जानिए क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे, जिसे अरुण जेटली ने लोकसभा में किया पेश
नई दिल्ली। बजट सत्र के आगाज के साथ ही लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इकोनोमिक सर्वे में पिछले साल उठाए गए सुधार के नियमों के चलते इस वित्त वर्ष में विकास दर के 7-7.5 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। आखिर क्या होता है इकोनोमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वेक्षण, पढ़िए आगे...
इकोनॉमिक सर्वे में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को पेश किया जाता है
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को बताया जाता है। इसके साथ-साथ सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को भी इस रिपोर्ट में पेश किया जाता है। इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वेक्षण में देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति, इसके पूर्वानुमान की विस्तृत जानकारी होती है। ये सर्वेक्षण भविष्य में बनाई जाने वाली नीतियों के लिए एक दृष्टिकोण का काम करता है।
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आर्थिक हालात की रहती है जानकारी
इकोनॉमिक सर्वे वास्तव में वित्त मंत्रालय की ओर से पेश की जाने वाली आधिकारिक रिपोर्ट होती है, जिसे आर्थिक सर्वेक्षण भी कहा जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया जाता है कि सालभर के दौरान विकास की स्थिति कैसी रही, किन-किन योजनाओं को सरकार ने लागू किया, इसकी पूरी जानकारी होती है। वहीं जो भी योजनाएं लागू की गईं, इनके क्या-क्या संभावित परिणाम आने वाले हैं, इसका जिक्र भी रिपोर्ट में रहता है।
आम बजट से पहले आता है इकोनॉमिक सर्वे
इकोनॉमिक सर्वे को आम बजट से पहले संसद में पेश किया जाता है। पिछले वित्त वर्ष में देश की पूरी अर्थव्यवस्था की समीक्षा के बाद वित्त मंत्रालय यह वार्षिक दस्तावेज बनाता है। इकोनॉमिक सर्वे एक विशेष टीम तैयार करती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार के साथ वित्त और आर्थिक मामलों के जानकारों की टीम तैयार करती है। इस समय मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम हैं।