क्या है जीएम फसलें, क्या है विवाद
क्यों जीएम फसलें
दरअसल जैविक बीज अधिक उत्पादकता होते हैं। जीएम फसल उत्पादन करने के पीछे कई लोगों व नेताओं की यह मानसिकता चल रही है कि इन जीएम यानी जैविक बीज से वर्तमान की तुलना में अधिक उत्पादन हो सकेगा। जीएम फसलों के प्रशंसकों का यह भी मानना है कि इससे कृषि क्षेत्र की कई समस्याएं दूर हो जाएंगी। और फसल का उत्पादन का स्तर सुधरेगा।
क्या है इस पर विवाद
भारत में सन 2002 में 55 हजार किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। इन किसानों ने जीएम कपास उगाई थी। फसल रोपने के चार महीने बाद कपास का बढ़ना बंद हो गया था। इसकी पत्तियां भी झड़ने लगी थीं। बताया जाता है। जिसका परिणाम फसल के खराब होने के रूप में सामने आया था। आंध्र प्रदेश में अकेले अस्सी फीसदी कपास की फसल बर्बाद हो गई थी।
क्या है कई विशेषज्ञों का कहना
जीएम कृत्रिम बीज में बालवर्म नाम का एक जिवाणु होता है। जानकार बताते हैं कि बालवर्म नाम के इस जिवाणु से सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है। यह एक खतरनाक एलर्जी भी कर सकता है। यही नहीं अभी तक कोई ऐसा प्रमाण मौजूद नहीं है कि इससे फायदा ही होगा।