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क्या है नया व्हीकल एक्ट, कड़े ट्रैफिक नियमों से बदलेगा लोगों का नज़रिया

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बंगलुरू। नया मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधित) लागू होने के बाद ट्रैफिक नियम की धज्जियां उड़ाकर सड़कों पर उतरने वाले लोगों की जिंदगी जद्दोजदह से गुजर रही है। गत 1 सितंबर से लागू नए व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने वाले लोगों पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा भारी जुर्माना थोपा जा रहा है। नए एक्ट में चालान की रकम इतनी ज्यादा है कि दुपहिया अथवा चार पहिया वाहन चालक समझ नहीं पा रहे हैं कि वो किसकी गलती की सजा भुगत रहे है?

Vehicle Act

क्योंकि पिछले पांच दिनों में ऐसे कई वाक्ये पेश आए जिसमे 15 हजार वैल्यू वाले स्कूटी को 23 हजार रुपए को चालान पकड़ा दिए गए तो ट्रक चालक को 59000 रुपए का चालान कट गया। कड़े नियमों के जरिए लोगों को सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के प्रति सम्मान जगाने के लिए चालान काटकर लोगों से सरकार मोटी राशि वसूल रही है, लेकिन लोगों की नाराजगी भी झेल रही है, जिसकी पैमाइश वर्षान्त में होने वाले विधानसभा चुनावों में वोट फीसदी से आसानी से हो जाएगी।

Vehicle Act

हरियाणा प्रदेश के गुरूग्राम में पुलिस ने जरूरी कागजात साथ नहीं होने पर एक स्कूटी चालक का 23 हजार रुपए का चालान बना दिया गया। झज्जर जिले में एक बाइक सवार पर ट्रैफिक नियमों के उलल्लंघन को आरोपों के चलते कुल 22 हजार रुपए का जुर्माना ठोक दिया। अकेले दिल्ली में पहले दिन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 39000 लोगों के चालान काट दिया है।

Vehicle Act

नए व्हीकल एक्ट में चालान के प्रावधानों से सड़क पर वाहन से चलने वालों की जैसे शामत आ गई है, जिसके चलते नया व्हीकल एक्ट अब लोगों के निशाने पर आ गई है। कड़े ट्रैफिक नियमों और जुर्माने के चलते अब सरकार को आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर कड़े व्हीकल एक्ट के खिलाफ यूजर्स काफी कुछ लिख रहे हैं, जिसमें उनका गुस्सा साफ-साफ पढ़ा जा सकता है। यूजर्स न केवल नए एक्ट की खिंचाई कर रहे हैं बल्कि सड़कों की हालत और ट्रैफिक पुलिस के भ्रष्टाचार का हवाला देकर सरकार को घेर रहीं हैं।

गौरतलब है नए एक्ट के तहत वाहन की चेकिंग के दौरान अगर लायसेंस नहीं मिला तो 5000 रुपए के दंड का प्रावधाव रखा गया है। इसी तरह बिना हेल्मेट गाड़ी चलाने पर 1000, बिना इंश्योरेंस गाड़ी के लिए 2000, ड्रिंकिंग ड्राइन पर 10,000 के जुर्माने का प्रावधान है। इतना नहीं, भारी जुर्माने के चलते एक-दो कागजात नहीं होने पर ही हजारों रुपए का चालान बन रहा है।

Vehicle Act

जुर्माने की राशि भरने की खीझ लोग सोशल मीडिया पर निकाल रहे हैं। उनका कहना है कि जुर्माने की राशि वसूलने के बजाय सरकार उसी पैसे से पीड़ित को हेल्मेट भी वाहन चालकों को दे सकती है। इसके अलावा लोग अच्छी सड़क और अन्य सुविधाओं को लेकर भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

हालांकि नए व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद कुछ सुखद खबरें भी आने लगी है। नए ट्रैफिक नियम को सख़्ती से मार्केट में हेल्मेट की डिमांड मे तेजी आई है। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के सड़कों पर गाड़ी चलाने वाले लोग अब लाइन में लगकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रहे हैं। वहीं, प्रदूषण जांच केंद्र के बाहर खड़े होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, जहां लोगबाग प्रदूषण सर्टिफ़िकेट लेने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

Vehicle Act

नए व्हीकल एक्ट लागू होने के पहले दिन यानी 1 सितंबर को अकेले दिल्ली में कुल 20698 वाहन चालकों ने अपनी गाड़ी की प्रदूषण जांच कराई। यह आंकड़ा 2 सितंबर को आंकड़ा 31068, 3 सितंबर को 32137 और 4 सितंबर को 44143 पार कर गया। ऐसा नहीं है कि लोग रातोंरात प्रदूषण के प्रति सचेत हो गए हैं बल्कि यह परिवर्तन जुर्माने के वसूले जा रहे 10000 रुपए की मोटी रकम है, जो प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन के लिए नए एक्ट में निर्धारित किए गए हैं।

यह भी पढ़ें-Motor vehicle act: आपके नाम का भी कटा हो सकता है चालान, ऐसे करें ऑनलाइन चेक

