दार्जिलिंग में विरोध-प्रदर्शन पर बोलीं ममता बनर्जी- कल जो हुआ वो बताना मुश्किल
ममता बनर्जी ने कहा है कि अब हालात काबू में हैं और दार्जलिंग में शांति है। उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वो बहुत गलत था और उसको शब्दों में बताना मुश्किल है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के सभी स्कूलों में बंगाली भाषा को अनिवार्य किए जाने को लेकर राज्य के दार्जिलिंग जिले में गोरखा जन मुक्ति मोर्चा ने ममता सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया है। गुरुवार को प्रदर्शन के हिंसक हो जाने और वाहनों को आग लगा दिए जाने के बाद शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है।
ममता बनर्जी ने कहा है कि अब हालात काबू में हैं और दार्जिलिंग में शांति है। उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वो बहुत गलत हुआ और उसको शब्दों में बताना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि दार्जलिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जहां के लोग टूरिज्म से ही आजीविका कमाते हैं, ऐसे में शांति ना रहने पर लोगों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने लोगों से शांति की अपील की।
हालांकि गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के प्रदर्शन क वजह से बड़ी संख्या में सैलानी दार्जिलिंग में फंसे हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए आर्मी की मदद मांगी थी। राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने आर्मी की दो टुकड़ियां भेजी हैं। ये दोनों टुकड़ियां दार्जिलिंग स्थित सेना के बेस की हैं। हर टुकड़ी में 80 जवान हैं। दूसरी ओर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि गोरखा जन मुक्ति मोर्चा ने दार्जिलिंग हिल्स इलाके में अनिश्चितकालीन बंद की भी घोषणा की है। पश्चिम बंगाल सरकार के राज्य के सभी स्कूलों में बंगाली भाषा को अनिवार्य करने के विरोध में ये प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, निजी स्कूलों को भी तीन भाषा की पॉलिसी को मानना होगा। अभी तक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बच्चों के पास बंगाली भाषा चुनने और छोड़ने का विकल्प होता था लेकिन नए नियमों के अनुसार सरकार ने ये अनिवार्य कर दिया है कि स्टूडेंट्स को मातृभाषा, क्षेत्रीय भाषा और अंतर्राष्ट्रीय भाषा तीनों भाषाएं सीखना अनिवार्य है।
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