भाई सुनील राउत को मंत्री नहीं बनाए जाने पर क्या बोले संजय राउत? जानिए
नई दिल्ली- उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में अपने भाई सुनील राउत को जगह नहीं मिलने पर शिवसेना नेता और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत की नाराजगी की खबरें थीं। लेकिन, अब संजय राउत ने सफाई दी है कि महाराष्ट्र में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उनके भाई को जगह नहीं मिलने पर उनके परिवार का कोई भी सदस्य नाराज नहीं है और उनका परिवार हमेशा पार्टी से लेने मे नहीं, हमेशा देने में भरोसा करता है।
Recommended Video
भाई को उद्धव कैबिनेट में जगह नहीं दिए जाने को लेकर जब संजय राउत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा है- "मैं और मेरा परिवार हमेशा शिवसेना के साथ रहा है। हम ठाकरे परिवार के प्रति समर्पित हैं। हमारे परिवार ने राज्य में सरकार बनाने में योगदान दिया है।" उन्होंने ये भी समझाने की कोशिश की है कि "यह तीन दलों की एक सरकार है, और हर पार्टी में योग्य लोग हैं। इसलिए कोटा में जो भी उपलब्ध है उसे ही स्वीकार करना पड़ेगा। मुझे खुशी है कि उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं।"
संजय राउत ने ये भी कहा है कि वह पार्टी से लेने में नहीं, बल्कि पार्टी को देने में यकीन रखते हैं। भाई के मंत्री न बनाए जाने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि, "हमने कभी भी कुछ नहीं मांगा है। बल्कि, हम तो पार्टी को देने में विश्वास करते हैं। मेरे भाई सुनील ने कभी भी मंत्री पद की मांग नहीं की। कुछ लोग सिर्फ अफवाह फैला रहे हैं।"
गौरतलब है कि सोमवार को हुए उद्धव मंत्रिमंडल के विस्तार में 36 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। इस विस्तार में एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। अजित पवार के अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे, कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने मंत्री पद की शपथ ली है। उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में अभी तक मुख्यमंत्री के अलावा 6 कैबिनेट मंत्री थे। पिछले 28 नवंबर को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो-दो मंत्रियों ने शपथ ली थी। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की साझा सरकार है। नियम के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा 42 मंत्री हो सकते हैं।