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PM मोदी को लेकर संजय राउत के कभी नीम-नीम कभी शहद-शहद वाले बयान के क्या है मायने?

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी संकट के बीच रोजगार और अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के लिए अगस्त महीने में प्रधानमंत्री मोदी का इस्तीफा मांगने के लिए अमादा शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के मुंह से नीम की बजाय आज शहद टपकता दिखा, जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 'हमारे नेता' संबोधित किया। शनिवार को महाराष्ट्र दौर पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के लिए के लिए यह उद्गार शिवसेना प्रवक्ता के मुंह सुनकर आश्चर्य जरूर हुआ, क्योंकि एनडीए का साथ छोड़कर विरोधी NCP और कांग्रेस के साथ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने वाली शिवसेना लगातार बीजेपी को कोसती आ रही है।

Sanjay

अब तक दर्जनों अभिनेत्रियां चुन चुकी है विदेशी दुल्हे को जीवनसाथी, कतार में है कई और बड़े नाम

अगस्त महीने में प्रधानमंत्री मोदी से इस्तीफा मांग कर रहे थे संजय राउत

अगस्त महीने में प्रधानमंत्री मोदी से इस्तीफा मांग कर रहे थे संजय राउत

दरअसल, अगस्त के महीने में जब कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर पूरे भारत में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद पूरे देश में उद्योग-धंधे बंद हुए गए थे, जिसका सीधा असर प्रवासी भारतीयों के रोजगार पर पड़ा। इस दौरान परिवहन सेवाएं भी ठप थी, जिससे रोजगार गंवा चुके प्रवासी मजदूरों को त्रासदी का सामना करना पड़ा। ऐसे समय में जब पूरा विश्व पर महामारी की चपेट था औऱ दुनिया की सभी छोटी-बड़ी अर्थव्यस्थाएं कराह रहीं थी, तब शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने लॉकडाउन का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से इस्तीफा मांगने की बात कर रहे थे।

संजय राउत कितने गंभीर नेता हैं इसका अंदाजा उनके बयान से लग जाता है

संजय राउत कितने गंभीर नेता हैं इसका अंदाजा उनके बयान से लग जाता है

हालांकि संजय राउत की गंभीरता का अंदाजा लोगों को अभिनेत्री कंगना रनौत के बारे में कहे गए अपशब्दों और फूहड़ बयानों और फिर उन बयानों की सफाई में हुई जग हंसाई से समझा जा सकती है। वैसे भी संजय राउत पर गंभीर राजनीतिक का टैग भी नहीं है, क्योंकि जैसी टिप्पणी उन्होंने दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत पर उनके पिता की शादीशुदा जिंदगी को लेकर की थी, उससे कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि वो कितने संजीदा व्यक्तित्व के मालिक है।

बॉम्बे हाई कोर्ट कंगना के खिलाफ बयानबाजी के लिए लगाई फटकार

बॉम्बे हाई कोर्ट कंगना के खिलाफ बयानबाजी के लिए लगाई फटकार

बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय पर बीएमसी द्वारा की गई तोड़-फोड़ की कार्रवाई और उस दौरान शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के बयानबाजी पर फटकार इसकी तस्दीक करती है। हाई कोर्ट ने कंगना रनैतो टारगेट करके की गई टिप्पणी के लिए संजय राउत को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार एक सांसद के लिए उपयुक्त नहीं है, जिससे संजय राउत के साथ पूरी महाराष्ट्र सरकार को फजीहत का सामना करना पड़ा था। कोर्ट ने माना कि कंगना के कार्यालय पर कार्रवाई बदले की भावना से की गई थी। इसलिए कंगना के कार्यालय के तोड़-फोड़ के लिए हर्जाना देने के लिए भी बीएमसी को कहा गया है।

पीओके से मुंबई की तुलना वाले मामले में राउत कड़ुवी बयानबाजी की थी

पीओके से मुंबई की तुलना वाले मामले में राउत कड़ुवी बयानबाजी की थी

गौरतलब है शिवसेना प्रवक्ता राउत पीओके से मुंबई की तुलना वाले मामले में राउत और कंगना रनौत में कड़वी बहसबाजी में उलझ गए थे। इससे पहले, राउत ने कंगना को ऑन कैमरे पर हरामखोर कह डाला था और हो हल्ला हुआ और उनकी लानत-मलानत होने लगी तो हरामखोर का मतलब नॉटी गर्ल बताकर बुरी तरह फंस गए। इसके पहले भी राउत कंगना को मेंटल केस कहकर भी बुरे फंस चुके हैं, लेकिन राउत हैं कि मानते ही नहीं। हालांकि विवादित बयानों के साथ राउत का पुराना राफ्ता रहा है।

