जानिए नाग पंचमी के बाद क्या हश्र होता है सांपों का
बेंगलुरु। हर साल सावन के महीने में नाग पंचमी के दौरान देश भर के लोग नाग देवता की पूजा करते हैं। सांपों को दूध पिलाते हैं, सांप को स्पर्श कर घर में सुख-शांति की दुआ मांगते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है जिस नाग को आप प्रणाम करते हैं, नाग पंचमी के बाद उसका क्या हश्र होता है? उत्तर है दर्दनाक मौत!
जी हां हर साल नाग पंचमी के करीब दो महीने पहले से देश भर में सांप पकड़ने वाले लोग सक्रिय हो जाते हैं और जंगलों में जाकर एक से एक बेहतरीन सांप खोजते हैं, क्योंकि जितना अच्छा फन, उतने अच्छे दाम। सावन आते-आते ये सांप सपेरों को बेच दिये जाते हैं। सपेरे सांपों के दांत तोड़ने में एक्सपर्ट होते हैं।
इस दौरान सांप के जहर उगलने वाले दांत तोड़ दिये जाते हैं, जिसकी वजह से सांप शिकार तक नहीं कर पाता है।
दूध नहीं पीता है सांप
लोग बड़े चाव से नाग पंचमी पर नाग देवता को दूध पिलाते हैं। उस वक्त सांप बहुत थोड़ा सा दूध पीता है और पीछे हट जाता है। इसका मतलब यह नहीं कि सांप ने आपकी प्रार्थना स्वीकार कर ली, बल्कि वास्तविकता तो यह है कि भूखा-प्यासा सांप खाना तो चाहता है लेकिन मुंह में घाव होने की वजह से कुछ खा-पी नहीं पाता है।
जीव वैज्ञानिकों की मानें तो सांप दूध नहीं पीता है। दूध पीने से सांप की पाचन क्रिया में संक्रमण हो जाता है।
नाग पंचमी के बाद
नाग पंचमी पर मोटी कमाई करने के बाद जब बीमार सांप सपेरों के काम का नहीं रह जाता है, तो वे उसे खुले मैदान या दूर दराज़ के इलाकों में ऐसे ही छोड़ देते हैं। विष दांत तोड़ दिये जाने की वजह से घायल अवस्था में अधिकांश सांप कुछ ही दिन में भूख-प्यास से तड़प कर मर जाते हैं।
क्या कहते हैं सांपों के दोस्त
फ्रेंड्स ऑफ स्नेक्स सोसाइटी, हैदराबाद के सचिव अविनाश विश्वनाथन ने वेबसाइट दि बेटर इंडिया से बातचीत में कहा कि कई बार सांप इतनी बुरी अवस्था में छोड़ दिये जाते हैं कि कुछ ही घंटों में उनकी मौत हो जाती है।
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