चुनाव आयोग पहुंचे टीएमसी नेता, बोले- बीएसएफ जवान गावों में जाकर लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए धमका रहे
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में भाजपा बीएसएफ को भेज रही है। बीएसएफ के जवान गांवों में जाकर लोगों को भाजपा को वोट देने के लिए धमका रहे हैं। पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मामलों के मंत्री और कोलकाता के महापौर फरहाद हाकिम ने गुरुवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने के बाद ये कहा है।
टीएमसी नेता हाकिम ने कहा कि बीएसएफ का इस तरह से राजनैतिक इस्तेमाल गलत है। बीएसएफ एक अराजनैतिक बल है लेकिन भाजपा अपने पक्ष में वोटिंग के लिए बीएसएफ के जरिए लोगों को आतंकित कर रही है। जिसको लेकर मैंने चुनाव आयोग से शिकायत की है। इस पर आयोग ने कहा कि हम इसकी जांच कराएंगे।
हाकिम ने कहा, बीजेपी का कहना है कि राज्य में दस फीसदी मतदाता बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा कि मतदाता सूची आप तैयार करते हैं, ऐसे में ये आरोप तो सीधा आप पर है। साथ ही हमने चुनाव आयोग से भाजपा की सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिशों पर भी ध्यान देने की गुजारिश की है। भाजपा की रैलियों में 'गोली मारो' जैसे और समाज को बांटने वाले नारे लग रहे हैं। हम शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। इसी को लेक हम आयोग के अधिकारियों से मिले हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भारत-बाग्लादेश सीमा पर फूलबाड़ी क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सीमा पर राज्य की ममता सरकार कटीले तारों की घेराबंदी करने में सहयोग नहीं कर रही है। उसकी मंशा बांग्लादेशियों की घुसपैठ करा कर अपना वोट बैंक बढ़ाने की है। इस समय मतदाता सूची में भी बड़े पैमाने पर घुसपैठियों का नाम है।
घोष ने कहा कि यह चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह यह सुनिश्चित करे कि लोग बिना किसी डर के मतदान करें। जरूरी है कि केंद्रीय बलों को जल्दी ही यहां तैनात किया जाए। ताकि एक ऐसा माहौल बन सके, जिसमें लोग शांति से वोट डाल सकें। बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले लगातार सियासी हलचल देखने को मिल रही है। खासतौर से भाजपा और टीएमसी में टकराव ज्यादा दिख रहा है।