क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जान लीजिए ये है प्रशांत किशोर को लेने के पीछे जेडी (यू) का असली गेम प्लान

Google Oneindia News

नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनावों के चलते उत्तर प्रदेश और बिहार में सोशल इंजीनियरिंग का दौर चल रहा है। हर राजनीतिक दल दलितों, अति दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और फिर अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) को अपने साथ लाने की कोशिश में है। लेकिन इस कोशिश ने देश भर में ऊपरी जाति के लोगों को नाराज कर दिया है और अब ये अगड़ी जातियां जो अभी तक समूहों में बंटी हुई थीं एक साथ इक्टठा हो रही हैं। अब ये नई परिस्थितियां अलग-अलग राजनीतिक दलों को अपनी नई रणनीति तैयार करने के लिए मजबूर कर रही हैं।

prashant
अगड़ों को लुभाने की कोशिश
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जैसे राजनीतिक दल और यहां तक कि कांग्रेस भी अब अगड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश करती दिख रही है। आरजेडी ने मनोज झा को जो की एक ब्राह्मण हैं उन्हें राज्यसभा में भेजा, वहीं अब जेडी (यू) लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर और संजय झा को मैदान में उतारने की योजना बना रही है।

Recommended Video

Prashant Kishor की Politics में Entry, JDU का बनें हिस्सा | वनइंडिया हिंदी
राहुल गांधी का दांव

राहुल गांधी का दांव

दरअसल कहानी में असली मोड़ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा नरम हिंदुत्व के एजेंडे को अपनाने के साथ आया है। शिव भक्त के तौर पर उनकी छवि से जाहिर तौर पर ऊपरी जातियां का रुख एक बार फिर कांग्रेस की हो सकता है जो किसी जमाने में उसकी मजबूत वोटर होती थीं। एनडीए के खिलाफ अगड़ी जातियों की नारजगी उन्हें संभावित तौर पर आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन की ओर ले जा सकती है।
ये भी पढ़ें:- बिहार में कौन लड़ेगा कितनी लोकसभा सीटें, सामने आई अंदर की बात

बिहार में बदले हुए हैं हालात

बिहार में बदले हुए हैं हालात

एक राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि बिहार की वर्तमान स्थिति 2007 में उत्तर प्रदेश की स्थिति की तरह है। उस वक्त सवर्ण समुदाय ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को पूरा समर्थन दिया था और उन्हें विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत मिला था। इस वक्त बिहार में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में प्रमुख ओबीसी जातियों और ऊपरी जातियों में विभाजन की रेखा धुंधली होती नजर आ रही है। इसलिए अगर कांग्रेस और आरजेडी एक साथ आते हैं तो ये ज्यादा संभावना है कि ये लोग इस गठबंधन का समर्थन करें। यही वजह हो सकती है कि एनडीए सरकार में मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविसाल पासवान ने सवर्णों को 15 फीसदी आरक्षण देने की मांग की है और जेडी (यू) प्रशांत किशोर और संजय झा जो दोनों ब्राह्मणों हैं और भूमिहार के रूप में राजीव रंजन सिंह को लोकसभा का टिकट देने पर विचार कर रही है।

नीतीश को मिला था सवर्णों का साथ

नीतीश को मिला था सवर्णों का साथ

नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गई सोशल इंजीनियरिंग के चलते वो ओबीसी से अति पिछड़ों को अलग करने में सफल रहे थे और उच्च जातियों ने एक साथ नीतीश कुमार को वोट देकर उनकी सफलता की कहानी लिखी थी। लेकिन अब जिस तरह के अगड़ी जातियों को एनडीए द्वारा उपेक्षित किया गया है उससे वो पाला बदल सकती हैं। एससी/एसटी अधिनियम के खिलाफ ऊपरी जातियों के बुलाए गए हालिया बंद का बिहार में बहुत ज्यादा असर दिखाई दिया और इसके जरिए उन्होंने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।

डैमेज कंट्रोल की कवायद

डैमेज कंट्रोल की कवायद

राजनीतिक पंडितों का ये भी कहना है कि अगर एनडीए नेतृत्व ने कांग्रेस द्वारा की गई गलती को दोहराया कि हिंदू वोट उससे बाहर कहां जाएगा, तो एनडीए का हाल भी कांग्रेस की ही तरह होगा। हालांकि एनडीए के नेता इसे महसूस कर रहे हैं और उन्होंने अगड़ों को लुभाना शुरू कर दिया है और चुनाव के नजदीक आते-आते वो इस दिशा में और कदम बढ़ाएंगे। सवर्णों को लुभाने के ऐसे ही कुछ कदम मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनावों के दौरान देखने को मिलेंगे। हालांकि छत्तीसगढ़ में ये कम होगा क्योंकि वहां ज्यादा आबादी जनजातीय है लेकिन राजस्थान और मध्यप्रदेश में निश्चित रूप से उच्च जातियों के लिए बीजेपी कुछ सकारात्मक कदम उठाएगी।

ये भी पढ़ें:- यूपी: पीएम मोदी की रैली में उतरवाए गए मुस्लिम महिलाओं के बुरखे, महिलाओं ने कहा हम बाहर से ही सुनेंगे भाषण

Comments
English summary
What prompted JD (U) in Bihar to bring Prashant Kishor to its fold?
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X