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कश्‍मीर पर लेखिका अरुंधति राॅय का मानना, बंदूकों के दम पर भारत ने कायम रखी है ताकत!

लेखिका अरुंधति रॉय संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की सजा के खिलाफ थीं। हमेशा से कश्‍मीर की आजादी का समर्थन करती आई हैं रॉय और वर्ष 2010 में उन पर देशद्रोह का केस भी हुआ था दर्ज।

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नई दिल्‍ली। पिछले दिनों एक्‍टर और सांसद परेश रावल ने लेखिका अरुंधति रॉय पर एक ट्वीट किया। उनके इस ट्वीट पर विवाद हुआ और उन्‍हें अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ गया। रावल ने यह ट्वीट रॉय के उस इंटरव्‍यू के बाद किया था जिसमें दावा किया गया था कि रॉय ने कहा है कि 70 लाख सैनिकों के साथ भी इंडियन आर्मी कश्‍मीर में आजादी गैंग को हरा नहीं सकती है। हालांकि बाद में खबरें आईं कि यह इंटरव्‍यू झूठा है।

भारत कश्‍मीर पर कब्‍जे वाली ताकत

भारत कश्‍मीर पर कब्‍जे वाली ताकत

परेश रावल ने ट्वीट कर लिखा था कि पत्‍थरबाज को जीप पर बांधने की बजाय अरुंधति रॉय के जीप से बांध देना चाहिए। रॉय का कहना था कि उन्‍होंने इस तरह का कोई इंटरव्‍यू दिया ही नहीं था। भले ही रॉय ने कश्‍मीर पर ऐसी कोई बात अभी नहीं कही है लेकिन वह अक्‍सर ही अपने कश्‍मीर विरोधी बयानों की वजह से सुर्खियों में रही हैं। अरुं‍धति रॉय हमेशा से भारत को कश्‍मीर पर कब्‍जा करने वाली ताकत कहती आई हैं।

 बंदूकों के दम पर सत्‍ता

बंदूकों के दम पर सत्‍ता

उन्‍होंने कहा था कि भारत हमेशा बंदूकों के दम पर अपनी सत्‍ता को फैलाने में लगा हुआ है। वर्ष 2010 में अरुंधति रॉय पर देशद्रोह का केस भी दर्ज हुआ था। उनके खिलाफ एक कश्‍मीरी पंडित ने केस दर्ज कराया था। उन पर आरोप था कि उन्‍होंने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता सैय्यद अली शाह गिलानी की ओर से आयोजित सेमिनार में हिस्‍सा लिया था। उन पर यह आरोप भी लगा कि उन्‍होंने कश्‍मीर की समस्‍या का अंत इसकी आजादी में बताया था। हालांकि बाद में गृह मंत्रालय ने इस केस को बंद कर दिया था।

कश्‍मीर एक आजाद देश

कश्‍मीर एक आजाद देश

वर्ष 2011 में एक आर्टिकल आया जिसका टाइटल था, 'द डेड बिगिन टू स्‍पीक अप इन इंडिया।' इस आर्टिकल में अरुंधति रॉय के हवाले से लिखा था, 'कश्‍मीर अब अकेला होने की प्रक्रिया में है। इसे दो केंद्रीय ताकतों के जरिए पूरी दुनिया से काट दिया गया है-नई दिल्‍ली और श्रीनगर। हालांकि यह पहले ही एक आजाद देश है जहां पर अपना एक वीजा प्रबंधन है। सीमाओं के अंदर यह सेना और सरकार के लिए एक खुले सत्र है। कश्‍मीरी पत्रकारों और साधारण लोगों को नियंत्रित करने की कला घूसखोरी, धमकी, ब्‍लैकमेलिंग और क्रूरता का खतरनाक मिश्रण है।'

कश्‍मीर को मिले आजादी

कश्‍मीर को मिले आजादी

अरुंधति रॉय ने कहा था कि कश्‍मीर के असली हकदार सिर्फ यहां के लोग हैं। उन्‍हें आजादी चाहिए। साथ ही उनका मानना था कि कश्‍मीर के लोगों की पसंद को सम्‍मान जरूर करना चाहिए। खुद पर लगे देशद्रोह के आरोपों पर उनका कहना था कि अगर कश्‍मीर की आजादी पर उन्‍हें अपनी दिल की बात बोलने पर देशद्रोही माना जाता है तो फिर पंडित जवाहर लाल नेहरु के खिलाफ भी मरणोपरांत देशद्रोह का केस होना चाहिए।

अफजल की फांसी लोकतंत्र पर धब्‍बा

अफजल की फांसी लोकतंत्र पर धब्‍बा

अरुंधति रॉय ने अफजल गुरु की सजा पर भी बातें की हैं। वर्ष 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु पर उनका कहना था कि अफजल पर लगे सभी इल्‍जाम गलत थे और उसके साथ सही इंसाफ नहीं हुआ था। वर्ष 2013 में अफजल गुरु को जब फांसी हुई तो अरुंधति ने इसे लोकतंत्र पर धब्‍बा बताया था।

Comments
English summary
The writer has maintained that India is an "occupying force" in Kashmir. She has said that India wields its power through the barrel of the gun.
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