तेज प्रताप यादव पर क्या बोले ससुर चंद्रिका राय
आरजेडी ने जब सारण से चंद्रिका राय को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी, उस समय लालू प्रसाद यादव के बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गए थे.
बिहार की सारण लोकसभा सीट इन दिनों चर्चा में है.
इस सीट पर महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल ने चंद्रिका राय को उम्मीदवार बनाया है जिनका मुक़ाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजीव प्रताप रूड़ी से है.
आरजेडी ने जब सारण से चंद्रिका राय को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी, उस समय लालू प्रसाद यादव के बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गए थे.
तब तेज प्रताप यादव ने लालू-राबड़ी मोर्चा बनाते हुए जहानाबाद और शिवहर से अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान किया था.
सारण सीट से चंद्रिका राय को टिकट दिए जाने का विरोध करते हुए उन्होंने कहा था कि ये लालू यादव की पारंपरिक सीट रही है. उन्होंने कहा था कि वो अपनी मां राबड़ी देवी से इस सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध कर रहे हैं और ऐसा नहीं हुआ तो ख़ुद चुनाव मैदान में उतरेंगे.
चंद्रिका राय दरअसल तेज प्रताप यादव के ससुर हैं. तेज प्रताप ने पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक़ की अर्जी दे रखी है.
तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद की एक वजह मानी जा रही सारण सीट पर चुनाव लड़ रहे चंद्रिका राय इसे लेकर क्या सोचते हैं, ये जानने के लिए हमने उनसे बात की.
'कोई सीट पुश्तैनी नहीं होती'
सारण से टिकट मिलने को लेकर चंद्रिका राय कहा कि उन्हें 'निजी संबंधों' की वजह से नहीं बल्कि अपने दम पर टिकट मिला है.
उन्होंने कहा, "मैं छह बार से विधायक हूं, कई बार मंत्री रह चुका हूं. निजी संबंध अपनी जगह हैं, राजनीति अपनी जगह हैं. बहुत से लोग तो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. मैं तो ऐसी जगह से विधायक हूं जहां से कभी आरजेडी हारी नहीं है."
चंद्रिया राय से जब पूछा गया कि उनके दामाद तेज प्रताप यादव ने उनके सारण से लड़ने पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि ये उनके परिवार की पुश्तैनी सीट है.
इस पर राय ने कहा, "मैं इस बात पर यक़ीन नहीं करता. यह जनता की बात होती है, जनता जिसे चाहती है, उसे बनाती है. पुश्तैनी या ग़ैर-पुश्तैनी जैसी कोई बात नहीं है. जनता जब चाहेगी आपको जिताएगी, जब चाहेगी हराएगी."
'लालू-राबड़ी मोर्चा बेअसर'
तेज प्रताप यादव ने भले ही लालू-राबड़ी मोर्चा बनाया हो मगर उन्होंने उसी समय स्पष्ट कर दिया था कि यह मोर्चा आरजेडी से अलग नहीं है.
आरजेडी ने भी तेज प्रताप का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया है मगर वह प्रचार करते नज़र नहीं आ रहे.
इस पर चंद्रिका राय ने कहा, "पाटलिपुत्र में तो कर रहे हैं." पाटलिपुत्र से तेज प्रताप यादव की बहन मीसा भारती चुनाव लड़ रही हैं.
लालू-राबड़ी मोर्चे को लेकर राय कहते हैं कि इसके गठन से कोई असर नहीं पड़ा है.
उन्होंने कहा, "इससे क्या फ़र्क पड़ा? जनता के बीच इसका महत्व नहीं है. जनता मुद्दे देखती है. इन चीज़ों का फ़ायदा मीडिया को ही होता है."
'सक्षम के हाथ ही हो पार्टी की कमान'
चूंकि लालू यादव अभी जेल में हैं और पार्टी की कमान उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथ में है. क्या वह उसी तरह पार्टी को आगे ले जाएंगे जिस तरह से लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम-यादवों को साथ लाकर नया समीकरण गढ़ा था? क्या वह युवा पीढ़ी और पिछली पीढ़ी के बीच संतुलन बना पाएंगे?
इस पर चंद्रिका राय ने कहा, "जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद उनके व्यक्तित्व में काफ़ी बदलाव आया है. मुझे उम्मीद है कि तेजस्वी लालू की ही तरह आगे बढ़ेंगे."
लेकिन जिस तरह से दोनों भाइयों में दरार पैदा हो गई, क्या उससे नेतृत्व पर सवाल नहीं उठते कि घर में ही मामले को नहीं सुलझा पाए?
इस पर राय ने कहा, "टकराव तो छोटा-मोटा होता रहता है. इससे किसी के व्यक्तित्व पर असर नहीं पड़ता. ये निजी बातें हैं. इसे अलग से देखें तो लोगों को ये चीज़ें नज़र नहीं आतीं."
चंद्रिका राय से पूछा गया कि क्या उनके मन में ऐसी चाहत नहीं है कि आपके दामाद के हाथ में पार्टी की कमान हो.
इसके जवाब में उन्होंने कहा, "नहीं, जो कैपेबल हैं, उनके हाथ में पार्टी होनी चाहिए."
बेटी-दामाद की अनबन
ऐश्वर्या राय और दामाद तेज प्रताप के बीच अनबन को लेकर चंद्रिका राय ने कहा कि यह दुखी होने वाली बात है, मगर सामान्य है.
उन्होंने कहा, "बहुस से घरों में ऐसी बातें हो सकती हैं. बहुत सारे अच्छे संबंध बिगड़ जाते हैं तो कई बार बुरे संबंध भी ठीक हो जाते हैं."
क्या तेज प्रताप की ओर से तलाक़ की अर्ज़ी वापस ले ली गई है?
इसके जवाब में चंद्रिका राय ने कहा, "मैं नहीं समझता कि वापस ले ली गई है. ये संबंध का मामला है, कोर्ट में है. किसी के भी घर में हो सकता है. कल को हो सकता है संबंध अच्छा हो जाए, इसको तूल देने की ज़रूरत नहीं. हो सकता है कि आज जो सवाल कर रहे हैं, उनके घर में ऐसा हो जाए. राजनीतिक बातें राजनीति तक सीमित होनी चाहिए, निजी कारणों में नहीं जाना चाहिए."
चंद्रिका राय ने कहा कि मीडिया ने इस मामले को हाइप देने की कोशिश की है और इस संबंध में अधिक बात करने से इनकार कर दिया.