क्या है जगह जगह ईवीएम मिलने की कहानी
जगह-जगह ईवीएम और वीवीपैट से भरे ट्रक की जानकारी सोशल मीडिया पर दी जा रही है. लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी दिखा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि ईवीएम मशीनें बदली जा रही है. इस तरह की ख़बर बिहार और उत्तर प्रदेश के झांसी, चंदौली, ग़ाज़ीपुर, डुमरियागंज से आ रही थी.इसी ख़बर के चलते बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नि राबड़ी देवी ने ट्वीट किया है.
चुनाव ख़त्म होते ही और ख़ासकर सोमवार से देशभर में जगह-जगह ईवीएम मशीन मिलने की ख़बर आ रही है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि ज़िला प्रशासन दबाव में आकर मतगणना में ईवीएम बदलने की साज़िश रच रहा है.
जगह-जगह ईवीएम और वीवीपैट से भरे ट्रक की जानकारी सोशल मीडिया पर दी जा रही है. लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी दिखा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि ईवीएम मशीनें बदली जा रही है. इस तरह की ख़बर बिहार और उत्तर प्रदेश के झांसी, चंदौली, ग़ाज़ीपुर, डुमरियागंज से आ रही थी.
इसी ख़बर के चलते बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नि राबड़ी देवी ने ट्वीट किया है कि ईवीएम मशीन की भरे हुए ट्रक पकड़े जा रहे हैं.
वे लिखती हैं, ''देशभर के स्ट्रोंग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है. ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है. ये कहाँ से आ रही है, कहाँ जा रही हैं? कब, क्यों, कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है? चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए.''
देशभर के स्ट्रोंग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है। ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है।
ये कहाँ से आ रही है,कहाँ जा रही है? कब,क्यों,कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है?चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) 21 May 2019
युनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने सोशल मीडिया पर ईवीएम मुद्दे पर निर्वाचन अधिकारियों के बयान साझा किए हैं.
1/n Pl note the followg factual reports from concerned Returning Officers in context of varied clips being circulated on media platforms on EVM strong room issues. Clarification issued by RO👇wrt mishandling of EVMs in Chandauli, UP. All extant guidelines issued by ECI followed. pic.twitter.com/wNOS3WmtvL
— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) 21 May 2019
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर के ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया है जिसमें बताया गया है कि मीडिया द्वारा ये ख़बर फैल रही है कि गाज़ीपुर में ईवीएम की निगरानी के लिए प्रत्याशियों को रोका गया.
ट्विटर पर जारी वीडियो में वे कहते हैं, ''इस सूचना के बारे में ये अवगत करवाना है कि ग़ाज़ीपुर में रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा ये व्यवस्था बनाई गई है कि प्रत्येक प्रत्याशी को स्ट्रोंग रूम पर निगरानी रखने के लिए तीन कलेक्शन पॉइंट पर आठ-आठ घंटे में एक-एक व्यक्ति को पास जारी करने के लिए मेरे द्वारा एसडीएम निर्धारित किया गया है. लेकिन कई जगह ये संख्या कभी तीन कभी पांच की मांग की गई जिसके लिए प्रशासन ने असहमति जताई है.''
1/n Pl note the followg factual reports from concerned Returning Officers in context of varied clips being circulated on media platforms on EVM strong room issues. Clarification issued by RO👇wrt mishandling of EVMs in Chandauli, UP. All extant guidelines issued by ECI followed. pic.twitter.com/wNOS3WmtvL
— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) 21 May 2019
झांसी के ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने भी इस मामले में ट्विटर पर जानकारी दी हैं.
वे कहते हैं, "झांसी में एक ही पोलिंग पार्टी की रवानगी होती है, यहीं पर स्ट्रोंग रूम बनते हैं और यहीं कलेक्शन पॉइंट होता है. चूंकि गरोठा और मऊं काफ़ी दूर विधानसभा क्षेत्र हैं तो कुछ पोलिंग पार्टियों को वहां से आने में विलम्ब हो गया था. कुछ पीठासीन अधिकारियों को अपने पत्र भरने में विलम्ब हो गया था. इसलिए स्ट्रोंग रूम सील होते होते सुबह हो जाती है. यहां भी सुबह 7-7.30 तक सारी ईवीएम मशीन हमने स्ट्रोंग रूम में रख दी थी. उनकी सीलिंग जनरल ऑब्जर्वर और जो भी केंडिडेट आए थे उनके सामने की गई थी, उन्हें इसके लिए सूचित किया गया था. सीलिंग करते समय वीडियो बनाई गई थी और सीसीटीवी कैमरा में की गई थी."
3/n DEO Jhansi while responding to queries on mishandling of EVMs stated that strong rooms were sealed in morning by 7-7:30 am inpresence of Observers once all polling parties came back with EVMs. All extant ECI guidelines followed@PIB_India @DDNewsLive @airnewsalerts @ECISVEEP pic.twitter.com/v72gdQdbhz
— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) 21 May 2019
ज़िला निर्वाचन अधिकारी अपने पीछे इशारा करते हुए आगे बताते हैं कि जो पीछे स्ट्रोंग रूम दिखाई दे रहे हैं ये उन ईवीएम और वीवीपैट के लिए बनाए गए हैं जिनका इस्तेमाल नहीं हुआ है. और इसका मक़सद ही है कि इस्तेमाल में आए हुए वीवीपैट और ईवीएम से अलग रखा जाए. ताकि कोई भी गड़बड़ी न हो. यहां जितनी भी विधानसभा सीटें थी उनके अनयूज़्ड ईवीएम का स्ट्रोंग रूम बनाया गया है. जिन उम्मीदवारों को आपत्ति थी उनके सामने हमने ईवीएम को चेक करके भी दिखाया कि इनमें कुछ नहीं है, वीवीपैट के बॉक्स भी दिखाए कि उनमें भी कुछ नहीं है.
वे बताते हैं कि कुछ उम्मीदवारों को इसलिए ऐसा भ्रम हुआ क्योंकि सट्रोंग रूम सील होने में समय लगा क्योंकि प्रपत्र नहीं भरे गए थे. रिज़र्व अनयूज़्ड ईवीएम के लिए सट्रोंग रूम भी चुनाव आयोग के निर्देश पर ही बनाए गए हैं.
चुनाव आयोग का जवाब
देशभर में ये मुद्दा चर्चा का विषय बनने के बाद चुनाव आगोग ने भी अपना बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया है.
1. ग़ाज़ीपुर: उम्मीदवारों ने कंट्रोल रूम की निगरानी पर सवाल उठाए थे जिसे ईसीआई के निर्देश बताकर हल कर लिया गया है.
2. चंदौली: कुछ लोगों ने आरोप लगाया था लेकिन ईवीएम प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित हैं.
3. डुमरियागंज: ईवीएम प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित हैं. सभी आरोप अनावश्यक थे. डीएम और एसपी ने बातकर मामला हल कर लिया है.
4. झांसी: राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों की उपस्थिति में ईवीएम को सील किया गया है. यहां कोई समस्या नहीं है.
जारी बयान में आगे कहा गया है कि दरअसल, इन सभी मामलों में सभी ईवीएम और वीवीपैट को राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों के सामने सील किया गया था, जिसकी वीडियो भी बनाई और वहां सीसीटीवी कैमरा भी मौजूद थे.
सीपीएएफ सुरक्षागार्ड भी वहां मौजूद थे. उम्मीदवारों को उस समय और उस पॉइंट पर प्रत्येक उम्मीदवार का एक प्रतिनिधित्व 24×7 को निगरानी रखने की अनुमति है. इसलिए ये आरोप निराधार हैं.