OMG: 34 फीसदी दुर्घटनाओं के लिए दुपहिया चालक होते हैं जिम्मेदार

भारी भरकम जुर्माने से सकपकाया मध्यमवर्ग परिवार

भारी भरकम जुर्माने से सकपकाया मध्यमवर्ग परिवार

नए मोटर वाहन अधिनियम के कड़े प्रावधानों से सर्वाधिक कोई पीड़ित हुआ है तो वो मध्यमवर्ग समुदाय। नियमों की धज्जियां उड़ाने की सजा के बाद मिलिड क्लास लोगों द्वारा ही सबसे ज्यादा रोष प्रकट किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि मध्यवर्गीय परिवार ही सर्वाधिक नियमों की धज्जियां उड़ाता है, जिन्हें भारी भरकम पैसों की चोट से ही ठीक किया जा सकता है। यह बात भी सही है कि मोटा जुर्माना वसूलने से पहले सरकार को सड़कों को गड्ढामुक्त करने की पहल शुरू कर देी चाहिए। इसके अलावा सड़कों का अतिक्रमण कर ट्रैफिक समस्या को बढ़ाने वाले दुकानदारों के खिलाफ भी पुलिस के खिलाफ भी कुछ सोचना होगा।

जुर्माना ज्यादा है तो अपनाएं हेल्मेट और सीट बेल्ट

जुर्माना ज्यादा है तो अपनाएं हेल्मेट और सीट बेल्ट

भारी जुर्माना चुकाकर सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों की खीझ और ट्रैफिक समस्या को लेकर सरकार से पूछे जाने वाले सारे सवाल जायज हैं, लेकिन यह कहकर किसी को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि सरकार बिना लाइसेंस सड़कों पर गाड़ी चलाने की किसी को अनुमति दे देगी। सड़कों पर गड्ढ़े हैं तो इस बिना पर किसी दूसरी गाड़ी पर ठोकने का लाइसेंस मिल जाएगा, सड़क पर ट्रैफिक पुलिस मौजूद नहीं है तो गाड़ी को रेड लाइट पर रोकना होगा। मसलन, नया व्हीकल एक्ट में जुर्माने के प्रावधान बहुत अधिक हैं तो हेल्मेट पहनना और सीट बेल्ट नहीं बांधना शुरू कर देना चाहिए, जो वाहन चालक की सुरक्षा के लिए ही है।

डिजिलॉकर व मोबाइल ऐप से दिखाए डाक्युमेंट की कॉपी

डिजिलॉकर व मोबाइल ऐप से दिखाए डाक्युमेंट की कॉपी

नए व्हीकल एक्ट के तहत अभी तक जितने चालान काटे गए हैं, उनमें से ज्यादातर जरूरी डॉक्युमेंट ड्राइवर के पास न होने के लिए काटे गए हैं जबकि नए व्हीकल एक्ट के मुताबिक अगर किसी के पास डॉक्युमेंट फिजिकल फॉर्म में नहीं है तो वह डिजिलॉकर या एमपरिवहन ऐप पर स्टोर इनकी सॉफ्ट कॉपी भी दिखा सकता है। इस बारे में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नोटिस जारी कर चुका है।

घूस पेशकश पर पुलिस और वाहन चालक दोनों नपेंगे

घूस पेशकश पर पुलिस और वाहन चालक दोनों नपेंगे

ट्रैफिक चालान के दौरान घूसखोरी रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा बड़ा कदम उठाया है, जिससे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़े लोगों द्वारा ट्रैफिक पुलिस को घूस देने की कोशिश करते भी छोड़ा नहीं जाएगा। इसी तरह ट्रैफिक अधिकारियों को अब चालान करते हुए बॉडी कैमरा पहनना होगा ताकि वो भी घूस न ले सके। यही नहीं अगर पुलिसकर्मी ने चालक से घूस मांगी तो उस पर भी एक्शन लिया जाएगा। अगर कोई पुलिसकर्मी घूस मांगे तो उसे भी डबल चालान देना होगा।

एक तिहाई सड़क दुर्घटनाओं के लिए दुपहिया चालक जिम्मेदार

एक तिहाई सड़क दुर्घटनाओं के लिए दुपहिया चालक जिम्मेदार

वर्ष 2017 की सड़क दुर्घटनाओं पर गौर करें तो पाएंगे कि इस दौरान करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा सड़क हादसे दर्ज हुए, जिनमें से तीन लाख से ज्यादा मामले ओपरस्पीडिंग के थे। इस दौरान 1,47, 913 लोग मारे गए, जिनमें से करीब एक लाख तेज रफ्तार के चलते मारे गए। वहीं,मोबाइल फोन के इस्तेमाल से साढ़े 8 हजार दुर्घटनाएं हुईं और 3 हजार मौतें हुईं। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 14 हजार एक्सीडेंट हुए और साढ़े 4 हजार से ज्यादा मौतें हुईं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि करीब 34 फीसदी सड़क हादसों और 29 प्रतिशत मौतों के लिए दुपहिया वाहन जिम्मेदार थे। 78 फीसदी मौतें ड्राइवर की गल्ती से होती हैं और सबसे ज्यादा मौतें 18-35 साल की उम्र वाले लोगों की हुई हैं।

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English summary
New vehicle act implemented on 1st September, 2019 and since vehicle owner suffering with tightened rules of traffic. All over India people opposing tightened rule against broken the traffic rules.
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