जम्मू-कश्मीर में चल क्या रहा है...असमंजस में नेता, ऐक्शन में सरकार
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर में चल क्या रहा है, इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां असमंजस में हैं। दरअसल, जिस तरह से पहले घाटी में 38,000 अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की खबरें आईं और शुक्रवार को अचानक पवित्र अमरनाथ यात्रा पर गए यात्रियों और पर्यटकों को जल्दी से जल्दी घाटी से निकलने की एडवाइजरी जारी कर दी गई, उससे राज्य की विपक्षी पार्टियों में भी हड़कंप मच गया है। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि राज्य में हो क्या रहा है। क्योंकि, सरकार की ओर से भी परस्पर विरोधी संकेत दिए जा रहे हैं। आइए देखते हैं कि शुक्रवार को मोटे तौर पर सरकार और सियासी स्तर पर क्या-क्या हुआ और कहा गया है?
सियासी दलों की आपात बैठक
जम्मू-कश्मीर की कुछ राजनीतिक दलों ने राज्य की मौजूदा परिस्थितियों को लेकर एक इमरजेंसी बैठक की है, जिसमें पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट जैसी पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। दरअसल, जिस तरह से जम्मू-कश्मीर सरकार ने पवित्र अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को यात्रा छोटी करके तत्काल घाटी छोड़ने की कोशिश करने की एडवाइजरी जारी की है, उससे आम लोगों के साथ-साथ सियासी दल भी परेशान हो रहे हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने ये एडवाइजरी आतंकी हमले की आशंकाओं के मद्देनजर जारी किए हैं।
|
अजब सुर अलाप रही है बीजेपी
उधर राज्य बीजेपी की ओर से प्रदेश सरकार के निर्देशों से थोड़ा हटकर बयान देकर उलझन को और बढ़ा दिया गया है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना के मुताबिक,"अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक तय कार्यक्रम के मुताबिक जारी रहेगी। सुरक्षा के कड़े कदम पहले ही उठाए गए हैं और डर का कोई माहौल नहीं है। सभी यात्रियों को पवित्र गुफा तक की यात्रा करनी चाहिए, लेकिन गृहमंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करना चाहिए।"
|
अफवाह पर भरोसा न करें- पुलिस
वहीं राज्य पुलिस की ओर से यह बताया जा रहा है कि राज्य में सबकुछ सामान्य है और लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। कश्मीर के डीसी बसीर अहमद खान के मुताबिक, 'जिले में कोई स्कूल बंद नहीं किया गया है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि अफवाहों पर विश्वास न करें। लोगों को भरोसेमंद जानकारी के लिए अपने संबंधित डीसी से संपर्क करना चाहिए।'
|
उमर ने साधा सरकार पर निशाना
बीजेपी और सरकार की ओर से जो अलग-अलग अंदाज में स्थिति सामने रखने की कोशिश हो रही है, उसके चलते विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। राज्य के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करके कहा है कि, 'अगलीबार अगर कोई जम्मू-कश्मीर की पिछली चुनी हुई सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाए तो कृप्या याद रखें कि हमनें कभी ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने दी, जब अमरनाथ यात्रा रद्द करनी पड़ी हो, पर्यटकों को बाहर निकाला गया हो या घाटी की सड़कों पर दहशत की स्थिति बनने दी गई हो।'
|
महबूबा ने भी बोला सरकार पर हमला
इस बीच पीडीपी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि 'श्रीनगर की सड़कों पर अव्यवस्था का आलम है। लोग एटीएम की ओर भाग रहे हैं, पेट्रोल और दूसरी जरूरी चीजों को स्टॉक कर रहे हैं। क्या भारत सरकार को सिर्फ यात्रियों (अमरनाथ यात्री) की चिंता है और उसने कश्मीरियों को उनके खुद के भरोसे छोड़ दिया है?
इसे भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर खलबली क्यों मची है? 7 प्वाइंट में समझिए