LTC क्या है, जिसके तहत मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए की है कैश वाउचर स्कीम की घोषणा
नई दिल्ली- सरकारी कर्मचारियों और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एलटीसी या छुट्टी के साथ यात्रा रियायत की व्यवस्था है। मोदी सरकार को लगता है कि लॉकडाउन की वजह से देश में बचत बढ़ी है। केंद्र सरकार अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने के लिए मांग बढ़ाना चाहती है। इसके लिए एलटीसी कैश वाउचर स्कीम की घोषणा की गई है, जिसमें छुट्टियों के बदले मिलने वाले कैश को भी शामिल किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि अगर सरकारी कर्मचारी छुट्टियों पर यात्रा के लिए निकलेंगे तो उससे मांग बढ़ाने में सहायता मिलेगी। आइए समझते हैं कि एलटीसी या छुट्टी के साथ यात्रा रियायत क्या है और केंद्र सरकार के 60 लाख कर्मचारी इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं।
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ऑल इंडिया एलटीसी: केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी 4 साल में एक बार एलटीसी सुविधा का लाभ उठाते हुए पूरे भारत में पूरे परिवार के साथ कहीं भी यात्रा कर सकता है। जिस साल कोई कर्मचारी एलटीसी का उपयोग करता है, फिर 4 साल बाद ही उसे यह सुविधा मिल सकती है। इसके तहत यात्रा के लिए कर्मचारी को निर्धारित यात्रा भत्ता लेने का हक है। यानि कर्मचारियों की श्रेणी के मुताबिक उसकी यात्रा के लिए ट्रेन-बस-हवाई जहाज-स्टीमर के किराये का भुगतान सरकार की ओर से की जाती है। इसमें टैक्सी का किराया शामिल नहीं किया जाता और यह सिर्फ एक शहर से दूसरे शहर तक (चाहे जितनी भी दूर हो) की यात्रा के लिए मिलती है। जो सरकारी कर्मचारी हवाई यात्रा का किराया लेने के हकदार हैं, वो सिर्फ एयर इंडिया से ही यात्रा कर सकते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक एलटीसी या छुट्टी के साथ यात्रा रियायत की सुविधा उठाने के लिए यह जरूरी है कि संबंधित कर्मचारी की कम से कम एक साल की सेवा बिना रुकावट पूरी हो चुकी हो। फिर उसे अपने और अपने ऊपर आश्रित परिवार के सदस्यों के लिए इस सुविधा के इस्तेमाल का अधिकार है। एलटीसी की सुविधा संबंधित कर्मचारी के अलावा उसके परिवार के (पति या पत्नी को छोड़कर) सिर्फ उन्हीं सदस्यों को दी जाएगी, जिनकी मासिक आमदनी 9,000 रुपये (पेंशन, स्कॉलरशिप, स्टाइपेंड आदि) से ज्यादा नहीं होगी। जो सदस्य इस दायरे में नहीं आएंगे, उन्हें आश्रित नहीं माना जाएगा।
अगर पति और पत्नी दोनों नौकरी में हैं तो एलटीसी लेने वाले कर्मचारि को यह लिखकर देना अनिवार्य होगा कि उनके पति/पत्नी अपने कार्यालय से एलटीसी नहीं ले रहे हैं। आश्रितों में सरकारी कर्मचारी के दो अविवाहित बच्चे या पूरी तरह उनपर निर्भर गोद लिए हुए बच्चे और अविवाहित नाबालिग भाई के अलावा अविवाहित या तलाकशुदा या विधवा बहन हो सकते हैं, जो सरकारी कर्मचारी पर निर्भर हैं।
होमटाउन एलटीसी: यह एलटीसी सरकारी कर्मचारी को अपने नियुक्ति के स्थान से लेकर भारत में कहीं भी, जहां उसका होमटाउन है वहां जाने के लिए मिलती है। सरकारी कर्मचारी हर चार साल के ब्लॉक में दो बार इसका लाभ उठा सकते हैं। मसलन, जो 2020-21 में यह लाभ उठाएंगे, वो फिर से 2022-23 में इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। होमटाउन का मतलब वही होगा, जो संबंधित कर्मचारी के आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज होगा और उसे वरिष्ठ अधिकारियों से एलटीसी पास कराते समय सत्यापित कराना होगा। यही नहीं, ऑल इंडिया एलटीसी नहीं लेने वाले कर्मचारी सिर्फ अपने लिए होमटाउन एलटीसी का इस्तेमाल हर साल कर सकते हैं यदि उनका परिवार उनसे दूर उनके होम टाउन में रहता है।