संजय राउत का हालिया बयान सोची-समझी रणनीति के तहत आया है

संजय राउत का हालिया बयान सोची-समझी रणनीति के तहत आया है

माना जा रहा है प्रधानमंत्री मोदी को लेकर संजय राउत का हालिया बयान एक सोची-समझी रणनीति के तहत दिया गया है। शनिवार को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के दौरे पर पहुंचने से पहले दिए एक बयान में संजय राउत का बिल्कुल बदला हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपना नेता करार देते हुए कि उनका महाराष्ट्र में स्वागत है। उन्होंने यह बयान उस फजीहत को छिपाने की कोशिश दी है, क्योंकि प्रदेश में प्रधानमंत्री के दौरे पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों को उनकी अगवानी के साथ-साथ दौरे के दौरान पीछे-पीछे चलना होता है। हालांकि यह प्रोटोकाल का हिस्सा होता है।

संजय राउत के हल्केपन और विवादास्पद बयानों की एक पूरी फेहरिस्त हैं

संजय राउत के हल्केपन और विवादास्पद बयानों की एक पूरी फेहरिस्त हैं

उल्लेखनीय है संजय राउत के हल्केपन और विवादास्पद बयानों की एक पूरी फेहरिस्त हैं। एक बार मुंबई के कार्यक्रम में संजय राउत बोले, वो कंपाउंडर डाक्टर से ज्यादा जानते हैं। वह तो दवा भी कंपाउंडर से ही लेते हैं। संजय राउत के उक्त बयान का काफी विरोध हुआ था। आईएमए ने तो उनसे माफी मांगने तक की भी मांग कर की दी थी, लेकिन संजय राउत ने जब हरामखोर पर माफी नहीं मांगी, तो इस पर माफी की गुंजाइश ही कहा थी।

जब एक सनसनीखेज दावा कर अपनी ही सरकार को दांव पर लगा दिया था

जब एक सनसनीखेज दावा कर अपनी ही सरकार को दांव पर लगा दिया था

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही साझा सरकार में कांग्रेस भी एक दल है, बावजूद इसके शिवसेना प्रवक्ता ने एक सनसनीखेज दावा करके अपनी ही सरकार को दांव पर लगा दिया था। उन्होंने दावा करते हुए कहा, एक वक्त था जब दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, शरद शेट्टी तय करते थे कि मुंबई का पुलिस कमिश्नर कौन होगा और मंत्रालय में कौन बैठेगा। बकौल राहत, तब हाजी मस्तान मंत्रालय आते थे, पूरा सचिवायल उन्हें देखने नीचे आता था। वो यही नहीं रूके, आगे कहा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अक्सर करीम लाला से दक्षिण मुंबई में मिलती थी। इस बयान का जब विरोध बढ़ा तो राउत की बड़ी मुजम्मत हुई और उन्हें बयान वापस लेना पड़ा।

बड़बोले संजय संजय राउत ने कहा, हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी थी

बड़बोले संजय संजय राउत ने कहा, हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी थी

वहीं, राम मंदिर को लेकर दिए एक बयान में संजय राउत ने कहा, हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी थी, तो कानून बनाने में कितना समय लगता है, जबकि राष्ट्रपति भवन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। बकौल राउत, राज्यसभा में बहुत सांसद है, जो राम मंदिर के साथ खड़े होंगे, जो भी विरोध करेगा उसका देश में घूमना मुश्किल हो जाएगा। वहीं, एक अन्य विवादित बयान में राउत कहते हैं, मुसलमानों को समाज की मुख्यधारा का हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि अगर सरकार धर्म के आधार पर चलती है, तो भारत अगला पाकिस्तान बन जाएगा।

Comments
English summary
Shiv Sena spokesperson Sanjay Raut's honey dripped given today instead of neem who earlier demand Prime Minister Modi's resignation in August amid slump in employment and economy amid Corona epidemic crisis, when he addressed Prime Minister Modi as 'our leader'. This eclipse for Prime Minister Modi, who reached the Maharashtra round on Saturday, came as a surprise on the face of the Shiv Sena spokesperson, as the Shiv Sena, which left the NDA and formed the government under the leadership of Uddhav Thackeray along with the anti-NCP and Congress, continues to curse the BJP. .
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