एक बार फिर Zika Virus ने भारत में दी दस्तक, जानिए इसके लक्षण और क्या है इलाज
जानलेवा जीका वायरस ने एक बार फिर भारत में दस्तक दे दी है। राजस्थान और बिहार में जीका वायरल के कुछ मामले सामने आए हैं। जीका की चपेट में अब तक भारत, अफ्रीका, बांग्लादेश, मलेशिया समेत कई राज्य आ चुके हैं।
नई दिल्ली। जानलेवा जीका वायरस ने एक बार फिर भारत में दस्तक दे दी है। राजस्थान और बिहार में जीका वायरल के कुछ मामले सामने आए हैं। जीका की चपेट में अब तक भारत, अफ्रीका, बांग्लादेश, मलेशिया समेत कई राज्य आ चुके हैं। जीका एक खतरनाक वायरस है जो एडिस मच्छरों से फैलता है। इससे इंसान को लकवा तक मार सकता है। जीका वायरस के क्या हैं लक्षण और इससे कैसे बचें, जानिए-
एडिस मच्छर से फैलता है जीका वायरस
जीका वायरस मच्छरों से होता है और एडिस मच्छर से फैलता है। अगर जीका वायरस से पीड़ित व्यक्ति का खून किसी और व्यक्ति के संपर्क में आ जाए, तो उसे भी जीका का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को खासकर अपना ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि गर्भवती मां के जरिए कोख में पल रहे बच्चे को भी हो जीका वायरस हो सकता है। एडिस मच्छर के जरिये ही डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलता है।
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ये हैं जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस के कई लक्षण आम बुखार से मिलते हैं, इसलिए इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। जीका वायरस में बुखार, शरीर में एलर्जी और जोड़ों में दर्द देखा जाता है। सिर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और आंख आना भी जीका वायरस के लक्षण हैं। जीका वायरस के लक्षण केवल एक ही हफ्ते तक दिखाई देते हैं।
अजन्में बच्चे के लिए जानलेवा है जीका
जीका वायरस काफी घातक है। अगर ये एक प्रेगनेंट मां से उसके बच्चे तक पहुंचता है, तो उसका दिमाग अविकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे का सिर छोटा और शरीर बड़ा होने लग जाता है, जिससे बच्चे की मौत भी हो सकती है। इस वायरस से Guillain-Barre Syndrome हो सकता है। इस न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में इंसान को लकवा मार जाता है।
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इस तरह से खुद को जीका से बचाएं
जीका वायरस के लिए अभी तक कोई दवाई नहीं बनी है। इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए खिड़की-दरवाजे बंद रखें और कीटनाशक का प्रयोग करें। घर और बाहर, दोनों जगह पूरे तन ढंकने वाले कपड़े पहन कर रहें। मच्छरों को मारने के लिए कॉयल या मस्किटो रेपलेंट का उपयोग करें। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर और आसपास साफ-सफाई रखें और कहीं भी पानी न जमा होने दें।