Special Flights:विदेश यात्रा के लिए अभी क्या हैं शर्तें और कब सामान्य होगी उड़ान, सबकुछ जानिए
नई दिल्ली- भारत-अमेरिका-फ्रांस और जर्मनी के बीच आपसी सहमति से कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की व्यवस्था हुई है, लेकिन इनमें सीटों की संख्या इतनी कम है कि भारतीय नागरिकों समेत बाकियों को भी जगह मिलने में दिक्कत हो रही है, काफी दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि, भारतीय और विदेशी एयरलाइंस कंपनियों में यह सहमति है कि वो किसी भी देश के नागरिकों को अपनी फ्लाइट में जगह देंगे, लेकिन यात्रियों के लिए दिक्कत ये है कि वो जहां जाना चाहते हैं, वहां की सरकार ने उनके लिए क्या तय कर रखा है। क्योंकि, कोरोना संक्रमण फैलने पर सबसे पहले कोई भी देश अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर ही पाबंदी लगाता है, इसलिए आप जहां जाना चाह रहे हैं, वहां आपको घुसने की इजाजत मिलेगी या नहीं यह पता करके ही फ्लाइट पकड़ने में समझदारी है।
स्पेशल फ्लाइट्स में कौन कर सकते हैं यात्रा?
सिविल एविएशन मंत्रालय के मुताबिक वे भारतीय नागरिक अभी भी अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं, जिनके पास गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के तहत विदेश जाने की इजाजत है और जिनके पास वैद्य अमेरिकी वीजा है। इनके अलावा अमेरिकी नागरिकों, वहां के वैद्य स्थायी निवासियों और उन विदेशी नागरिकों को जाने की इजाजत है, जिनके पास अमेरिका का वैद्य वीजा मौजूद है। इसी तरह फ्रांस और जर्मनी वे लोग भी जा सकते हैं, जो यूरोपीयन यूनियन देशों के नागरिक या निवासी हैं। जिन विदेशी नागरिकों को वहां जाने की इजाजत है और इसके पर्याप्त दस्तावेज हैं, उन्हें भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान पकड़ने की अनुमति है। इसके अलावा जिन भारतीय नागरिकों के पास यूरोपीयन यूनियन जाने की इजाजत है, वे भी ऐसे फ्लाइट्स में सफर कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय उड़ान पकड़ने से पहले यह सावधानी है जरूरी
इसलिए सिविल एविएशन मंत्रालय ने स्पष्ट कर रखा है कि इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए टिकट बुक कराने से पहले यात्री यह जरूर कंफर्म कर लिए कि वह जिस देश की यात्रा करना चाहते हैं, वहां उन्हें अभी जाने की अनुमति है या नहीं। मसलन, भारतीय यात्रियों को यूरोपीय यूनियन के देशों में जाने के बाद घुसने में दिक्कत हो सकती है। क्योंकि, भारत में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए यहां के यात्रियों को अनुमति नहीं दी गई है। यूरोपीयन यूनियन ने पिछले 1 जुलाई को 15 देशों की लिस्ट जारी की थी, जहां से आने वाले यात्रियों को इजाजत दी गई थी। इस लिस्ट को 16 जुलाई को अपडेट किया गया और देशों की संख्या 13 कर दी गई। लेकिन, इन दोनों में से भारत किसी भी लिस्ट में शामिल नहीं है।
कब से सामान्य होगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान?
सिविल एविएशन मंत्री हरदीप पुरी ने कई बार कहा है कि यह कोरोना वायरस पर निर्भर करता है कि सामान्य उड़ानें कब से शुरू हो सकेंगी। क्योंकि, जिन देशों में भी कोरोना का खतरा बढ़ता है, वह सबसे पहला कदम यही उठाते हैं कि बाहर से आने वाली उड़ानों को रोक देते हैं। क्योंकि, शुरू से देखा गया है कि बाहर से आने वाले लोगों की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जब तक संक्रमण का खतरा रहता है, कोई भी देश सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को हरी झंडी देने से परहेज करते हैं। उदाहरण के लिए न्यूजीलैंड ने कोरोना मुक्त होने की घोषणा कर दी थी। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने के बाद वहां दोबारा केस आने शुरू हो गए, लिहाजा उसने फिर से इसपर रोक लगा दी है।
वंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया से सफर जारी
वैसे एयर इंडिया वंदे भारत मिशन के तहत दुनिया के कई देशों में पहले से ही यात्राएं शुरू कर चुकी है, कुछ प्राइवेट एयरलाइंस भी लंबी दूरी की उड़ानें की तैयारियां कर रही हैं। क्योंकि, जानकार मानते हैं कि इस समय यात्री अधिकतर नॉन-स्टॉप फ्लाइट ही चाहते हैं, ताकि उड़ान में समय कम से कम लगे। यही वजह है कि लो-कॉस्ट एयरलाइंस स्पाइसजेट ने भारत सरकार से अमेरिका और यूके तक सीधी उड़ान भरने वाला दर्जा हासिल किया है। हालांकि, कंपनी को अभी उन देशों से मंजूरी लेना बाकी है, साथ ही साथ उसे लंबी दूरी के उड़ानों के लायक बड़े एयरक्राफ्ट भी लेने पड़ेंगे। जानकारी के मुताबिक इसके लिए वह कुछ विदेशी एयरलाइंस कंपनियों से भी बात कर रही है।