UNGA में क्या होता है Right to Reply जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
न्यूयॉर्क। भारत की तरफ से यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (यूएनजीए) में राइट टू रिप्लाई का प्रयोग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की स्पीच का जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय की फर्स्ट सेक्रेटरी विदिशा मैत्रा ने भारत की तरफ से पाकिस्तान को जवाब दिया है। राइट टू रिप्लाई, उंगा के अधिनियम का एक अहम हिस्सा है और इसका प्रयोग सदस्य देश किसी बात या दावे को खारिज करने के लिए करते हैं। आइए आपको बताते हैं कि उंगा में राइट टू रिप्लाई का क्या मतलब है और कब-कब इसका प्रयोग कोई सदस्य देश करता है।
राइट टू रिप्लाई सबसे अहम
उंगा के एनेक्स 5 के तहत जो नियम बताए गए हैं राइट टू रिप्लाई उसमें एक अहम हिस्सा है। इस नियम के तहत प्रतिनिधिमंडलों को किसी भी दिन की जनरल मीटिंग के अंत में अपने राइट टू रिप्लाई का प्रयोग करने का अधिकार होता है। यानी किसी भी दिन जब दो मीटिंग्स खत्म हो जाती हैं, राइट टू रिप्लाई का प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन राइट टू रिप्लाई का प्रयोग उसी विषय पर किया जा सकता है जिस पर मीटिंग का आयोजन हुआ हो।
10 और पांच मिनट का ही समय
राइट टू रिप्लाई के तहत किसी भी विषय पर हस्तक्षेप की संख्या दो से ज्यादा नहीं हो सकती है। पहला हस्तक्षेप किसी भी डेलीगेशन के लिए किसी भी विषय पर 10 मिनट से ज्यादा नहीं हो सकता और दूसरे हस्तक्षेप के लिए सिर्फ पांच मिनट का समय निर्धारित है। भारत की तरफ से विदिशा मैत्रा ने पाकिस्तान को इस अधिकार का प्रयोग कर करारा जवाब दिया है। इमरान ने अपने पहले संबोधन में यूएन के इस मंच से भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दी है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में एक बार भी पाकिस्तान का जिक्र तक नहीं किया था।
पाकिस्तान को फटकारा
मैत्रा ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करेगा कि दुनिया में अकेला यह देश ऐसा है जहां की सरकार जो यूएन की तरफ से अल कायदा और दाएश की प्रतिबंध लिस्ट में आए व्यक्ति को पेंशन देती है। मैत्रा ने इमरान के भाषण को पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा करार दिया है। मैत्रा ने जब यह बात कही तो उनका इशारा 26/11 के मास्टरमाइंड और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद की तरफ था। उन्होंने यह भी कहा कि इमरान ने यूएन के मंच का गलत प्रयोग किया और यहां से भारत को युद्ध और परमाणु हमले की धमकी दी है।