अफवाह- एजेंसियों को परेशान करने और डराने के लिए आतंकी संगठनों का नया फॉर्मूला
नई दिल्ली। पिछले एक हफ्ते के दौरान करीब तीन बार आपने किसी न किसी एयरलाइन की फ्लाइट में बम की अफवाह और फिर चेकिंग की खबरें टीवी पर देखी होंगी।
चेकिंग के बाद भी फ्लाइट्स से कुछ नहीं मिलता लेकिन डर और तनाव का एक माहौल जरूर थोड़ी देर के लिए नजर आने लगता है। देश में और बाकी दुनिया में इस समय एक अजीब सा और तनावपूर्ण माहौल है।
ऐसे में इस तरह की कोई भी जानकारी मिलते ही हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है। यही है आतंकियों और संगठनों की नई रणनीति।
आतंकियों ने डर और तनाव के माहौल को बनाने के लिए एक नई रणनीति अख्तियार कर ली है। अगर हमला करने में फेल हो जाओ तो अफवाह फैलाओ।
इतने जबर्दस्त तरीके से किसी भी अफवाह को फैलाओ कि डर का माहौल बन जाए। आतंकी जहां लोगों को डराने में सफल हो जाते हैं तो वहीं उन्हें मीडिया का कवरेज भी मिल जाता है।
इंटेलीजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी के मुताबिक जब ऐसी खबरें आती हैं तो पुलिस के साथ मीडिया में भी एक अलग माहौल देखने को मिलता है।
उनके अति उत्साह या फिर अत्यधित उत्तेजित होने की वजह से जनता के बीच एक अकल्पनीय स्थिति पैदा हो जाती है।
आतंकी संगठन इन दिनों झूठी जानकारी या फिर अफवाहों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक एक अफवाह के जरिए भी लोगों में डर पैदा करना किसी भी आतंकी संगठन के लिए एक बड़ी जीत से कम नहीं है।
सीरिया और इराक को कब्जे में ले चुका आईएसआईएस इस काम में सबसे आगे है। आईएसआईएस के आतंकियों की ओर से दी गई अफवाहों में करीब 20 प्रतिशत अफवाहें ऐसी होती हैं जो कभी वास्तविकता में नहीं बदल पाती और सिर्फ एक अफवाह ही साबित होती हैं।
आतंकी ज्यादातर अपने मकसद के लिए किसी प्रपोगेंडा पर निर्भर होते हैं। आईएसआईएस इसमें सबसे आगे है। इस संगठन के सिर कलम करने वाले 80 प्रतिशत वीडियोज किसी स्टूडियो में रिकॉर्ड होते हैं।
इन वीडियोज के जरिए जहां दुनिया को उनकी ताकत के बारे में एक संदेश जाता है तो वहीं संगठन के लिए नए लोगों पर भी इसका एक अलग असर पड़ता है।