15 अगस्त, 1947 को क्या कहा था मोहम्मद अली जिन्ना ने
बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने अपने पहले दो स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाए थे.
मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान के पहले स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तानियों के नाम अपने संबोधन में कहा था कि 15 अगस्त स्वतंत्र और संप्रभु देश पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है.
क़ायद-ए-आज़म का ये संबोधन पाकिस्तान के संस्थापक और देश के पहले गवर्नर जनरल की हैसियत से था.
ये बताना ज़रूरी है बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने अपने पहले दो स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया था, लेकिन जिन्ना की मौत के बाद इसे 14 अगस्त को मनाया जाने लगा.
जिन्ना ने अपने इस भाषण के पहले हिस्से में उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने देश बनाने में बड़ी क़ुर्बानियां दीं और कहा कि पाकिस्तान हमेशा उनका एहसानमंद रहेगा.
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जिन्ना का भाषण
देश के पहले गवर्नर जनरल ने पाकिस्तान के नागरिकों से कहा कि नए देश का गठन उन पर भारी ज़िम्मेदारी की तरह है.
उन्होंने कहा, "यह हमें मौका भी देता है कि हम दुनिया को ये बता सकें कि किस तरह से अलग-अलग इलाकों को मिलाकर बने एक राष्ट्र में एकता रह सकती है और रंग और नस्ल के भेदभाव से परे होकर सबकी भलाई के लिए काम किया जा सकता है."
उन्होंने पाकिस्तान की तरफ़ से अपने पड़ोसी देशों और दुनिया भर को शांति का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कोई आक्रामक महत्वाकांक्षा नहीं है और यह देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति बाध्य है. जिन्ना ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए काम करेगा.
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पाकिस्तान के अल्पसंख्यक
मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा कि भारत के मुसलमानों ने दुनिया को बता दिया है कि वे एक राष्ट्र हैं और उनकी मांग बिल्कुल जायज़ है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा कि हमें अपने व्यवहार और विचार से अल्पसंख्यकों को ये जता देना चाहिए कि जब तक वह वफादार नागरिकों की तरह अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान की सीमाओं में रहने वाले आज़ादी पसंद कबायलियों को भरोसा दिलाते हैं कि पाकिस्तान उनकी हिफ़ाज़त करेगा.
जिन्ना ने कहा कि हम गरिमा से जीना चाहते हैं और हमारी ख़्वाहिश है कि दूसरे भी ऐसे ही जियें.
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