चल गया पता, हैकर्स कैसे कर रहे हैं आपके कार्ड को हैक
मालवेयर एक खतरनाक स्क्रिप्ट होती है जिसमें ऐसे प्रोग्राम लिखे होते हैं जिनके जरिए सिस्टम में रखा डेटा चुराने और उसे बर्बाद करने के मकसद से बनाया जाता है।
नई दिल्ली। इन दिनों डेबिट कार्ड फ्रॉड का जो मामला सुर्खियों में है वो भारत के इतिहास में आज तक नहीं हुआ था। इस फ्रॉड के बाद देश के 6 बैंकों ने लगभग 32 लाख डेबिट कार्ड्स को ब्लॉक कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह मालवेयर वाले एटीएम प्रयोग करने की वजह से हुआ है।
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आईए आज आपको बताते हैं कि आखिर ये मालवेयर है क्या? इतना ही नहीं आज आपको यह भी बताते हैं कि किन तरीकों से एटीएम या फिर डेबिट कार्ड को हैक कर लिया जाता है।
क्या है मालवेयर
मालवेयर एक खतरनाक स्क्रिप्ट होती है जिसमें ऐसे प्रोग्राम लिखे होते हैं जिनके जरिए सिस्टम में रखा डेटा चुराने और उसे बर्बाद करने के मकसद से बनाया जाता है। इसे किसी अटैचमैंट या रिमूवेबल ड्राइव के जरिए सर्वर में इंजेक्ट किया जाता है।
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एक बार इसे सर्वर में डाल दिया जाए तो इसे रन करने के लिए कई बार रिमोट ऐक्सेस की जरूरत होती लेकिन कई बार ये खुद से भी ऐक्टिवेट हो जाते हैं। एक्टिवेट होने के बाद सिस्टम से महत्वपूर्ण डेटा हैकर्स के पास जानी शुरू हो जाती हैं। ऐसे में न सिर्फ एटीएम पिन बल्कि कार्ड की दूसरी जानकारियां जैसे कार्ड नंबर भी हैकर्स आसानी से हैक कर लेते हैं।
Tyupkin अटैक से भी हैक होता है कार्ड
मालवेयर के अलावा Tyupkin अटैक से भी डेबिट कार्ड के डिटेल्स हैक किए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि Tyupkin एक तरह का बैकडोर है । इसके लिए हैकर्स को एटीएम मशीन की जरुरत होती है जिसमें 32 बिट वाला विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग होता है। Tyupkin अटैक करने के लिए बूटेबल सीडी होती है। इस सीडी के जरिए मशीन में इस खतरनाक स्क्रिप्ट को डाला जाता है। मशीन एक बार रीबूट होती है और फिर वो क्रिमिनल्स के कंट्रोल में आ जाती है।