यूपी में 1 लाख 33 हजार लड़कियां 14 साल से कम उम्र में हुईं विधवा
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। सरकार ने शुक्रवार को जाति पर आधारित जनगणना के कुछ हिस्सों को जारी किया। इसमें कुछ चीजें ऐसी थी जिन्हें जानने के बाद आप गर्व करेंगे लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी है जो शायद आपको अफसोस और दुख जताने पर मजबूर करें। जी हां आंकड़े बताते हैं कि यूपी में 1 लाख 33 हजार लड़कियां 14 साल से कम उम्र में विधवा हो गईं।
यह तो सिर्फ अनुसूचित जाति का आंकड़ा है। अगर जनरल कास्ट को मिलायें तो यह संख्या कहीं ज्यादा होगी। खैर हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश में रहने वाले अनुसूचित जाति के वैवाहिक स्टेटस की। यह स्टेटस सेंसेक्स 2011 की रिपोर्ट में जारी किया गया है।वहीं अगर हर उम्र वर्ग की बात करें तो 12 लाख 5 हजार 568 महिलाएं विधवा हैं।
14 साल से कम उम्र की लड़कियों का विधवा होना कई सवाल खड़ा करता है। सवाल यह है कि जिस उम्र में उन्हें अपने भविष्य संवारने का सपना संजोना चाहिए उस उम्र में वो विधवा बन कर सामाजिक रिति-रिवाजों में बंध जाती हैं। वहीं इस जनगणना में तलाकशुदा महिलाओं के भी आंकड़े दिए गये हैं। 14 साल या उससे कम उम्र की 336 लड़कियां ऐसी हैं जिनका तलाक हो चुका है।
वहीं सभी उम्र की तलाकशुदा महिलाओं की बात की जाए तो उनकी उम्र 15 हजार 356 है। आपको बताते चलें कि जाति पर आधारित ये पहली जनगणना है। इससे पहले इस तरह की जनगणना साल 1932 में की गई थी।