जानिए क्या होता अगर नवजोत सिंह सिद्धू को 2 साल की सजा होती, बहुत कुछ लग जाता दांव पर
अमृतसर, 20 मई। पंजाब कांग्रेस के पूर्व मुखिया नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 30 साल पुराने मामले में एक साल की सजा सुनाई है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर सिद्धू को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती तो क्या होता। अगर सिद्धू को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती तो उनपर अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग सकता था। कानूनी जानकार और पूर्व लोकसभा सांसद पीडीटी आचार्य ने बताया कि अगर सजा दो साल या उससे अधिक की होती तो सिद्धू के चुनाव लड़ने पर 6 साल का प्रतिबंध लग सकता था।

मुश्किल
में
सिद्धू
बता
दें
कि
सुप्रीम
कोर्ट
की
बेंच
जिसमे
जस्टिस
एएम
खानविलकर,
एसके
कौल
शामिल
थे
ने
गुरुवार
को
इस
मामले
में
पुनर्विचार
याचिका
दायर
करने
की
अनुमति
दे
दी
है।
पीड़ित
परिवार
ने
सिद्धू
के
खिलाफ
सुप्रीम
कोर्ट
में
पुनर्विचार
याचिका
दायर
की
थी।
बता
दें
कि
मई
2018
में
सिद्धू
को
कोर्ट
ने
दोषी
करार
दिया
था,
लेकिन
कोर्ट
ने
उन्हें
जेल
की
सजा
नहीं
सुनाई
थी
और
1000
रुपए
का
जुर्माना
लगाया
था।
लेकिन
गुरुवार
को
कोर्ट
ने
फैसला
सुनाते
हुए
कहा
कि
हमे
लगता
है
कि
रिकॉर्ड
के
लिहाज
से
कुछ
गलती
हुई
है,लिहाजा
हमने
इस
मामले
में
पुनर्विचार
याचिका
दायर
करने
की
अनुमति
दी
है।
जो
जुर्माना
लगाया
गया
है
उसकी
बात
करें
तो
एक
साल
की
सजा
का
फैसला
जायज
है।
चुनाव
में
मिली
थी
हार
बता
दें
कि
पूर्व
भाजपा
सांसद
नवजोत
सिंह
सिद्धू
2017
के
चुनाव
से
पहले
कांग्रेस
का
हाथ
थाम
लिया
था।
तत्कालीन
मुख्यमंत्री
अमरिंदर
सिंह
को
पद
से
हटवाने
के
पीछे
सिद्धू
की
बड़ी
भूमिका
थी।
हाल
के
विधान
सभा
चुनाव
में
ना
सिर्फ
कांग्रेस
को
बल्कि
सिद्धू
को
भी
शर्मनाक
हार
का
मुंह
देखना
पड़ा
था।
कांग्रेस
ने
सिद्धू
की
जगह
अमरिंदर
सिंह
राजावारिंग
को
प्रदेश
का
अध्यक्ष
बना
दिया
था।
पंजाब
एआईसीसी
के
इंचार्ज
हरीष
चौधरी
ने
हाल
ही
में
सोनिया
गांधी
को
पत्र
लिखकर
सिद्धू
के
खिलाफ
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
की
मांग
की
थी,क्योंकि
उन्होंने
खुद
को
पार्टी
से
ऊपर
रखने
की
कोशिश
की।
सिद्धू
के
खिलाफ
मोर्चा
चौधरी
ने
23
अप्रैल
को
जो
पत्र
लिखा
था
उसे
पंजाब
प्रदेश
कांग्रेस
कमेटी
के
अध्यक्ष
अमरिंदर
सिंह
राजा
को
भी
भेजा
गया
था
और
इसमे
सिद्धू
की
गतिविधियों
का
जिक्र
किया
गया
था।
वारिंग
ने
इस
पत्र
में
जो
नोट
लिखा
था,
उसमे
उन्होंने
पार्टी
में
रहते
हुए
सिद्धू
की
गतिविधियों
पर
सवाल
खड़ा
किया
था,
साथ
ही
उन्होंने
जिस
तरह
से
पार्टी
से
निष्कासित
नेताओं
के
साथ
बैठक
की
उसपर
सवाल
खड़ा
किया
था।
इसमे
पूर्व
विधायक
सुरजीत
सिंह
धीमन
का
भी
जिक्र
है।