नक्शे हो.
शिक्षा मंत्री की टिप्पणी सेना प्रमुख के बयान के एक दिन बाद आई है.
इससे पहले मीडिया में आई खबरों के मुताबिक़ शुक्रवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में शिक्षक छात्रों को स्कूलों में दो नक्शे दिखाते हैं- एक जम्मू-कश्मीर का और एक भारत का.
ख़बरों के मुताबिक़ सेना प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में पूछा था कि 'हमें स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर के अलग नक्शे की क्या ज़रूरत है.'
उन्होंने पूछा था, "जम्मू-कश्मीर में शिक्षक जो पढ़ा रहे हैं वो उन्हें नहीं पढ़ाना चाहिए. जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में दो नक्शों को देखा जा सकता है एक नक्शा भारत का है और दूसरा जम्मू-कश्मीर का."