पश्चिम बंगाल में भाजपा-ममता सरकार आमने-सामने, प्रोटेस्ट मार्च पर अड़ी BJP
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के बीच टकराव लगातार जारी है। भाजपा ने बुधवार को सचिवालय नाबन्ना तक विरोध मार्च करने का ऐलान किया था, लेकिन सरकार ने इस मार्च की अनुमति नहीं दी है। दरअसल जिस तरह से शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, जिसमे कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक स्थलों पर दिक्कत पैदा करके आंदोलन नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले का हवाला देते हुए ममता सरकार ने विरोध मार्च की अनुमति नहीं दी।
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ममता सरकार के इनकार के बावजूद भारतीय जनता पार्टी मार्च को लेकर तैयारी में जुटी है। पश्चिम बंगाल के भाजपा चीफ दिलीप घोष ने कहा कि हम जानबूझकर नबन्ना में धारा 144 को तोड़ेंगे। धारा 144 का ना सिर्फ टीएमसी बल्कि अन्य दल भी उल्लंघन करतरे हैं। बता दें कि भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या भी बुधवार को इस मार्च में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि दीदी डरी हुई हैं, मैंने ये सुना है कि दीदी ने मुख्यमंत्री कार्यालय भी बंद कर दिया है, यह डर अच्छा है, यह इस बात का इशारा है कि बंगाल में परिवर्तन आ रहा। गौरतलब है कि नौबन्ना में ही मुख्यमंत्री कार्यालय है, जिसे गुरुवार और शुक्रवार को सैनेटाइजेशन के लिए बंद रखा गया है। सरकार के इस फैसले का भाजपा ने मजाक उड़ाया है।
बता दें कि युवा मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में तेजस्वी की यह पहली विरोध रैली है। उन्हें हाल ही में इस पद पर नियुक्त किए गया है। बीजेपी ने भ्रष्टाचार और एसएससी/टीईटी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी, बेरोजगार युवाओं के लिए नौकरी सुनिश्चित करने में असमर्थता, विभिन्न परीक्षाओं के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाने में असफलता,पीएससी को भ्रष्टाचार से मुक्त करना और भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाना सहित कई मुद्दों पर बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए सात सूत्री एजेंडा तैयार किया है।
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