क्या होती है SPG सुरक्षा? जो अब गांधी परिवार को नहीं मिलेगी
नई दिल्ली- स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप या एसपीजी की सुरक्षा अभी देश में मौजूद वीवीआईपी सिक्योरिटी में सबसे बेहतरीन और हाई प्रोफाइल कवर है। अभी गांधी परिवार के तीन सदस्यों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी एसपीजी की ही सुरक्षा मिली हुई थी, जिसे अब मोदी सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है। आइए जानते हैं कि एसपीजी का प्रोटेक्शन किसे मिलता है और इससे जुड़े तमाम प्रावधान क्या हैं। इसमें किस तरह के कमांडो होते हैं, इनके अफसरों के पास क्या-क्या जिम्मेदारी होती, ये किस तरह के हथियार और वाहनों के काफिले लेकर चलते हैं ?
एसपीजी की क्या है जिम्मेदारी ?
एसपीजी को भारत के प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के करीबी सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 1985 में अपने गठन के बाद से ही यह अपनी सुरक्षा प्राप्त लोगों को उनके दफ्तरों, आवासों, किसी कार्यक्रम के दौरान और देश के भीतर या देश के बाहर यात्रा के दौरान अचूक सुरक्षा मुहैया कराता रहा है। यह ग्रुप 'जीरो एरर' और 'कल्चर ऑफ एक्सीलेंस' के ध्येय से काम करता है। इसने अपनी स्थापना के बाद से ही 'शॉर्यम, समर्पणम और सुरक्षानम' (शौर्य, समर्पण और सुरक्षा) की भावना से सेवाएं दी हैं। इस हाई प्रोफाइल फोर्स ने अपने काम में मल्टी स्किल्ड, प्रोफशनली कंपीटेंट और टेक सेवी फोर्स का सम्मान हासिल किया है। देश में मौजूद सुरक्षा के हालातों और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के बढ़ते खतरों के बीच इस फोर्स पर अपनी सुरक्षा प्राप्त लोगों को चौबीसों घंटे अचूक सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी है। एसपीजी अफसरों को इस तरह की ट्रेनिंग मिलती है कि वह अपना सर्वोच्च बलिदान देकर भी सुरक्षा प्राप्त लोगों की हर हाल में हिफाजत करें।
एसपीजी की खासियत
एसपीजी में देश के विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के ऐसे चुनिंदा अफसरों की तैनाती होती है, जनकी नेतृत्व क्षमता खास होती है, वे बेहद पेशेवर होते हैं, सुरक्षा के क्षेत्र में बेहद अनुभवी होते हैं और फोर्स को आगे से नेतृत्व देने का उका हुनर बेजोड़ होता है। इस फोर्स को इस तरह से तैयार किया गया है जिसमें चूक की गुंजाइश के लिए जगह ही नहीं छोड़ी गई है। एसपीजी अफसरों की बहादुरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी सेवाओं के लिए अबतक एक को शौर्य चक्र, 39 को राष्ट्रपति पुलिस मेडल, 297 को पुलिस मेडल से नवाजा जा चुका है। एसपीजी के पहले डायरेक्टर को पद्मश्री तक का सम्मान मिल चुका है। आज एसपीजी की पहचान वीवीआईपी सुरक्षा में लगे दुनियाभर के बेहतरीन सुरक्षा संगठन में की जाने लगी है।
एसपीजी ऐक्ट, 1988 में क्या है?
2 जून, 1988 से लागू एसपीजी ऐक्ट के मुताबिक ग्रुप के सभी सदस्यों को भारत या भारत के बाहर तैनात किया जा सकता है। ग्रुप के सभी सदस्यों को हमेशा ऐक्टिव ड्यूटी के लिए तैयार रहना है और उन्हें आवश्यकताओं के अनुसार कहीं भी तैनात किया जा सकता है। अभी आईपीएस अरुण कुमार सिन्हा इसके डायरेक्टर हैं। मौजूदा समय में एसपीजी को 3,000 कमांडो वाला फोर्स बताया जाता है, जिनके पास अबतक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। इनमें से आखिरी तीन का एसपीजी कवर हटा लिया गया है, जो 28 सालों से इसके कवर में थे। एसपीजी ऐक्ट के तहत राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश इनकी सुविधा और जरूरतों के मुताबिक उनसे सहयोग करने के लिए बाध्य हैं। बता दें कि इससे पहले पिछले 28 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी कवर भी हटा ली गई थी और उन्हें भी गांधी परिवार की तरह ही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।
Recommended Video
एसपीजी के साजो-सामान
एसपीजी कमांडोज के पास अल्ट्रा-मॉडर्न असॉल्ट राइफल, संचार के लिए ईयरपीस, बूलेटप्रूफ वेस्ट, ग्लोव्स, एल्बो और नी पैड्स से लैस होते हैं। एसपीजी के पास अत्याधुनिक वाहनों का भी एक काफिला मौजूद है। उनमें से ज्यादातर बूलेट-प्रूफ हैं। इनमें बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की कारें, बख्तरबंदन रेंज रोवर्स, बीएमडब्ल्यू की एसयूपी, टोयोटा और टाटा की गाड़ियां शामिल हैं। यह अपनी सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी और उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी वाहनों और उपकरणों के लिए भारतीय वायुसेना के विमानों और हेलिकॉप्टरों का भी देश-विदेश की यात्रा के लिए इस्तेमाल करता है।
इसे भी पढ़ें- केंद्र सरकार ने वापस ली गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा