Modi's swearing-in ceremony: इन 7 खास बातों में 2014 से अलग है मोदी का शपथ ग्रहण समारोह
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 8000 मेहमानों को न्योता भेजा गया है, बाहरी मेहमानों में बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान के प्रमुख शामिल होंगे, इसके अलावा सांसदों और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है। साल 2014 में भी पीएम मोदी का शपथ ग्रहण समारोह काफी भव्य था लेकिन इस बार के शपथ ग्रहण को उसे भी ज्यादा भव्य बनाने की कोशिश की गई है।
चलिए जानते हैं कि साल 2014 के शपथ ग्रहण और साल 2019 के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य रूप से क्या अंतर है....
बिम्सटेक के सदस्य बने हैं मेहमान
2014 में सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था, इस बार बिम्सटेक के सदस्यों को बुलाया गया है, ऐसे में इस बार बिम्स्टेक के देश जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, म्यामार, नेपाल और थाईलैंड के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है यानि इस बार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे, पिछली बार पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ शपथ समारोह का हिस्सा थे लेकिन इस बार पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान को न्योता नहीं गया है।
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8 हजार से अधिक मेहमान होंगें शामिल
शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित फोरकोर्ट परिसर में आयोजित किया गया है, ऐसा चौथी बार होगा जब किसी प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह दरबार हॉल में न होकर फोरकोर्ट में होगा। इस बार करीब 7000 से 8000 लोगों के बैठने का इंतजाम किया गया है। जबकि पिछले शपथ ग्रहण समारोह में 5000 लोगों ने शिरकत की थी।
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29 राज्यों के राज्यपाल भी शिरकरत करेंगे
शपथ ग्रहण समारोह में 29 राज्यों के राज्यपाल भी शिरकरत करेंगे, इसके अलावा राजनीती, फिल्म, खेल और उद्योग जगत की कई मशहूर हस्तियों को न्योता भेजा गया है, सूत्रों के मुताबिक फिल्म स्टार शाहरुख खान, अभिनेता से नेता बने रजनीतकांत, पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़, बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल, जाने-माने उद्योगपतियों में मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और रतन टाटा, पूर्व धावक पी टी ऊषा, अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, हरभजन सिंह, बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद और जिम्नास्ट दीपा करमाकर को भी न्योता भेजा गया है।
ये हैं खास मेहमान
इन सबके अलावा आज के शपथ ग्रहण के खास मेहमान हैं बंगाल में सियासी हिंसा में मारे गए अपने 54 कार्यकर्ताओं के परिजन, जिनको स्पेशल ट्रेन के जरिए भाजपा ने दिल्ली आमंत्रित किया था, ये वो लोग हैं, जिनके घरवाले बंगाल में हुई चुनावी हिंसा में मारे गए हैं।
पिछली बार 'मोदी लहर' इस बार 'मोदी सुनामी'
भाजपा 2014 में कांग्रेस के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के सहारे जीत दर्ज की थी। वहीं इस बार भाजपा अपने काम के साथ जनता के पास गई और पिछली बार से भी अधिक सीटें जीती।
पिछली बार जयललिता इस बार ममता रहेंगी नदारद
प्रधानमंत्री मोदी के पिछले शपथ ग्रहण समारोह में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने भाग नहीं लिया था। उनके अलावा लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इस समारोह में आए थे। पिछली बार 34 सीटें जीतने वाली ममता बनर्जी भी आई थीं। लेकिन इस बार ममता ने समारोह में न आने की घोषणा कर दी है। इसके अलावा एमपी से कमलनाथ और छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल जैसे कुछ कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने भी समारोह में आने से मना कर दिया है।
विशेष मुहूर्त
शाम सात बजे शपथ ग्रहण समारोह शुरू होगा। ज्योतषियों के मुताबिक मोदी की कुंडली के अनुसार इस समय राजयोग। शपथ ग्रहण समारोह करीब डेढ़ घंटे तक चलेगा। शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति भवन में विशेष भोजन की व्यवस्था है, जिसमें नॉनवेज से लेकर वेज तक के हर तरह के भोजन की व्यवस्था की गई है।
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