जानिए मेडिकल आइसोटोप क्या हैं, जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपनी पीसी में किया
जानिए मेडिकल आइसोटोप क्या हैं, जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपनी पीसी में किया
नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की चौथी किस्त को लेकर ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि मेडिकल आइसोटोप के लिए पीपीपी नीति से उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन के लिए पीपीपी मॉडल के तहत शोध रिएक्टर बनेगा। सरकार मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन के लिए पीपीपी मोड में एक शोध रिएक्टर की स्थापना करेगी, जो कैंसर और अन्य बीमारियों के लिए सस्ती उपचार के माध्यम से मानवता के कल्याण को बढ़ावा देगा। इस सेक्टर में स्टार्टअप को आगे बढ़ाया जाएगा। आइए जानते हैं वित्तमंत्री ने मेडिकल आइसोटोप शब्द का प्रयोग किया आखिर वो हैं क्या?
आइसोटोप क्या हैं ?
बता दें एक चिकित्सा आइसोटोप एक आइसोटोप है जिसका उपयोग दवा में किया जाता है। चिकित्सा में आइसोटोप का पहला उपयोग रेडियोफार्मास्यूटिकल्स में किया गया था, और यह अभी भी सबसे आम उपयोग होता है। हालाँकि हाल ही में, अलग स्थिर आइसोटोप भी उपयोग में आ गए हैं। रेडियोफार्मास्युटिकल्स कुछ कैंसर और अन्य पुरानी बीमारियों के निदान और प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली रेडियोधर्मी आइसोटोप की छोटी मात्रा वाली दवाएं हैं।
आइसोटोप जो दुनिया का सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मेडिकल रेडियोसोटोप है
मोलिब्डेनम -99 सहित रेडियो आइसोटोप - यहां तक कि कम-जीवित-जीवित टेक्नेटियम -99 मी का उत्पादन करने के लिए अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाला अल्पकालिक आइसोटोप जो दुनिया का सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मेडिकल रेडियोसोटोप है। सीमित मात्रा में अनुसंधान रिएक्टरों में उत्पादित किया जाता है और फिर अन्य देशों में पहुंचाया जाता है। ये गैर-रेडियोधर्मी चिकित्सा समस्थानिक के उदाहरण हैं। गैर-रेडियोधर्मी चिकित्सा का उपयोग ड्यूटेरिएटेड ड्रग्स में ड्यूटेरियम और कार्बन -13 का उपयोग यकृत समारोह और चयापचय परीक्षणों में किया जाता है।
रेडियो आइसोटोप थेरेपी
बता दें कैंसर के इलाज में रेडियो आइसोटोप का इस्तेमाल किया जाता हैं। मालूम हो कि रेडियो आइसोटोप थेरेपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विकिरण के एक तरल रूप को जलसेक या इंजेक्शन के माध्यम से आंतरिक रूप से प्रशासित किया जाता है। आरआईटी का अंतिम उद्देश्य सामान्य आसपास के ऊतकों को कम से कम क्षति के साथ कैंसर कोशिकाओं का इलाज करना है। ये उपचार आम तौर पर किसी रोगी के कैंसर से लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पहला तरीका नहीं हैं। डाक्टरों को माना हैं कि रेडियो आइसोटोप विधि कैंसर रोग के इलाज में कारगर विधि हैं जो कि टेलीथेरेपी व ब्रैकीथेरेपी से होने वाले साइडइफेक्ट को बिल्कुल खत्म कर देगी। रेडियो आइसोटोप थेरेपी में दवा के माध्यम से विकिरण करने वाले पदार्थ कैंसर प्रभावित अंगों तक पहुंचाए जाते हैं। जिससे सामान्य कोशिकाएं प्रभावित नहीं होती हैं। न्यूक्लियर मेडिसिन के सहयोग से मरीज के कैंसर वाले पार्ट का इलाज होता है। हालांकि इस दौरान मरीज के शरीर से रेडिएशन निकलता है इसलिए उन्हें अलग आइसुलेशन वार्ड में रखा जाता है। हालांकि अभी इस तरह की सुविधा पूरे प्रदेश में सिर्फ एसजीपीजीआई में उपलब्ध है।