अम्फान: BSF और कोस्ट गार्ड की राज्यपाल ने की तारीफ, ममता सरकार पर खड़े किए सवाल
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच दो दिन पहले अम्फान तूफान पश्चिम बंगाल के तट से टकराया था। जिससे राज्य में भारी नुकसान हुआ है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे कर 1000 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया था। वहीं दूसरी ओर इस मुश्किल वक्त में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में जुबानी जंग जारी है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर ममता सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। राज्यपाल के मुताबिक इस मुश्किल घड़ी में केंद्र राज्य सरकार की पूरी मदद करेगा।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि अम्फान पर मैं राज्य सरकार से कोई चर्चा नहीं कर सकता हूं। ये दुर्भाग्य की बात है। इंडियन कोस्ट गार्ड और बीएसएफ के साथ उन्होंने चर्चा की है। सभी ने तूफान के दौरान अच्छा काम किया है। उन्होंने भारतीय सेना से भी बात की थी, जो पूरी तरह से राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार थी। उन्होंने ममता सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि आखिर अम्फान के दौरान कोलकाता नगर निगम ने क्या किया। आपको बता दें कि नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो गया था, जिसके बाद ममता सरकार ने एक बोर्ड का गठन किया, जिसमें ज्यादातर तृणमूल कांग्रेस के पार्षद हैं। ममता सरकार के इस फैसले से राज्यपाल नाराज हैं।
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि तूफान के दौरान ज्यादातर मौतें पेड़ गिरने की वजह से हुईं। ऐसे में राज्य सरकार ने कोई व्यवस्था क्यों नहीं की थी। राज्यपाल धनखड़ के मुताबिक अगर इस मुश्किल घड़ी में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री साथ हैं, तो ये राज्य के लोगों के लिए अच्छी बात है। राहत पैकेज पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जो 1000 करोड़ रुपये की घोषणा की है, वो पूरा पैकेज नहीं है, ये सिर्फ एक शुरूआत है।
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85
लोगों
की
मौत
आपको
बता
दें
कि
अम्फान
तूफान
ने
बंगाल
में
भारी
तबाही
बचाई
है।
अब
तक
वहां
पर
85
लोगों
की
मौत
की
खबर
है।
पश्चिम
बंगाल
सरकार
ने
अब
राहत
और
बचाव
कार्य
के
लिए
सेना
की
मदद
मांगी
है।
एनडीआरएफ
और
एसडीआरएफ
की
टीमें
बुधवार
से
ही
राहत
कार्य
में
जुटी
हुई
हैं।
साथ
ही
रेलवे,
पोर्ट
और
प्राइवेट
सेक्टर
से
भी
मदद
मांगी
गई
है।
सरकार
के
मुताबिक
पीने
के
पानी
की
व्यवस्था
और
ड्रेनेज
इन्फ्रास्ट्रक्चर
को
सुधारना
प्राथमिकता
है।