क्या है SSC पेपर लीक मामला?
पिछले एक सप्ताह से कर्मचारी चयन आयोग यानी एसएससी के दफ़्तर के बाहर बड़ी संख्या में छात्र 27 फ़रवरी से प्रदर्शन कर रहे थे. उनका आरोप है कि आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं और कई तरह की दूसरी धांधलियां भी हुई हैं.
परीक्षार्थी कथित पेपर लीक मामले की सीबीआई जाँच की मांग कर रहे थे.
पिछले एक सप्ताह से कर्मचारी चयन आयोग यानी एसएससी के दफ़्तर के बाहर बड़ी संख्या में छात्र 27 फ़रवरी से प्रदर्शन कर रहे थे. उनका आरोप है कि आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं और कई तरह की दूसरी धांधलियां भी हुई हैं.
परीक्षार्थी कथित पेपर लीक मामले की सीबीआई जाँच की मांग कर रहे थे. सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी सीबीआई से जाँच कराने के आदेश दिए.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग स्वीकार करते हैं. मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं."
परीक्षार्थियों का आरोप है कि 17 से 22 फरवरी 2018 तक हुए कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा की दूसरे चरण की ऑनलाइन परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे.
देशभर के विभिन्न छात्र संगठनों का आरोप है कि लीक में एसएससी के अधिकारी और ऑनलाइन परीक्षा संचालन करने वाली एजेंसी भी शामिल है.
एसएससी ने इन आरोपों को शुरू में ख़ारिज कर दिया था और प्रदर्शनकारियों से सबूत पेश करने को कहा था.
एसएससी कंबाइड ग्रेजुएट लेबल परीक्षा
पहला चरण- कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन)
दूसरा चरण- कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन)
तीसरा चरण- लिखित परीक्षा (विस्तृत परीक्षा)
चौथा चरण- कंप्यूटर दक्षता/स्किल टेस्ट (सर्टिफ़िकेट जाँच)
क्या हैं परीक्षार्थियों के आरोप?
एसएससी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों ने ग्रेजुएट लेवल परीक्षा के साथ-साथ एसएससी की इस साल आयोजित सभी परीक्षाओं में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं.
परीक्षार्थियों का कहना है कि उन्हें सभी परीक्षाओं पर शक है और इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. यहां परीक्षार्थी लीक हुए पेपर के स्क्रीनशॉट के साथ प्रदर्शन कर रहे थे.
प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने बीबीसी से कहा कि परीक्षा के दौरान उनके जूते तक उतरवा लिए जाते हैं. ऐसे में ऑनलाइन प्रश्न पत्र का लीक होना, एसएससी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का इशारा करती है.
झारखंड से प्रदर्शन करने दिल्ली आईं सुष्मिता चौधरी ने बीबीसी को कहा कि वो 10 लाख रुपए सालान की निजी नौकरी छोड़कर एसएससी की तैयारी कर रही थीं और प्रश्न पत्र लीक ने उनके भविष्य को अंधेरे में डाल दिया है.
प्रदर्शन कर रहे छात्र कथित रूप से लीक हुए प्रश्न पत्र का स्क्रीनशॉट दिखा रहे थे. उन्होंने सवाल उठाया कि जब परीक्षा देने वाले ही प्रश्न पत्र देख सकते हैं तो इसका स्क्रीनशॉट बाहर कैसे आया? परीक्षा केंद्र में जूते तक उतरवाए जाते हैं. पर परीक्षा केंद्रों की जांच होती है या नहीं, ये पता नहीं है.
एसएससी ने कब क्या कहा?
- 17 फरवरीः एसएससी ने नई दिल्ली के मोहन कोऑपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित परीक्षा केंद्र एनीमेट इंफोटेक की परीक्षा रद्द कर दी. परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप थे.
- 21 फरवरीः एसएससी ने अपने आधिकारिक सूचना में कहा कि ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी ने तकनीकी परेशानी की बात कही है, जिसके कारण परीक्षा दोपहर 12.10 में शुरू की गई.
- परीक्षा में इस दिन कुल 41,333 छात्रों में से 33,075 शामिल हुए.
- इस दिन पेपर वन की परीक्षा देशभर के 206 में से 204 केंद्रों पर ली गई थी. भोपाल और पटना के एक-एक केंद्र पर परीक्षार्थियों ने परीक्षा देने से मना कर दिया.
- इसी दिन एसएससी ने एक अन्य नोटिस में सुबह 10.15 बजे प्रश्न पत्र के साथ-साथ जवाब के सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायत मिलने की बात कही और इसे ग़लत और आधारहीन बताया. इस संबंध में एफ़आईआर दर्ज कराने की भी बात कही गई.
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- 24 फरवरीः एसएससी ने 21 फरवरी को आयोजित पेपर वन की परीक्षा रद्द कर दी.
- 27 फरवरीः सैंकड़ों छात्र एसएससी मुख्यालय के बाहर जुटे. एसएससी ने छात्रों की टीम से मिलने की बात कही और कथित लीक से जुड़े दस्तावेज़ों को पेश करने को कहा.
- 28 फरवरीः एसएससी ने परीक्षार्थियों की टीम से मिलने के बाद पुख़्ता सबूत एक मार्च की सुबह 10.30 बजे तक पेश करने को कहा. एसएससी का कहना था कि अगर सबूत सही पाए गए तो वो स्वतंत्र जांच एजेंसी से मामले की जांच की सिफ़ारिश करेंगे.
- 1 मार्चः एसएससी के अध्यक्ष के जारी नोटिस के मुताबिक़ छात्रों की एक टीम ने गृहमंत्री से मुलाक़ात की. गृहमंत्री के निर्देश के मुताबिक़ एसएससी को मामले की जांच के लिए कहा गया है.
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