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गुजरात क्या चाहता है, परिवर्तन या निरंतरता?

जीत निरंतरता की होगी या परिवर्तन की, ये निर्भर करता है गुजरात की जनता के मूड पर.

By BBC News हिन्दी
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नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी
SAM PANTHAKY/AFP/Getty Images
नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी

गुजरात में विधानसभा का चुनाव निरंतरता और परिवर्तन के बीच एक जंग नज़र आ रहा है.

भारतीय जनता पार्टी लगातार 22 साल शासन करने के बाद निरंतरता की जीत पर आशा लगाए हुए है, जबकि कांग्रेस पार्टी और इसके उपाध्यक्ष राहुल गाँधी हर रैली में वोटरों को परिवर्तन की तरफ़ लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

इस परिवर्तन की अपील में उनका साथ दे रहे हैं चुनाव में उनके भागीदार और पाटीदार आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 24 वर्षीय युवा नेता हार्दिक पटेल. उधर एक दूसरे युवा नेता जिग्नेश मेवाणी भी परिवर्तन के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं.

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हार्दिक पटेल
SAJJAD HUSSAIN/AFP/Getty Images
हार्दिक पटेल

जनता का मूड

जीत निरंतरता की होगी या परिवर्तन की, ये निर्भर करता है गुजरात की जनता के मूड पर. कैफ़े में बैठे आम लोगों से बातें करें या दुकानों और बाज़ारों में लोगों को टटोलें, तब भी इस नतीजे पर आप नहीं पहुँच सकते कि जीत किसकी होगी.

थोड़ी बहुत सहमति अगर है तो केवल इस बात पर कि मुक़ाबला पिछली बार से सख्त है.

भूषण भट
BBC
भूषण भट

मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र जमालपुर के विधायक भूषण भट के अनुसार गुजरात की जनता मौजूदा सरकार से "संतुष्ट" है. "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार से लोग खुश हैं, संतुष्ट हैं. वो बदलाव नहीं चाहते"

सरकार विरोधी राय रखने वाले भी हर जगह मिल जाएंगे लेकिन संभव है कि सरकार से नाखुश रहने के बावजूद वो वोट भाजपा को ही दें.

उनकी पार्टी और प्रधानमंत्री के समर्थकों का तर्क ये है कि विकास से अधिक लोगों को मोदी पर विश्वास है.

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बदलाव की निशानी

सूफी अनवर शैख़
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सूफी अनवर शैख़

सामाजिक कार्यकर्ता सूफी अनवर शेख़, हार्दिक पटेल और राहुल गाँधी की रैलियों को बदलाव की एक निशानी मान रहे हैं. उनसे जब मिला तो वो अपने फ़ोन पर हार्दिक पटेल की मेहसाणा रैली से हो रहा फेसबुक लाइव देख रहे थे.

वो कहने लगे, "देखिये एक लाख लोग हैं इस रैली में. मोदी जी की रैलियों से कहीं अधिक लोग आ रहे हैं हार्दिक की रैलियों में."

उनका दावा है कि गुजरात समाज परिवर्तन की दहलीज़ पर खड़ा है. उनके अनुसार उसकी एक बड़ी वजह ये है "जिस हिंदुत्व के ज़रिए उन्होंने सारे हिंदुस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया उसमें (गुजरात) ये होता था कि सारी कम्युनिटीज़ एक तरफ़ और मुसलमान एक तरफ. इस बार भी ध्रुवीकरण हुआ है लेकिन भाजपा एक तरफ़ और दूसरी सभी कम्युनिटीज़ दूसरी तऱफ."

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीब रह चुके एसके मोदी इन दिनों रिटायरमेंट की ज़िन्दगी बसर कर रहे हैं लेकिन सियासत पर अब भी उनकी गहरी नज़र है और वो सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं.

उनका तर्क है कि हार्दिक पटेल की रैलियों में अधिक भीड़ का ये मतलब नहीं कि वो सभी उन्हें वोट देंगे.

वो कहते हैं कि गुजरात के लोग मोदी जी का साथ नहीं छोड़ रहे हैं क्योंकि जनता उनसे संतुष्ट है.

वो कहते हैं, "गुजरात के लोग निरंतरता के लिए ही वोट दे रहे हैं. हो सकता है कुछ लोग संतुष्ट न हों. कुछ लोगों के मन में असंतोष हो इससे इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है लोगों के अरमान भी बढ़ रहे हैं."

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गुजरात चुनाव
SAM PANTHAKY/AFP/Getty Images
गुजरात चुनाव

लोगों से बात करके ये भी एहसास हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी पर लोगों का विश्वास अब भी टूटा नहीं है.

दुकानदार नरेंद्र पटेल कहते हैं, "मीडिया वाले कह रहे हैं मोदी और भाजपा सरकार से किसान नाराज़ हैं, दलित नाराज़ है और पाटीदार नाराज़ हैं. इसके बावजूद वोट मोदी के नाम पर डाले गए और 14 दिसंबर को भी डाले जाएंगे."

वहीं सूफी अनवर के अनुसार भाजपा के विकास की स्टोरी का सच बाहर आ गया है और जनता, ख़ास तौर से युवा उनसे नाराज़ है.

वो कहते हैं, "भाजपा वही ग़लती कर रही है जो इससे पहले कांग्रेस सरकार ने की थी. कांग्रेस की सरकार से लोग ऊब गए थे. मोदी और शाह जैसे नेता एक नई तरह की राजनीति लेकर आए जिसे कांग्रेस नहीं समझ सकी."

वो कहते हैं, "हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी नई सियासत लेकर आये हैं जिसे भाजपा पहचान नहीं पा रही है. ये भाजपा के दावों के विपरीत है."

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सत्तारूढ़ भाजपा ने गुजरात में अपने लिए कुल 182 सीटों में से 150 सीटों का लक्ष्य रखा है. पिछली बार इसे 115 सीटें मिली थीं. सरकार बनाने के लिए 92 सीटों की ज़रुरत है. कांग्रेस को पिछली बार 61 सीटें मिली थीं.

पार्टी के कई विधायकों को विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अगर उनके क्षेत्र में रैली की तो उनकी जीत पक्की है. उन्हें मोदी की रैलियों में घटती संख्या से ज़ाहिर तौर पर घबराहट नहीं हो रही है.

उन्हें भरोसा है कि अभी गुजरात की जनता परिवर्तन नहीं चाहती. उनके अनुसार लोग निरंतरता चाहते हैं.

गुजरात चुनाव
SAM PANTHAKY/AFP/Getty Images
गुजरात चुनाव
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English summary
What does Gujarat want change or continuation
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